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मुख्य समाचार

सीएम योगी के साथ दिखे राजा भैया, अटकलें तेज

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लखनऊ। पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर की जयंती पर लखनऊ के विधान भवन में आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के ठीक बगल पूर्व कैबिनेट मंत्री एवं विधायक रघुराज प्रताप सिंह राजा भैया के दिखने से सियासत का बाजार एक बार फिर गर्म हो गया है।

लोग तरह-तरह की अटकलें लगा रहे है। कुछ लोगों का मानना है कि राजा भैया योगी की टीम में शामिल हो सकते हैं क्योंकि वह निर्दलीय विधायक होने के बावजूद कई सरकारों में मंत्री रह चुके हंै।

पूर्व प्रधानमंत्री चन्द्रशेखर की 91वीं जयंती पर पर आयोजित पुस्तक विमोचन कार्यक्रम में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के ठीक बगल रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया बैठे नजर आए। राजा भैया को लेकर चुनाव के दौरान इस बात की जोरदार चर्चा थी कि राजा भैया सपा के कई विधायकों के साथ भाजपा में शामिल हो सकते हैं।

हालांकि राजा भैया ने इन अटकलों को निराधार साबित करते हुए अकेले दम पर चुनाव लड़ा और मोदी लहर में भी अपनी सीट पर जीत बरकरार रखी। अब यह चर्चा एक बार फिर तेज हो गई है कि राजा भैया को योगी की टीम में शामिल किया जा सकता है। हालांकि राजा भैया ने इसे अफवाह बताया और कहा, “मैं कहीं नहीं जा रहा हूं।” लेकिन सूत्रों की माने तो राजा भैया के कई भाजपा नेताओं से सीधे संबंध हैं और वह चुनाव बाद उनसे प्रमुखता से मिल रहे हैं। राजनीति में कुछ भी असंभव नहीं है।

नेशनल

जानिए कौन हैं वो चार लोग, जिन्हें पीएम मोदी ने नामांकन के लिए अपना प्रस्तावक चुना

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वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी के काल भैरव मंदिर में दर्शन करने के बाद अपना नामांकन दाखिल कर दिया। पीएम मोदी ने वाराणसी से तीसरी बार अपना नामांकन दाखिल किया है। पीएम मोदी के नामांकन में गृह मंत्री अमित शाह और राजनाथ सिंह समेत 20 केंद्रीय मंत्री मौजूद रहे। इसके अलावा 12 राज्यों के सीएम भी शामिल हुए। पीएम मोदी के नामांकन के दौरान उनके साथ चार प्रस्तावक भी कलेक्ट्रेट में मौजूद रहे।

इनमें एक पुजारी, दो ओबीसी और एक दलित समुदाय के व्यक्ति का नाम है। दरअसल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान चार प्रस्तावक मौजूद रहे। इनमें पहला नाम आचार्य गणेश्वर शास्त्री का है, जो कि पुजारी हैं। इसके बाद बैजनाथ पटेल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान प्रस्तावक बने, जो ओबीसी समुदाय से आते हैं। वहीं लालचंद कुशवाहा भी पीएम के नामांकन में प्रस्तावक के तौर पर शामिल हुए। ये भी ओबीसी समाज से आते हैं। पीएम मोदी के प्रस्तावकों में आखिरी नाम संजय सोनकर का भी है, जो कि दलित समुदाय से हैं।

चुनाव में प्रस्तावक की भूमिका अहम होती है। ये ही वे लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार के नाम का प्रस्ताव रखते हैं। निर्वाचन आयोग के मुताबिक, प्रस्तावक वे स्‍थानीय लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार को चुनाव लड़ने के लिए अपनी ओर से प्रस्तावित करते हैं। आमतौर पर नामांकन के लिए किसी महत्वपूर्ण दल के वीआईपी कैंडिडेट के लिए पांच और आम उम्मीदवार के लिए दस प्रस्तावकों की जरूरत होती है।

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