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अन्तर्राष्ट्रीय

हंगरी ने क्रोएशिया से लगी सीमा बंद की

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बुडापेस्ट| हंगरी की सरकार ने देश से होकर पश्चिमी यूरोप जा रहे प्रवासियों का प्रवाह रोकने के लिए शनिवार को क्रोएशिया के साथ लगी अपनी सीमा बंद कर दी। क्रोएशिया की सरकार ने कहा कि प्रवासियों को स्लोवेनिया की ओर भेजा जाएगा। क्रोएशिया की सरकार ने सीमा बंद करने की घोषणा शुक्रवार को तब की, जब यूरोपीय संघ (ईयू) के नेता हंगरी द्वारा पेश की गई एक योजना पर सहमत नहीं हो पाए, जिसमें प्रवासियों को ग्रीस पहुंचने से रोकने के लिए बल भेजने की बात शामिल थी।

सीमा बंद करने के चंद मिनट पहले जकानी गांव के पास पहुंचे सैकड़ों प्रवासियों के एक समूह को क्रोएशिया से होकर जाने की हालांकि इजाजत दे दी गई। प्रवासियों का अंतिम जत्था जैसे ही सीमा पार किया, एक सैनिक ने तेज आवाज में कहा -सीमा बंद। हंगरी के विदेश मंत्री पीटर सिजाटरे ने कहा हमें पता है कि यह सर्वश्रेष्ठ नहीं, बल्कि सिर्फ दूसरा सर्वश्रेष्ठ समाधान है। उन्होंने आगे कहा प्रवासी अभी भी दो सीमा पारगमन क्षेत्रों में हंगरी में शरण के लिए आवेदन कर सकते हैं।

बरमेंड और लेटेंज में भी वैध दस्तावेजों के साथ किसी के लिए भी सीमा चौकियां खुली हुई हैं। हंगरी पहले ही सर्बिया के साथ अपनी सीमा सील कर चुका है। इस वर्ष अबतक लगभग 600,000 प्रवासी समुद्र मार्ग से ईयू पहुंच चुके हैं, उनमें से अधिकांश तुर्की से हैं।

 

अन्तर्राष्ट्रीय

भारत में अवसरों की भरमार, पीएम मोदी के नेतृत्व में 10 सालों में देश ने अच्छी प्रगति की : वॉरेन बफे

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नई दिल्ली। बर्कशायर हैथवे के चेयरमैन और सीईओ वॉरेन बफे भारत की निवेश की संभावनाओं को लेकर काफी उत्साहित हैं। उन्होंने रविवार को कंपनी की सालाना बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि भारत में अवसरों की भरमार हैं। उन्होंने कहा कि भारत अब 5 ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी और दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की राह पर है। बीते दस सालों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में देश ने सभी आर्थिक मानदंडों में अच्छी प्रगति की है। अब लगभग 3.7 ट्रिलियन डॉलर (अनुमान वित्त वर्ष 2023-24) की जीडीपी के साथ भारत आर्थिक रूप से पांचवां सबसे बड़ा देश है। एक दशक पहले देश 1.9 ट्रिलियन डॉलर (मौजूदा बाजार मूल्य) की जीडीपी के साथ भारत 10वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था था। वित्त मंत्रालय के अनुसार, इस 10 साल की यात्रा में कई रिफॉर्म हुए जिसने देश को आर्थिक रूप से आगे बढ़ाया है।

रविवार को अपनी कंपनी की वार्षिक बैठक में वॉरेन बफेट ने कहा, भारत में नई संभावनाओं का पता लगाएं। यहां ऐसे क्षेत्र हो सकते हैं जिनको सर्च नहीं किया गया है या यहां मौजूद अवसरों पर ध्यान नहीं दिया गया है। उन्होंने कहा, मुझे यकीन है कि भारत में बहुत सारे अवसर हैं। सवाल यह है कि क्या हमें उनके बारे में जानकारी है, जिसमें हम भाग लेना चाहेंगे। बफेट देश में संभावित प्रवेश की तलाश में हैं। भारत की जीडीपी ग्रोथ एक नए शिखर पर पहुंचने के लिए तैयार है। विनिर्माण और ऑटोमोबाइल जैसे सेक्टरों ने फिर से सुधार देखना शुरू कर दिया है और जीएसटी कलेक्शन नई ऊंचाई हासिल कर रहा है।

आरबीआई के लेटेस्ट आंकड़ों के अनुसार, भारत की जीडीपी ग्रोथ महामारी से पहले 2020 के दौरान दर्ज की गई 7 प्रतिशत से ऊपर बढ़ने के संकेत हैं। आईएमएफ के लेटेस्ट आंकड़ों के अनुसार, 2004 में भारत की प्रति व्यक्ति जीडीपी 635 डॉलर थी। 2024 में देश की प्रति व्यक्ति जीडीपी बढ़कर 2,850 डॉलर हो गई है, जो इसके समकक्ष देशों के लिए 6,770 डॉलर का 42 प्रतिशत है। इस महीने की शुरुआत में जारी एचएसबीसी सर्वे के अनुसार, मजबूत मांग के कारण भारत का विनिर्माण सेक्टर अप्रैल में मजबूत गति से बढ़ा। इसके अलावा विश्व चुनौतियों के बावजूद, एक लाख से अधिक स्टार्टअप और 100 से ज्यादा यूनिकॉर्न के साथ देश ग्लोबल स्तर पर तीसरा सबसे बड़ा टेक स्टार्टअप इकोसिस्टम बना हुआ है।

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