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सोलर इंपल्स-2 अहमदाबाद से वाराणसी के लिए रवाना
अहमदाबाद | वैश्विक यात्रा पर निकला और पूरी तरह सौर ऊर्जा चालित सोलर इंपल्स (एसआई2) विमान बुधवार सुबह अहमदाबाद के सरदार वल्लभभाई पटेल अंतर्राष्ट्रीय हवाईअड्डे से यात्रा के दूसरे पड़ाव वाराणसी के लिए रवाना हो गया। विमान ने 7.18 बजे उड़ान भरी। एसआई2 अहमदाबाद से वाराणसी तक 1,128 किलोमीटर की यात्रा करीब 12 घंटे में पूरी कर सकता है। विमान बुधवार शाम करीब आठ बजे वाराणसी के लाल बहादुर शास्त्री हवाईअड्डे पर उतर सकता है।
विमान अहमदाबाद में 10 मार्च को मध्यरात्रि में उतरा था। वहां यह छह दिनों तक ठहरा। वाराणसी तक की यात्रा में विमान 5,200 मीटर की ऊंचाई पर उड़ेगा। अहमदाबाद में विमान का चार दिनों तक रुकने का कार्यक्रम था, लेकिन पश्चिमी विक्षोभ के कारण मौसम बिगड़ने से यात्रा दो दिन के लिए टालनी पड़ी। विमान वाराणसी में रातभर के लिए रुकेगा और तब तक वह अपनी वैश्विक यात्रा का करीब 15 फीसदी सफर पूरा कर लेगा। फिर वह गुरुवार को म्यांमार के मांडले के लिए रवाना हो जाएगा। पूर्व स्विस लड़ाकू विमान पायलट एंड्रे बोर्शबर्ग ने कहा कि विमान उड़ाते समय वह योगासन करते हैं। गुजरात प्रवास के दौरान पायलटों का गुजराती परंपरा के साथ स्वागत किया गया, जिसमें गरबा-डांडिया नृत्य और प्रमुख स्थानों का भ्रमण शामिल रहा। विमान का निर्माण स्वच्छ ऊर्जा की क्षमता का प्रदर्शन करने के लिए किया गया है।
यहां विमान और चालक दल का स्वागत करने वाले आदित्य बिड़ला समूह के एक अधिकारी ने कहा कि विमान नौ मार्च को मस्कट से रवाना हुआ था। अधिकारी ने आईएएनएस से कहा, “विमान की चाल करीब 60 किलोमीटर प्रति घंटा थी, जो एक स्कूटर की गति आम तौर पर होती है।” यह विमान एक मनोविज्ञानी बट्रैंड पिकार्ड और पूर्व स्विस लड़ाकू विमान पायलट एंड्रे बोर्शबर्ग के मस्तिष्क की उपज है। पिकार्ड ने 1999 में गुब्बारे में विश्व की यात्रा की थी और बोर्शबर्ग एक अनुभवी फ्लाइट डिजाइन इंजीनियर भी हैं। दोनों बारी-बारी से विमान का नियंत्रण करते हैं। एक सीट वाले और कार्बन फाइबर से बने विमान के डैने 72 मीटर में फैले हुए हैं, जो किसी बोइंग 747 के डैने के आकार से ज्यादा है। विमान का वजन 2,300 किलोग्राम है, जो एक साधारण कार का वजन होता है। विमान में 17,248 सौर बैटरियां और चार लीथियम बैटरियां लगी हुई हैं, जिनका वजन 633 किलोग्राम है और उनसे दिन-रात ऊर्जा मिलती रहती है। विमान 8,500 मीटर की ऊंचाई तक उड़ सकता है। माउंट एवरेस्ट की ऊंचाई इससे थोड़ी अधिक 8,848 मीटर है।
परियोजना को मोनाको के प्रिस अल्बर्ट, संयुक्त अरब अमीरात के विदेश मंत्री और मसदार अध्यक्ष सुल्तान बिन अहमद सुल्तान अल जबेर, ब्रिटिश कारोबारी रिचर्ड ब्रैंसन तथा पूर्व अमेरिकी उपराष्ट्रपति अल गोर का सहयोग प्राप्त है। परियोजना ‘फ्यूचरइनक्लीन’ पहल का हिस्सा है, जिसे स्वच्छ प्रौद्योगिकी के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए शुरू किया गया है। यह विमान एक हवाई प्रयोगशाला है, जिसे 80 विशेषज्ञों और 100 से अधिक साझेदारों और सलाहकारों ने मिलकर तैयार किया है। इसे तैयार करने में 10 वर्ष से अधिक समय लगा है। दुनिया भर में लाखों फैन सोशल नेटवर्किं ग साइट पर इस परियोजना को फॉलो कर रहे हैं और उम्मीद की जा रही है कि यह परियोजना उड्डयन उद्योग में कई बदलाव लाएगी।
इस विमान के पूर्ववर्ती एसआई1 ने 2010 में उड़ान भरी थी, जिसके नाम आठ विश्व कीर्तिमान हैं। एसआई2 की यात्रा गत सप्ताह संयुक्त अरब अमीरात के अबु धाबी से शुरू हुई। वाराणसी के बाद विमान म्यांमार में उतरेगा। उसके बाद यह चीन के चोंगकिंग और नानजिंग में उतरेगा। इसके बाद यह हवाई द्वीप होते हुए प्रशांत महासागर पार करेगा। फिर यह अमेरिका में मिडवेस्ट के फिनिक्स शहर और न्यूयार्क में उतरेगा। फिर यह अटलांटिक महासागर पार करेगा और आखिरी चरण में यह दक्षिण यूरोप या उत्तरी अफ्रीका में उतरेगा और फिर जुलाई के अंत तक वापस अबुधाबी पहुंच जाएगा।
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केदारनाथ में क्रैश होने से बाल-बाल बचा हेलीकॉप्टर, देखें वीडियो
देहरादून। केदारनाथ धाम में शुक्रवार को एक बड़ा हादसा होने से टल गया। यहां यात्रियों को केदारनाथ धाम ले जा रहा हेलीकॉप्टर लैंड होने से पहले हवामें जोर जोर से लहराने लगा। तभी हेलीपैड पर मौजूद लोग हेलीकॉप्टर क्रैश होने की संभावना के चलते इधर उधर भागने लगे। हालांकि गनीमत रही कि पायलट ने सूझबूझ का परिचय देते हुए किसी तरह हेलीपैड से दूर ले जाकर हेलीकॉप्टर को लैंड कर लिया।
A Leonardo A119 Koala helicopter owned by Kestrel Aviation, Callsign VT-CLR, lost control at about 0700h today morning as it approached the Kedarnath Helipad for landing in Uttarakhand.
It was a miraculous escape for the crew and the six passengers onboard the helicopter.
The… pic.twitter.com/9oMEUhDtZY— Ashok Bijalwan अशोक बिजल्वाण 🇮🇳 (@AshTheWiz) May 24, 2024
जानकारी के मुताबिक, हेलीकॉप्टर में 5 यात्री सवार थे। रुद्रप्रयाग के आपदा प्रबंधन अधिकारी ने जानकारी दी है कि हेलीकॉप्टर सिरसी हेलीपैड से 5 यात्रियों को लेकर केदारनाथ धाम जा रहा था। इसी दौरान केंट्रेल एविएशन कंपनी के एक हेलीकॉप्टर में अचानक तकनीकी दिक्कत सामने आ गई। इसके बाद करीब 7:05 बजे हेलीकॉप्टर को केदारनाथ धाम के हेलीपैड से करीब 100 मीटर पहले इमरजेंसी लैंडिंग करनी पड़ी।
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