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बिजनेस

हड़ताल टालने आईबीए ने बैंक यूनियनों की बैठक बुलाई

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चेन्नई, 12 अगस्त (आईएएनएस)| बैंककर्मियों की 22 अगस्त को प्रस्तावित राष्ट्रव्यापी हड़ताल टालने के लिए इंडियन बैंक एसोसिएशन (आईबीए) और मुख्य श्रम आयुक्त ने यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियंस (यूएफबीयू) को बातचीत के लिए बुलाया है। ऑल इंडिया बैंक इंप्लाईज एसोसिएशन (एआईबीईए) के एक शीर्ष नेता ने यह जानकारी दी। एआईबीईए के महासचिव सी. एच. वेंकटचलम ने आईएएनएस को बताया, आईबीए ने यूएफबीयू को 16 अगस्त को मुंबई में बैठक के लिए बुलाया है और मुख्य श्रम आयुक्त ने हमें 18 अगस्त को नई दिल्ली में बैठक के लिए बुलाया है।

यूएफबीयू भारतीय बैंकिंग क्षेत्र के नौ यूनियनों का एक संयुक्त निकाय है।

यूएफबीयू ने बैकिंग क्षेत्र में सुधारों और अन्य मुद्दों को लेकर 22 अगस्त को हड़ताल का आह्वान किया था।

वेंकटचलम ने कहा, हम मुद्दों को सुलझाने के लिए ैतैयार हैं और अब आईबीए और केंद्र सरकार पर निर्भर है कि वे मुद्दों को सुलझाएं।

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बिजनेस

Whatsapp ने दी भारत छोड़ने की धमकी, कहा- अगर सरकार ने मजबूर किया तो

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नई दिल्ली। व्हाट्सएप ने गुरुवार को दिल्ली हाईकोर्ट में कहा कि अगर उसे उसे संदेशों के एन्क्रिप्शन को तोड़ने के लिए मजबूर किया गया तो वह भारत में अपनी सेवाएं बंद कर देगा। मैसेजिंग प्लेटफॉर्म की ओर से पेश एक वकील ने कहा कि लोग गोपनीयता के लिए व्हाट्सएप का उपयोग करते हैं और सभी संदेश एंड-टू-एंड एन्क्रिप्टेड हैं।

व्हाट्सऐप का कहना है कि WhatsApp End-To-End Encryption फीचर यूजर्स की प्राइवेसी को सिक्योर रखने का काम करता है। इस फीचर की वजह से ही मैसेज भेजने वाले और रिसीव करने वाले ही इस बात को जान सकते हैं कि आखिर मैसेज में क्या लिखा है। व्हाट्सऐप की तरफ से पेश हुए वकील तेजस करिया ने अदालत में बताया कि हम एक प्लेटफॉर्म के तौर पर भारत में काम कर रहे हैं। अगर हमें एन्क्रिप्शन सिक्योरिटी फीचर को तोड़ने के लिए मजबूर किया जाता है तो व्हाट्सऐप भारत छोड़कर चला जाएगा।

तेजस करिया का कहना है कि करोड़ों यूजर्स व्हाट्सऐप को इसके एन्क्रिप्शन सिक्योरिटी फीचर की वजह से इस्तेमाल करते हैं। इस वक्त भारत में 40 करोड़ से ज्यादा व्हाट्सऐप यूजर्स हैं। यही नहीं उन्होंने ये भी तर्क दिया है कि नियम न सिर्फ एन्क्रिप्शन बल्कि यूजर्स की प्राइवेसी को भी कमजोर बनाने का काम कर रहे हैं।

व्हाट्सऐप के वकील ने बताया कि भारत के अलावा दुनिया में कहीं भी ऐसा कोई नियम नहीं है। वहीं सरकार का पक्ष रखने वाले वकील कीर्तिमान सिंह ने नियमों का बचाव करते हुए कहा कि आज जैसा माहौल है उसे देखते हुए मैसेज भेजने वाले का पता लगाने की जरूरत पर जोर दिया है। कोर्ट इस मामले पर अगली सुनवाई अब 14 अगस्त को करेगा।

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