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अन्तर्राष्ट्रीय

सिंगापुर की सफारी में चीनी पांडा ने मनाया जन्मदिन

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पांडा

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पांडा सिंगापुर। सिंगापुर के रिवर सफारी में बुधवार को विशाल पांडा काय काय और जिया जिया ने शहद के स्वाद वाले आइस केक के साथ अपना-अपना जन्मदिन मनाया। उन्हें यहां आए चार साल हो गए। इसी अवसर पर उनके लिए एक पार्टी का आयोजन किया गया। रिवर सफारी के कर्मियों ने इन दोनों पांडा के लिए एक जन्मदिन पार्टी का आयोजन किया, जिसमें उनके लिए केक के ऊपर सेब और गाजर के टुकड़े और उनकी पसंदीदा खाने की चीजें सजाई गईं।

नर काय काय ने बुधवार को अपना नौवां जन्मदिन मनाया, जबकि मादा पांडा ने तीन सितंबर को अपना आठवां जन्मदिन मनाया।  इनके आइसकेक का वजन कुल सात किलोग्राम था, जिसे बनाने में चार दिन लगे थे। दोनों विशालकाय पांडा 2012 में चीन से ऋण पर लिए गए थे। इन दोनों का साल के शुरुआती अप्रैल माह में समागम कराया गया था, लेकिन इनके बीच प्राकृतिक और कृत्रिम गर्भाधान दोनों ही असफल रहे।

अन्तर्राष्ट्रीय

कुवैत में संसद भंग, सभी कानून और संविधान के कुछ अनुच्छेद निलंबित

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नई दिल्ली। कुवैत के अमीर शेख मिशाल ने संसद को भंग कर दिया है। अमीर ने शुक्रवार को सरकारी टीवी पर एक संबोधन में इसकी घोषणा की। इसके अलावा अमीर ने देश के सभी कानूनों के साथ संविधान के कुछ अनुच्छेदों को चार साल तक के लिए निलंबित कर दिया है। इस दौरान देश में लोकतांत्रिक प्रक्रिया के सभी पहलुओं का अध्ययन किया जाएगा। सरकारी टीवी के मुताबिक, इस दौरान नेशनल असेंबली की सभी शक्तियां अमीर और देश की कैबिनेट के पास होंगी।

एमीर ने सरकारी टीवी पर दिए अपने संबोधन में संसद भंग करने की घोषणा करते हुए कहा, “कुवैत हाल ही में बुरे वक्त से गुजर रहा है, जिसकी वजह से किंगडम को बचाने और देश के हितों को सुरक्षित करने के लिए कड़े फैसले लेने में झिझक या देरी करने के लिए कोई गुंजाइश नहीं है। उन्होंने आगे कहा कि पिछले कुछ सालों में देश के कई डिपार्टमेंट्स में भ्रष्टाचार बढ़ गया है। भ्रष्टाचार की वजह से देश का महौल खराब हो रहा है। अफसोस की बात ये है कि भ्रष्टाचार सुरक्षा और आर्थिक संस्थानों तक फैल गया है। साथ ही अमीर ने न्याय प्रणाली में भ्रष्टाचार होने की बात कही है।

कुवैत पिछले कुछ सालों से घरेलू राजनीतिक विवादों से घिरा रहा है। देश का वेल्फेयर सिस्टम इस संकट का एक प्रमुख मुद्दा रहा है और इसने सरकार को कर्ज लेने से रोका है। इसकी वजह से अपने तेल भंडार से भारी मुनाफे के बावजूद सरकारी खजाने में पब्लिक सेक्टर के कर्मचारियों को वेतन देने के लिए बहुत कम पैसे बचे हैं। कुवैत में भी दूसरे अरब देशों की तरह शेख वाली राजशाही सिस्टम है लेकिन यहां की विधायिका पड़ोसी देशों से ज्यादा पावरफुल मानी जाती है।

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