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अन्तर्राष्ट्रीय

सार्वजनिक मौकों पर बोलने से घबराते हैं प्रिंस हैरी

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 ब्रिटेन के राजकुमार हैरी का कहना है कि बहुत सारे लोगों को सार्वजनिक रूप से संबोधित करते समय उन्हें घबराहट होती है। समाचार एजेंसी एफे के अनुसार, महारानी एलिजाबेथ द्वितीय के पोते राजकुमार हैरी ने अपनी घबराहट का खुलासा एक वीडियो संदेश में किया, जो सोमवार को विश्व एड्स दिवस के मौके के लिए रिकॉर्ड किया गया था। वीडियो संदेश में लोगों से यह आग्रह किया गया कि एड्स के बारे में खुलकर बातचीत करने में न झिझकें।

राजकुमार हैरी ने कहा, “आज हम विश्व एड्स दिवस के इस दिन को एक ऐसा दिन बनाएंगे, जिसमें कोई भी व्यक्ति अपने राज के बारे में बात करने से नहीं हिचकिचाएगा।”

उन्होंने कहा, “आप माने या न मानें, पर मेरा राज यह है कि मैं लोगों को संबोधित करते हुए घबराता हूं।”

राजकुमार हैरी ने कहा, “हम सब मिलकर एचआईवी जैसे सामाजिक कलंक का समाधान पा सकते हैं और एचआईवी पीड़ित छोटे बच्चों को उनका बचपन लौटा सकते हैं।”

राजकुमार हैरी एड्स के खिलाफ वैश्विक जंग के अभियान ‘फीलनोशेम’ का हिस्सा हैं, जिससे निकोल शेरजिंगर जैसी अंतर्राष्ट्रीय हस्तियां भी शामिल हैं।

अन्तर्राष्ट्रीय

कुवैत में संसद भंग, सभी कानून और संविधान के कुछ अनुच्छेद निलंबित

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नई दिल्ली। कुवैत के अमीर शेख मिशाल ने संसद को भंग कर दिया है। अमीर ने शुक्रवार को सरकारी टीवी पर एक संबोधन में इसकी घोषणा की। इसके अलावा अमीर ने देश के सभी कानूनों के साथ संविधान के कुछ अनुच्छेदों को चार साल तक के लिए निलंबित कर दिया है। इस दौरान देश में लोकतांत्रिक प्रक्रिया के सभी पहलुओं का अध्ययन किया जाएगा। सरकारी टीवी के मुताबिक, इस दौरान नेशनल असेंबली की सभी शक्तियां अमीर और देश की कैबिनेट के पास होंगी।

एमीर ने सरकारी टीवी पर दिए अपने संबोधन में संसद भंग करने की घोषणा करते हुए कहा, “कुवैत हाल ही में बुरे वक्त से गुजर रहा है, जिसकी वजह से किंगडम को बचाने और देश के हितों को सुरक्षित करने के लिए कड़े फैसले लेने में झिझक या देरी करने के लिए कोई गुंजाइश नहीं है। उन्होंने आगे कहा कि पिछले कुछ सालों में देश के कई डिपार्टमेंट्स में भ्रष्टाचार बढ़ गया है। भ्रष्टाचार की वजह से देश का महौल खराब हो रहा है। अफसोस की बात ये है कि भ्रष्टाचार सुरक्षा और आर्थिक संस्थानों तक फैल गया है। साथ ही अमीर ने न्याय प्रणाली में भ्रष्टाचार होने की बात कही है।

कुवैत पिछले कुछ सालों से घरेलू राजनीतिक विवादों से घिरा रहा है। देश का वेल्फेयर सिस्टम इस संकट का एक प्रमुख मुद्दा रहा है और इसने सरकार को कर्ज लेने से रोका है। इसकी वजह से अपने तेल भंडार से भारी मुनाफे के बावजूद सरकारी खजाने में पब्लिक सेक्टर के कर्मचारियों को वेतन देने के लिए बहुत कम पैसे बचे हैं। कुवैत में भी दूसरे अरब देशों की तरह शेख वाली राजशाही सिस्टम है लेकिन यहां की विधायिका पड़ोसी देशों से ज्यादा पावरफुल मानी जाती है।

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