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सरकार, उद्योग जगत ने आरबीआई को सराहा
नई दिल्ली/मुंबई | भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) द्वारा नीतिगत दर घटाए जाने की सरकार, उद्योग जगत और निवेशक समुदाय ने सराहना की है। सरकार के मुख्य आर्थिक सलाहकार अरविंद सुब्रह्मण्यम ने कहा, “यह कटौती आर्थिक स्थिति से मेल खाती है, जिसमें महंगाई में गिरावट, चालू खाता घाटा की बेहतर स्थिति और वित्तीय घाटा पर उम्मीद से अधिक नियंत्रण शामिल है।”
2014-15 में वित्तीय घाटा सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का चार फीसदी रहा, जबकि लक्ष्य 4.1 फीसदी का था। भारतीय उद्योग परिसंघ के महानिदेशक चंद्रजीत बनर्जी ने कहा, “सस्ते कर्ज की अनुपलब्धता के कारण लटकी पड़ी कई परियोजनाएं वापस शुरू हो सकेंगी, बशर्ते आरबीआई दरें घटाने का सिलसिला जारी रखे।” उन्होंने कहा, “दर कटौती से वाहन और पूंजीगत वस्तु बाजार में भी तेजी आएगी।” एसोसिएटेड चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री ऑफ इंडिया (एसोचैम) ने इस कटौती को जरूरत से कम और देर से लिया गया फैसला बताया। एसोचैम के अध्यक्ष राणा कपूर ने कहा, “गवर्नर राजन ने खुद स्वीकार किया है कि निवेश का स्तर कम है और कंपनियों का परिणाम अच्छा नहीं रहा है, फिर भी उन्होंने जरूरत के मुताबिक दर में कटौती नहीं की है।” उन्होंने कहा, “विकास को प्रमुखता देने का समय आ गया है। अन्यथा चीन से बेहतर विकास दर महज बढ़-चढ़ कर पेश की गई कल्पना रह जाएगी।”
पीएचडी चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के अध्यक्ष आलोक बी. श्रीराम ने कहा, “मांग और औद्योगिक विकास दर बढ़ाने के लिए रेपो दर छह फीसदी से अधिक नहीं होना चाहिए।” उन्होंने कहा, “मेक इन इंडिया के लक्ष्य हासिल करने के लिए उद्योग को दहाई अंक की विकास दर हासिल करने की सुविधा दी जानी चाहिए।” आरबीआई ने मंगलवार को रेपो दर 25 आधार अंक घटाकर 7.25 फीसदी कर दी है। यह इस साल की तीसरी कटौती है। इससे पहले जनवरी और मार्च में भी 25-25 आधार अंकों की कटौती की गई थी।
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जानिए कौन हैं वो चार लोग, जिन्हें पीएम मोदी ने नामांकन के लिए अपना प्रस्तावक चुना
वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी के काल भैरव मंदिर में दर्शन करने के बाद अपना नामांकन दाखिल कर दिया। पीएम मोदी ने वाराणसी से तीसरी बार अपना नामांकन दाखिल किया है। पीएम मोदी के नामांकन में गृह मंत्री अमित शाह और राजनाथ सिंह समेत 20 केंद्रीय मंत्री मौजूद रहे। इसके अलावा 12 राज्यों के सीएम भी शामिल हुए। पीएम मोदी के नामांकन के दौरान उनके साथ चार प्रस्तावक भी कलेक्ट्रेट में मौजूद रहे।
इनमें एक पुजारी, दो ओबीसी और एक दलित समुदाय के व्यक्ति का नाम है। दरअसल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान चार प्रस्तावक मौजूद रहे। इनमें पहला नाम आचार्य गणेश्वर शास्त्री का है, जो कि पुजारी हैं। इसके बाद बैजनाथ पटेल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान प्रस्तावक बने, जो ओबीसी समुदाय से आते हैं। वहीं लालचंद कुशवाहा भी पीएम के नामांकन में प्रस्तावक के तौर पर शामिल हुए। ये भी ओबीसी समाज से आते हैं। पीएम मोदी के प्रस्तावकों में आखिरी नाम संजय सोनकर का भी है, जो कि दलित समुदाय से हैं।
चुनाव में प्रस्तावक की भूमिका अहम होती है। ये ही वे लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार के नाम का प्रस्ताव रखते हैं। निर्वाचन आयोग के मुताबिक, प्रस्तावक वे स्थानीय लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार को चुनाव लड़ने के लिए अपनी ओर से प्रस्तावित करते हैं। आमतौर पर नामांकन के लिए किसी महत्वपूर्ण दल के वीआईपी कैंडिडेट के लिए पांच और आम उम्मीदवार के लिए दस प्रस्तावकों की जरूरत होती है।
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