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हिरासत में शाह, बोले- 13,860 करोड़ रुपये मेरे नहीं, कारोबारियों व नेताओं के

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mahesh-shahअहमदाबाद। आयकर घोषणा योजना (आईडीएस) के तहत दो महीने पहले 13,680 करोड़ रुपये की अघोषित संपत्ति का खुलासा करने वाले गुजरात के कारोबारी महेश शाह ने शनिवार को कहा कि कुछ कारोबारियों व राजनेताओं ने अपने पैसे की घोषणा करने के लिए उनका इस्तेमाल किया, जिनके नाम वह जल्द ही सामने लाएंगे। बीते 29 नवंबर को फरार होने के लगभग एक सप्ताह बाद शाह अहमदाबाद में टेलीविजन चैनल ईटीवी के स्टूडियो में दिखाई दिए, जहां आयकर विभाग ने प्रॉपर्टी डीलर शाह को पूछताछ के लिए हिरासत में ले लिया।

इससे पहले उन्होंने टेलीविजन चैनल से कहा, आईडीएस के तहत मैंने 13,860 करोड़ की संपत्ति की जो घोषणा की है, वह मेरे नहीं हैं। कारोबारी ने कहा कि ऐसा करने के लिए किसी ने मुझे मजबूर नहीं किया था, बल्कि इस संपत्ति की घोषणा करने के लिए मुझे कमीशन देने का वादा किया गया था। शाह ने कहा, जिन लोगों के पैसों की घोषणा आईडीएस के तहत की गई थी, वे अपनी बात से पीछे हट गए, जिस कारण मैं पहली किस्त अदा नहीं कर सका।

उन्होंने कहा कि उन्हें अपनी का अहसास हो चुका है और आयकर विभाग को सभी सूचनाएं मुहैया कराने के बाद जल्द ही वह सारा खुलासा कर देंगे। शाह ने कहा, जिनके पैसों की घोषणा की गई है, वे कारोबारी और राजनीतिज्ञ हैं।

शाह (67) तब सुर्खियों में आए, जब आम माफी योजना के तहत घोषित संपत्ति की पहली किश्त देने में नाकाम होने के बाद आयकर अधिकारियों ने उनके आवास तथा अहमदाबाद स्थित उनके कार्यालय पर छापेमारी की थी। आयकर अधिकारियों के समक्ष घोषणा को सामने रखने वाले चार्टर्ड अकाउंटेंट तहमूल सेठना ने शुक्रवार को कहा कि अपने मुवक्किल से उनकी अंतिम बातचीत 29 नवंबर को हुई थी।
आईडीएस के अंतिम दिन 30 सितंबर की रात शाह आयकर कार्यालय गए थे। उन्होंने 14 अक्टूबर को आईडीएस के तहत सांविधिक फॉर्म नंबर-2 दिया था। आयकर विभाग ने बाद में फॉर्म नंबर-2 के प्रतिवेदन की पुष्टि की थी, जिसका मतलब होता है कि आयकर विभाग ने उनकी घोषणा को स्वीकार कर लिया है।

आईडीएस उन लोगों को कानून से राहत प्रदान करता है, जो अपनी अघोषित आय की घोषणा करते हैं और कर का भुगतान करते हैं। शाह को कुल घोषित पैसों का 45 फीसदी यानी लगभग 6,237 करोड़ रुपये कर के रूप में भुगतान करना था। 30 नवंबर को 1,560 करोड़ रुपये की पहली किस्त दी जानी थी। लेकिन जब वह पहली किस्त अदा करने में नाकाम हुए, तो आयकर विभाग के अधिकारियों ने फाइनेंस एक्ट, 2016 (आईडीएस) की धारा 193 के तहत उनके फॉर्म नंबर-2 को रद्द कर दिया और शाह तथा उनकी कंपनी के पते पर छापेमारी शुरू कर दी।

नेशनल

पश्चिम बंगाल के श्रीरामपुर में बोले अमित शाह, पीओके भारत का है और हम इसे लेकर रहेंगे

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श्रीरामपुर। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने पश्चिम बंगाल के हुगली के श्रीरामपुर में एक जनसभा को संबोधित करते हुए विपक्ष पर जमकर प्रहार किया। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी और ममता बनर्जी, आपको डरना है तो डरते रहिए, ये पीओके भारत का है और हम उसे लेकर रहेंगे।

अमित शाह ने कहा कि ममता बनर्जी, कांग्रेस-सिंडिकेट कहती है कि धारा 370 को मत हटाओ। मैंने संसद में पूछा कि क्यों न हटाएं तो उन्होंने कहा कि खून की नदियां बह जाएंगी। 5 साल हो गए खून कि नदियां छोड़ो किसी की कंकड़ चलाने की हिम्मत नहीं है। जब INDI गठबंधन का शासन था तो हमारे कश्मीर में हड़तालें होती थीं। आज पाक अधिकृत कश्मीर (पीओके) में हड़ताल होती है। पहले कश्मीर में आजादी के नारे लगते थे, अब पाक अधिकृत कश्मीर में नारेबाजी होती है। राहुल गांधी, आपको डरना है तो डरते रहिए, ममता बनर्जी आपको डरना है तो डरते रहिए लेकिन मैं आज श्रीरामपुर की धरती से कहता हूं कि ये पाक अधिकृत कश्मीर भारत का है और हम उसे लेकर रहेंगे।

अमित शाह ने कहा आने वाले चुनाव में आप सभी वोट डालने वाले हैं। इस चुनाव में एक ओर परिवारवादी पार्टियां हैं जिसमें ममता बनर्जी अपने भतीजे को, शरद पवार अपनी बेटी को, उद्धव ठाकरे अपने बेटे को, स्टालिन अपने बेटे को मुख्यमंत्री बनाना चाहते हैं और सोनिया गांधी, राहुल बाबा को पीएम बनाना चाहती हैं। वहीं दूसरी ओर गरीब चाय वाले के घर में जन्में इस देश के महान नेता नरेन्द्र मोदी जी हैं।

नरेन्द्र मोदी जी ने बंगाल के विकास के लिए ढेर सारे कार्य किए हैं। मैं ममता दीदी से पूछना चाहता हूं कि 10 साल तक आपके लोग सोनिया-मनमोहन सिंह की सरकार में मंत्री रहे, लेकिन सोनिया-मनमोहन सिंह की सरकार ने बंगाल के विकास के लिए क्या किया। उनकी सरकार ने 10 साल में बंगाल के विकास के लिए मात्र 2 लाख करोड़ रुपये दिए। जबकि मोदी जी ने 10 साल में 9 लाख, 25 हजार करोड़ रुपये देने का काम किया।

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