Connect with us
https://www.aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

प्रादेशिक

‘सामना’ के लेख पर नीतीश, लालू ने जताई आपत्ति

Published

on

पटना,बिहार,मुख्यमंत्री-नीतीश-कुमार,राजद,अध्यक्ष-लालू-प्रसाद,सामना

Loading

पटना | बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के अध्यक्ष लालू प्रसाद ने शिवसेना के मुखपत्र ‘सामना’ में मुसलमानों के मताधिकार खत्म कर देने संबंधी लेख पर आपत्ति जताते हुए कहा है कि शिवसेना की यह बात संविधान के खिलाफ है। मुख्यमंत्री ने पटना में सोमवार को पत्रकारों से चर्चा करते हुए कहा, “देश संविधान से चलता है। देश को किसी की बातों से नहीं चलाया जा सकता। शिवसेना ने जो बातें कहीं हैं, वे निहायत गलत हैं।”

उन्होंने कहा कि शिवसेना की सोच निंदनीय और लोकतंत्र के लिए खतरनाक है। यह पार्टी सियासी फायदे के लिए समाज में नफरत फैलाने वाली बातें जानबूझकर करती रहती है। वहीं, राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद ने ‘सामना’ में छपे लेख की निंदा करते हुए कहा, “शिवसेना की रोजी-रोटी व पूंजी यही है। वे सांप्रदायिक बोल बोलने वाले खानदानी लोग हैं।” उन्होंने कहा, “कोई किसी का मताधिकार नहीं छीन सकता। यह फालतू बात है।”

उल्लेखनीय है कि ‘सामना’ के नवीनतम अंक में शिवसेना के राज्यसभा सांसद संजय राउत ने अपने लेख में बाल ठाकरे के बयान का जिक्र करते हुए कहा है कि देश में मुसलमानों के मतदान का अधिकार छीनने से ही मुस्लिम वोट बैंक के नाम पर हो रही सियासत खत्म होगी। राउत ने मुलायम सिंह यादव, लालू प्रसाद और मजलिस-ए-इत्तेहादुल-मुस्लिमीन के ओवैसी भाइयों पर भी निशाना साधते हुए कहा कि सबने मुसलमानों का इस्तेमाल सिर्फ सियासी फायदे के लिए किया है।

प्रादेशिक

गुजरात बोर्ड परीक्षा में टॉपर रही छात्रा की ब्रेन हैमरेज से मौत, आए थे 99.70 फीसदी अंक

Published

on

Loading

अहमदाबाद। गुजरात बोर्ड की टॉपर हीर घेटिया की ब्रेन हैमरेज से मौत हो गई है। 11 मई को गुजरात माध्यमिक और उच्चतर माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (GSEB) के नतीजे आए थे। हीर इसके टॉपर्स में से एक थी। उसके 99.70 फीसदी अंक आये थे। मैथ्स में उसके 100 में से 100 नंबर थे। उसे ब्रेन हैमरेज हुआ था। बीते महीने राजकोट के प्राइवेट अस्पताल में उसका ऑपरेशन हुआ था। ऑपरेशन के बाद उसे छुट्टी दे दी गई। वो घर चली गई, लेकिन क़रीब एक हफ़्ते पहले उसे सांस लेने में फिर दिक़्क़त होने लगी और दिल में भी हल्का दर्द होने लगा।

इसके बाद उसे अस्पताल में ICU में भर्ती कराया गया था। हाॅस्पिटल में एमआरआई कराने पर सामने आया कि हीर के दिमाग का 80 से 90 प्रतिशत हिस्सा काम नहीं कर रहा था। इसके बाद हीर को सीसीयू में भर्ती कराया गया। हालांकि डाॅक्टरों की लाख कोशिशों के बाद ही उसे बचाया नहीं जा सका और 15 मई को हीर ने दम तोड़ दिया। हीर की मौत के बाद परिवार ने मिसाल पेश करते हुए उसकी आंखों और शरीर को डोनेट करने का फैसला किया।

हीर के पिता ने कहा, “हीर एक डॉक्टर बनना चाहती थी। हमने उसका शरीर दान कर दिया ताकि भले ही वह डॉक्टर न बन सके लेकिन दूसरों की जान बचाने में मदद कर सकेगी।

Continue Reading

Trending