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हिजबुल ने मूसा के बयान से झाड़ा पल्ला तो मूसा ने छोड़ा संगठन
श्रीनगर। कश्मीर घाटी में बुरहान वानी के बाद आतंकवादी संगठन हिजबुल मुजाहिदीन की कमान संभालने वाले जाकिर मुसा ने शनिवार को संगठन से अलग होने की घोषणा की।
मुसा का यह कदम उनके संगठन द्वारा उनके उस बयान से पल्ला झाड़ने के बाद आया है, जिसमें उसने चेतावनी देते हुए कहा था कि अगर हुर्रियत नेताओं ने कश्मीर मामले को ‘राजनीतिक’ बताया तो वह उनके सिर काटकर उन्हें लाल चौक पर लटका देगा।
पिछले साल जुलाई में संगठन की कमान संभालने वाले मुसा ने घोषणा की है कि शनिवार के बाद उनका हिजबुल मुजाहिदीन से कोई नाता नहीं होगा।
सोशल मीडिया पर जारी एक नए ऑडियो संदेश में मुसा ने कहा, “मेरे अंतिम ऑडियो संदेश के बाद, कश्मीर में काफी उलझन हो गई है। मैं अपने बयान और संदेश पर कायम हूं।”
मुसा ने शुक्रवार को कहा था कि अगर हुर्रियत नेताओं ने कश्मीर मुद्दे को ‘इस्लामिक संघर्ष’ न बताकर ‘राजनीतिक मुद्दा’ करार दिया तो वह हुर्रियत नेताओं के सिर काटकर उन्हें श्रीनगर के लाल चौक पर लटका देगा।
हिजबुल मुजाहिदीन ने हालांकि शनिवार को कहा कि मुसा के बयान से संगठन इत्तेफाक नहीं रखता।हिजबुल के प्रवक्ता सलीम हाशमी ने कश्मीर की एक स्थानीय समाचार एजेंसी को भेजे गए एक ई-मेल बयान में कहा, “इस तरह का बयान (मुसा का) हमारे लिए अस्वीकार्य है। इसमें जाकिर मुसा की निजी राय झलकती है।”
हिजबुल के बयान पर प्रतिक्रिया जताते हुए मुसा ने ऑडियो संदेश में कहा, “हिजबुल मुजाहिदीन ने कहा है कि उसका जाकिर मुसा के बयान से कोई लेना-देना नहीं है। इसलिए, अगर हिजबुल मुजाहिदीन मेरा प्रतिनिधित्व नहीं करता, तो मैं भी उनका प्रतिनिधित्व नहीं करता हूं। आज के बाद से मेरा हिजबुल मुजाहिदीन से कोई लेना-देना नहीं है।”
करीब 20-22 वर्षीय मुसा ने कहा कि उसने किसी खास व्यक्ति या हुर्रियत कांफ्रेंस के अध्यक्ष सैयद अली शाह गिलानी के बारे में कुछ नहीं कहा। उसने कहा, “मैंने केवल उस शख्स के विरुद्ध कहा है, जो इस्लाम के खिलाफ है और एक धर्मनिरपेक्ष राष्ट्र के गठन के लिए आजादी की बात करता है।”
उसने कहा, “हम इस्लाम की खातिर आजादी की जंग लड़ रहे हैं। मेरा रक्त इस्लाम के लिए बहेगा न कि किसी धर्मनिरपेक्ष राष्ट्र के लिए।”
उल्लेखनीय है कि शुक्रवार को सोशल मीडिया पर वायरल एक ऑडियो संदेश में जाकिर ने कहा, “मैं उन सभी पाखंडी हुर्रियत नेताओं को चेतावनी दे रहा हूं। उन्हें हमारी इस्लामिक लड़ाई में हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए। अगर वे ऐसा करते हैं, तो हम उनके सिर काटकर उन्हें लाल चौक पर लटका देंगे।”
उसने कहा कि कश्मीर में शरीयत लागू करने को लेकर उसकी लड़ाई का उद्देश्य बिल्कुल स्पष्ट है न कि वह कश्मीर मुद्दे को राजनीतिक संघर्ष बताकर उसका समाधान चाहता है।
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15 दिन की पैरोल मिलने के बाद जेल से बाहर आए पूर्व बाहुबली विधायक अनंत सिंह, समर्थकों ने किया स्वागत
पटना। पूर्व बाहुबली विधायक अनंत सिंह रविवार को पटना की बेऊर जेल से बाहर निकल गये हैं। गृह विभाग से हरी झंडी मिलने के बाद अनंत सिंह को जेल से 15 दिनों की पैरोल मिली है। वह सुबह लगभग 4:00 बजे जेल से बाहर निकले।आनंद सिंह के जेल से बाहर निकलने की सूचना के साथ ही उनके समर्थकों में काफी उत्साह का माहौल है। अनंत सिंह लगभग 5 वर्षों से जेल में बंद है। अनंत सिंह पर एके 47 रखने का आरोप है, जिसके तहत कोर्ट ने उन्हें 10 वर्ष की सजा सुनाई थी। तब से मोकामा के पूर्व विधायक अनंत सिंह पटना के बेउर जेल में सजायाफ्ता बंदी के रूप में सजा काट रहे हैं।
जानकारी के मुताबिक़ आपसी पारिवारिक बंटवारे को लेकर अनंत सिंह ने न्यायालय में कोर्ट से पैरोल पर इसके लिए आदेश मांगा था। पेरोल पर आदेश मिलने के बाद आनंद सिंह को लेकर गृह विभाग ने यह आदेश जारी किया था। रविवार की अहले सुबह जब अनंत सिंह को 15 दिनों के पैरोल पर बेउर जेल से बाहर निकाला जा रहा था, उस समय जेल के बाहरी एवं भीतरी सुरक्षा को चुस्त दुरुस्त कर दिया गया था।
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