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मुख्य समाचार

सरकार जनवरी-दिसंबर वित्त वर्ष पर विचार कर रही : जेटली

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नई दिल्ली, 22 जुलाई (आईएएनएस)| केंद्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली ने शुक्रवार को कहा कि सरकार वित्त वर्ष को बदलकर जनवरी-दिसंबर करने की विचार कर रही है, ताकि यह कैलेंडर वर्ष के साथ मेल खाए। जेटली ने यहां लोकसभा में एक लिखित जवाब में कहा, वित्त वर्ष में बदलाव के मुद्दे पर सरकार विचार कर रही है।

वित्तमंत्री ने कहा कि इस पर सरकार द्वारा गठित एक समिति ने हाल ही में विचार किया था। इस समिति के अध्यक्ष पूर्व आर्थिक सलाहकार शंकर आचार्य हैं। इस समिति की रिपोर्ट मिल गई है।

जेटली ने इस पर किसी प्रकार की टिप्पणी से इनकार कर दिया कि क्या सरकार अगले साल से वित्त वर्ष जनवरी-दिसंबर लागू करने के लिए आम बजट को नवंबर-दिसंबर में प्रस्तुत करेगी।

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नेशनल

जानिए कौन हैं वो चार लोग, जिन्हें पीएम मोदी ने नामांकन के लिए अपना प्रस्तावक चुना

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वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी के काल भैरव मंदिर में दर्शन करने के बाद अपना नामांकन दाखिल कर दिया। पीएम मोदी ने वाराणसी से तीसरी बार अपना नामांकन दाखिल किया है। पीएम मोदी के नामांकन में गृह मंत्री अमित शाह और राजनाथ सिंह समेत 20 केंद्रीय मंत्री मौजूद रहे। इसके अलावा 12 राज्यों के सीएम भी शामिल हुए। पीएम मोदी के नामांकन के दौरान उनके साथ चार प्रस्तावक भी कलेक्ट्रेट में मौजूद रहे।

इनमें एक पुजारी, दो ओबीसी और एक दलित समुदाय के व्यक्ति का नाम है। दरअसल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान चार प्रस्तावक मौजूद रहे। इनमें पहला नाम आचार्य गणेश्वर शास्त्री का है, जो कि पुजारी हैं। इसके बाद बैजनाथ पटेल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान प्रस्तावक बने, जो ओबीसी समुदाय से आते हैं। वहीं लालचंद कुशवाहा भी पीएम के नामांकन में प्रस्तावक के तौर पर शामिल हुए। ये भी ओबीसी समाज से आते हैं। पीएम मोदी के प्रस्तावकों में आखिरी नाम संजय सोनकर का भी है, जो कि दलित समुदाय से हैं।

चुनाव में प्रस्तावक की भूमिका अहम होती है। ये ही वे लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार के नाम का प्रस्ताव रखते हैं। निर्वाचन आयोग के मुताबिक, प्रस्तावक वे स्‍थानीय लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार को चुनाव लड़ने के लिए अपनी ओर से प्रस्तावित करते हैं। आमतौर पर नामांकन के लिए किसी महत्वपूर्ण दल के वीआईपी कैंडिडेट के लिए पांच और आम उम्मीदवार के लिए दस प्रस्तावकों की जरूरत होती है।

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