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अन्तर्राष्ट्रीय

हैती में 14 लाख लोगों को मदद की जरूरत : बान की मून

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बान की मूनसंयुक्त राष्ट्र,  संयुक्त राष्ट्र प्रमुख बान की मून ने सोमवार को संवाददाताओं को बताया कि हैती में तूफान ‘मैथ्यू’ की तबाही के बाद 14 लाख लोगों को मदद की जरूरत है। बान ने कहा कि तूफान से हैती के कुछ कस्बे और गांव पूरी तरह से नष्ट हो गए हैं और इससे हैजा जैसी बीमारियों के होने का खतरा है।

उन्होंने यह भी बताया कि संयुक्त राष्ट्र को अगले तीन महीनों में आपातकाल से निपटने और मददगारी कार्यो के लिए 12 करोड़ डॉलर की जरूरत है।

उन्होंने अंतर्राष्ट्रीय समुदाय से इस दिशा में मिलकर काम करने का आह्वान किया।

बान ने स्वच्छ पानी, स्वच्छता और स्वास्थ्य प्रणालियों की दिशा में सभी देशों से मिलकर काम करने का आह्वान किया। गौरतलब है कि यह पिछले कई वर्षो में कैरीबियाई देशों में सबसे शक्तिशाली तूफान है।

संयुक्त राष्ट्र आंकड़ों के मुताबिक, इससे लगभग 20,000 घर नष्ट हो गए हैं और 15,600 से अधिक लोगों को सुरक्षित बाहर निकाला गया है। मृतकों की संख्या बढ़कर 1,000 तक हो सकती है।

अन्तर्राष्ट्रीय

जेपी मॉर्गन के CEO बोले- अमेरिका को भी पीएम मोदी जैसे मजबूत नेता की जरुरत

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नई दिल्ली। अमेरिकी बैंकिंग फर्म जेपी मॉर्गन चेज के सीईओ जेमी डिमन ने भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जमकर तारीफ की है। उन्होंने तो यहाँ तक कह दिया कि अमेरिका को भी पीएम मोदी जैसे मजबूत नेताओं की आवश्यकता है। जेमी डिमन ने कहा कि पीएम मोदी ने भारत में जबदरस्त और अविश्वसनीय काम किया है। अमेरिका में भी भारत नरेंद्र मोदी की तरह का प्रधानमंत्री होना चाहिए।

इकोनॉमिक क्लब ऑफ न्यूयॉर्क की तरफ से आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए जेमी डिमन ने कहा कि मैं अमेरिका के लिबरल प्रेस को जानता हूं, जो लगातार नरेंद्र मोदी की आलोचना करते हैं। उन्होंने 40 करोड़ लोगों को गरीबी से बाहर निकाला है.। इस दौरान डिमन ने भारत में गरीबी उन्मूलन, बुनियादी ढ़ांचे आर्थिक विकास समेत कई अन्य विषयों पर खुलकर बात रखीं।

उन्होंने कहा, “अमेरिका के कई अधिकारी भारत को लेकर कई बातें कहते हैं, लेकिन अपना देश कैसे चलाना है इस बारे में सोचने की जरूरत है। भारत में नरेंद्र मोदी चुनौतियों का सामना कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि कुछ देशों की सरकारें जलवायु परिवर्तन और श्रम अधिकारों को लेकर भारत की आलोचना करती हैं, जबकि उनके पास शौचालय जैसी मूलभूत सुविधाएं नहीं है। फिर भी वो डटकर चुनौतियों का समाना कर रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘भारत ने एक नई चलन शुरू की है, जिसमें लोगों को फिंगर प्रिंट और आंख से पहचान की जाती है। यह भी भारत के लिए एक उल्लेखनीय है।

डिमन ने आगे कहा कि भारत मूलभूत सुविधाओं पर काम करते हुए आगे की दिशा में काम कर रहा है। विकासशील देश से विकसित देश की ओर बढ़ने के लिए वहां की सरकार लगातार प्रयास कर रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश को बढ़ाने के लिए लगातार काम कर रहे हैं।

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