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अन्तर्राष्ट्रीय

सिडनी में बंधकों को छुड़ाया, दो मरे

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सिडनी| ऑस्ट्रेलिया के प्रमुख शहर सिडनी के मार्टिन प्लेस स्थित एक कैफे में सोमवार को बंधक बनाए गए 30 लोगों को छुड़ाने के लिए पुलिस ने कार्रवाई की, जिसमें दो लोगों की मौत हो गई। समाचार एजेंसी सिन्हुआ ने टेलीविजन रपट के हवाले यह जानकारी दी। हालांकि, रपट में यह खुलासा नहीं हुआ है कि लोगों को बंधक बनाने वाला बंदूकधारी मृतकों में है या नहीं।

लगभग चौदह घंटों के बाद सिडनी के लिंड चॉकलेट कैफे में बंधक बनाए गए एक भारतीय समेत सभी बंधकों को रिहा करा लिया गया है। हालांकि इस ऑपरेशन के दौरान दो बंधकों की मौत हो गई है, जबकि तीन अन्य घायल हैं। सभी घायलों को तुरंत उपचार के लिए ले जाया गया है, जहां उनकी हालत चिंताजनक बताई गई है। इस बीच सुरक्षाकर्मी भी कैफे में दाखिल हो गए हैं। अंदर से रुक-रुक कर फायरिंग की आवाजें आ रही हैं। पुलिस बंदूकधारी को जिंदा या मृत पकड़ने के लिए कमांडो कार्रवाई कर रही है।

कैफे से सकुशल बाहर निकले भारतीय का नाम विश्वनाथ अंकीरेड़डी है। वह इंफोसिस का कर्मचारी है। घटना के मद़देनजर ऑस्ट्रेलिया में हाई अलर्ट जारी कर पास स्थित भारतीय वाणिज्यक दूतावास समेत कई प्रमुख ठिकानों को खाली कराया गया। ब्रिस्बेन शहर में मौजूद भारतीय क्रिकेट टीम को भी अतिरिक्त सुरक्षा प्रदान की गई है।

अन्तर्राष्ट्रीय

कुवैत में संसद भंग, सभी कानून और संविधान के कुछ अनुच्छेद निलंबित

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नई दिल्ली। कुवैत के अमीर शेख मिशाल ने संसद को भंग कर दिया है। अमीर ने शुक्रवार को सरकारी टीवी पर एक संबोधन में इसकी घोषणा की। इसके अलावा अमीर ने देश के सभी कानूनों के साथ संविधान के कुछ अनुच्छेदों को चार साल तक के लिए निलंबित कर दिया है। इस दौरान देश में लोकतांत्रिक प्रक्रिया के सभी पहलुओं का अध्ययन किया जाएगा। सरकारी टीवी के मुताबिक, इस दौरान नेशनल असेंबली की सभी शक्तियां अमीर और देश की कैबिनेट के पास होंगी।

एमीर ने सरकारी टीवी पर दिए अपने संबोधन में संसद भंग करने की घोषणा करते हुए कहा, “कुवैत हाल ही में बुरे वक्त से गुजर रहा है, जिसकी वजह से किंगडम को बचाने और देश के हितों को सुरक्षित करने के लिए कड़े फैसले लेने में झिझक या देरी करने के लिए कोई गुंजाइश नहीं है। उन्होंने आगे कहा कि पिछले कुछ सालों में देश के कई डिपार्टमेंट्स में भ्रष्टाचार बढ़ गया है। भ्रष्टाचार की वजह से देश का महौल खराब हो रहा है। अफसोस की बात ये है कि भ्रष्टाचार सुरक्षा और आर्थिक संस्थानों तक फैल गया है। साथ ही अमीर ने न्याय प्रणाली में भ्रष्टाचार होने की बात कही है।

कुवैत पिछले कुछ सालों से घरेलू राजनीतिक विवादों से घिरा रहा है। देश का वेल्फेयर सिस्टम इस संकट का एक प्रमुख मुद्दा रहा है और इसने सरकार को कर्ज लेने से रोका है। इसकी वजह से अपने तेल भंडार से भारी मुनाफे के बावजूद सरकारी खजाने में पब्लिक सेक्टर के कर्मचारियों को वेतन देने के लिए बहुत कम पैसे बचे हैं। कुवैत में भी दूसरे अरब देशों की तरह शेख वाली राजशाही सिस्टम है लेकिन यहां की विधायिका पड़ोसी देशों से ज्यादा पावरफुल मानी जाती है।

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