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अन्तर्राष्ट्रीय

सह-पायलट था बीमार, दुर्घटना वाले दिन लेनी थी छुट्टी

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बर्लिन। जर्मनी के डसेलडोर्फ शहर के प्रॉसीक्यूटर ने शुक्रवार को कहा कि फ्रांस की आल्प्स पहाड़ियों में जर्मनविंग्स ए320 यात्री विमान को जानबूझकर दुर्घटनाग्रस्त करने वाला सह-चालक बीमार था और उसे विमान के उड़ान भरने वाले दिन चिकित्सक ने छुट्टी लेने की सलाह दी थी, लेकिन सह-पायलट ने कंपनी से चिकित्सक के परामर्श वाला नोट छिपा लिया था। बीमारी के कारण छुट्टी लेने की सलाह वाला नोट सह-पायलट के घर से तलाशी के दौरान बुरी तरह फटी हुई हालत में अन्य दस्तावेजों के साथ मिला। इससे सह-पायलट के मानसिक तौर पर बीमार होने का पता लगता है और इसके लिए उपचार ले रहा था।

अभियोजन के सूत्रों ने हालांकि उसके घर से खुदकुशी करने से जुड़ा कोई पत्र या उसकी राजनीतिक या धार्मिक पृष्ठभूमि का संकेत देने वाला कोई दस्तावेज मिलने का खंडन किया। ऐसी खबरें भी आई हैं कि सह-पायलट आंद्रे ल्यूबित्ज ने 2009 में अपना प्रशिक्षण पूरा होने से पहले ही छोड़ दिया था, जिससे ल्यूबित्ज के उस समय भी तनावग्रस्त रहने की संभावनाएं जताई जा रही हैं। लुफ्थांसा के मुख्य कार्यकारी कार्सटेन स्पोहर ने गुरुवार को इसकी पुष्टि की कि ल्यूबित्ज ने अपना प्रशिक्षण लंबे समय तक छोड़ रखा था।

ल्यूबित्ज पर बीते मंगलवार को स्पेन के बार्सिलोना से जर्मनी के डसेलडोर्फ को उड़ान भरने वाले यात्री विमान जर्मनविंग्स ए320 को फ्रांस की आल्प्स पहाड़ियों में जानबूझकर क्रैश करने का आरोप है, जिसमें विमान में सवार 144 यात्रियों सहित चालक दल के सभी छह सदस्यों की मौत हो गई। ल्यूबित्ज ने 14 वर्ष की अवस्था में एक स्थानीय विमानन संस्थान में विमान उड़ाने का प्रशिक्षण शुरू किया और 2007 में ब्रेमेन स्थित लुफ्थांसा फ्लाइट ट्रेनिंग स्कूल में दाखिला लिया।

इसके बाद ल्यूबित्ज ने 2009 में अपना प्रशिक्षण कुछ महीने बंद रखा, जिसे उसने बाद में फिर से शुरू किया और प्रशिक्षण पूरा करने के बाद 2013 में लुफ्थांसा की किफायती विमानन सह-कंपनी जर्मनविंग्स में नौकरी कर ली। लुफ्थांसा के एक प्रवक्ता ने शुक्रवार की ही बताया कि ल्यूबित्ज ने शारीरिक एवं मानसिक सारी परीक्षाएं पास कर ली थीं। हालांकि उन्होंने ल्यूबित्ज के चिकित्सकीय आंकड़े उपलब्ध कराने से इनकार कर दिया।

इस बीच लुफ्थांसा ने नए निर्देश को लागू करने की घोषणा की है, जिसके तहत उड़ान के दौरान विमान के कॉकपिट में हमेशा दो पायलट मौजूद रहेंगे। जर्मनविंग्स के इस हादसे को देखते हुए न्यूजीलैंड की विमानन कंपनी ‘एयर न्यूजीलैंड’ ने भी इस नए निर्देश को अपने यहां लागू करने की घोषणा की है।

जर्मनविंग्स हादसे का रहस्योद्घाटन होने के बाद लुफ्थांसा समूह के अलावा एयर बर्लिन, कोनडोर, ट्यूफ्लाई, नार्वेजियन एयर, ईजीजेट, एयर कनाडा और आइसलैंडएयर जैसी कई वैश्विक विमानन कंपनियां सख्त कॉकपिट नियमों पर पहले ही सहमति दे चुकी हैं, जिसके तहत चालक दल के दो सदस्य कॉकपिट में हमेशा मौजूद रहेंगे।

उल्लेखनीय है कि जर्मनविंग्स हादसे में सह-पायलट ल्यूबित्ज ने कॉकपिट से बाहर निकले मुख्य पायलट के अंदर आने के लिए दरवाजा खोलने के अनुरोध पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी और विमान को नीचे की ओर गिरने दिया।

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पाकिस्तान के रक्षा मंत्री का बयान, ‘पाकिस्तान के इस सैन्य तानाशाह को कब्र से निकालकर फांसी पर लटकाना चाहिए’

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नई दिल्ली। पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने नेशनल असेंबली में एक बहस के दौरान कहा कि संविधान को निरस्त करने के लिए अयूब खान के शव को कब्र से निकालकर उसको फांसी पर लटका दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि अयूब खान ने संविधान को रद्द करने का जो काम किया था, उसके लिए उनको कभी माफ नहीं किया जा सकता है। आसिफ ने ये कमेंट असेंबली में विपक्ष के नेता और अयूब खान के पोते उमर अयूब खान से बहस के दौरान किया। उमर ने सेना की पिछले सप्ताह की प्रेस कॉन्फ्रेंस पर सवाल उठाते हुए फौज के राजनीति में हस्तक्षेप पर एतराज जताया था। इसके बाद जवाब में ख्वाजा ने कड़ी प्रतिक्रिया दी।

इससे पहले उमर अयूब खान ने कहा कि संविधान के अनुसार सुरक्षा एजेंसियां राजनीति में शामिल नहीं हो सकती हैं। उन्होंने संविधान के विभिन्न अनुच्छेदों का हवाला देते हुए कहा कि सैन्य अधिकारियों की शपथ उन्हें राजनीति में हस्तक्षेप करने की इजाजत नहीं देती। उन्होंने कहा ‘‘सुरक्षा संस्थानों को संविधान के अनुसार, राजनीति में शामिल नहीं होना चाहिए। यह संवाददाता सम्मेलन नहीं होना चाहिए था।’’ उन्होंने अनुच्छेद छह का हवाला देते हुआ कहा कि संविधान को निरस्त करना दंडनीय देशद्रोह है जिसके लिए मौत की सजा तय है। उन्होंने आग्रह किया कि सभी संस्थानों को संवैधानिक सीमाओं के भीतर रहना चाहिए।

रक्षा मंत्री आसिफ ने कहा कि अयूब खान संविधान का उल्लंघन करने वाले पहले व्यक्ति थे और उन्हें अनुच्छेद छह का सामना करने वाला भी पहला व्यक्ति होना चाहिए। रक्षा मंत्री आसिफ ने कहा, “देश में पहला मार्शल लॉ लागू करने वाले झूठे फील्ड मार्शल अयूब खान के शरीर को भी (अनुच्छेद 6 के अनुसार) खोदकर निकाला जाना चाहिए और फांसी दी जानी चाहिए।”

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