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 नेहरू की विरासत बचानी होगी : राहुल

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नई दिल्ली| कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने मंगलवार को कहा कि देश में पंडित जवाहरलाल नेहरू की विरासत मिटाने की कोशिश की जा रही है, ऐसी कोशिशों को तुरंत रोकने की जरूरत है। देश के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित नेहरू की 125वीं जयंती के मौके पर यहां आयोजित एक अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन में राहुल ने कहा, “नेहरू एक प्राचीन विचार हैं, लेकिन वह जीवंत भारत का एक हिस्सा भी हैं। उनके विचार और उनकी राजनीति यहां आज ज्यादा मौजूद हैं।”

बिना किसी का नाम लिए उन्होंने कहा, “कुछ लोग नेहरू की विरासत को देश से मिटाने की कोशिश कर रहे हैं।”

उन्होंने कहा, “यह महत्वपूर्ण है कि देश के लोग इस शांतिपूर्ण भारत को, नेहरू के भारत को, एक ऐसे भारत को बचाएं, जो धर्मनिरपेक्ष और सहिष्णु है।”

राहुल ने कहा, “यह विरासत, जिसने किसी महिला या पुरुष की आवाज नहीं दबने दी और जिसके संरक्षण के लिए हम लगभग 70 सालों से संघर्ष कर रहे हैं, आज वह विरासत पहले से कहीं ज्यादा महत्वपूर्ण है।”

कांग्रेस उपाध्यक्ष ने कहा कि नेहरू विचार पुरुष थे न कि विचारक। उन्होंने कभी किसी पर अपने विचार नहीं थोपे।

उन्होंने कहा, “भारत एक ऐसा देश है जहां लोकतांत्रिक सिद्धांत गहराई से पोषित हैं। नेहरू ने इन लोकतांत्रिक आदर्शो को विकसित और सुरक्षित किया है। इसीलए आज भारत एक ऐसा देश है जहां आबादी का छठा हिस्सा शांतिपूर्ण माहौल में रहता है।”

नेशनल

केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया की मां का निधन, दिल्ली एम्स में ली अंतिम सांस

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नई दिल्ली। केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया की माता व ग्वालियर राज घराने की राजमाता माधवी राजे सिंधिया का निधन हो गया है। उनका इलाज पिछले दो महीनों से दिल्ली के एम्स में चल रहा था। आज सुबह 9.28 बजे उन्होंने दिल्ली के एम्स में आखिरी सांस ली।

हाल ही में ज्योतिरादित्य सिंधिया ने बताया था कि, राजमाता माधवी राजे को सांस लेने में तकलीफ होने पर उन्हें 15 फरवरी को दिल्ली एम्स में भर्ती कराया गया था। इसी साल 6 मार्च को भी उनकी तबीयत अचानक बिगड़ गई थी। उस समय भी उनकी हालत नाजुक थी और उनको लाइफ सपोर्टिंग सिस्टम पर रखा गया था।

पहली बार 15 फरवरी को माधवी राजे की तबीयत बिगड़ी थी, उन्हें सांस लेने में तकलीफ हो रही थी। उसके बाद से ही उनकी हालत नाजुक बनी हुई थे। वे लाइफ सपोर्ट सिस्टम पर थीं। ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कुछ समय पहले यह जानकारी शेयर की थी।

नेपाल राजघराने से माधवीराजे सिंधिया का संबंध है। उनके दादा शमशेर जंग बहादुर राणा नेपाल के प्रधानमंत्री थे। कांग्रेस के दिग्गज नेता माधवराव सिंधिया के साथ माधवी राजे के विवाह से पहले प्रिंसेस किरण राज्यलक्ष्मी देवी उनका नाम था। साल 1966 में माधवराव सिंधिया के साथ उनका विवाह हुआ था। मराठी परंपरा के मुताबिक शादी के बाद उनका नाम बदलकर माधवीराजे सिंधिया रखा गया था। पहले वे महारानी थीं, लेकिन 30 सितंबर 2001 को उनके पति और पूर्व केंद्रीय मंत्री माधवराव सिंधिया के निधन के बाद से उन्हें राजमाता के नाम से संबोधित किया जाने लगा।

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