अन्तर्राष्ट्रीय
सऊदी अरब के दौरे पर जाएंगे पाकिस्तान के प्रधानमंत्री
इस्लामाबाद | पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ 23 अप्रैल (गुरुवार) को सऊदी अरब की यात्रा पर जाएंगे, जहां वह यमन की स्थिति में हो रहे सुधारों पर चर्चा करेंगे। समाचार पत्र डेली टाइम्स में मंगलवार को प्रकाशित रपट के अनुसार, पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शरीफ अपने दौरे में सऊदी अरब के शाह सलमान बिल अब्दुलाजीज के साथ बैठक करेंगे।
शरीफ का यह दौरा पाकिस्तान की संसद द्वारा एकमत से पारित उस प्रस्ताव से संबंधित है, जिसमें यमन में राजनीतिक संकट के दौरान तटस्थता बनाए रखने की बात कही गई है। पाकिस्तान की संसद ने संयुक्त सत्र के दौरान सप्ताह भरी चली चर्चा और वाद-विवाद के बाद 10 अप्रैल को यह प्रस्ताव एकमत से पारित किया था, जिसमें यह भी कहा गया है कि पाकिस्तान, सऊदी अरब के पक्ष और बचाव में तभी आगे आएगा जब उसकी संप्रभुत्ता या क्षेत्रीय अखंडता को खतरा होगा। सऊदी अरब ने पाकिस्तान से सैन्य सहायता की अपील की थी, जिसके तहत यमन में चल रहे सैन्य अभियान में गठबंधन सेना में शामिल होने के लिए सैनिकों की टुकड़ियां, लड़ाकू विमान और नौसेना के जहाज की मदद मांगी गई थी।
पाकिस्तान से एक उच्च स्तरीय प्रतिनिधिमंडल ने 15 अप्रैल को सऊदी अरब के नेताओं के साथ बैठक भी की थी, जिसमें सऊदी अरब के राजकुमार मोहम्मद बिन सलमान अब्दुलाजीज भी शामिल थे। पाकिस्तानी प्रतिनिधिमंडल की अध्यक्षता पंजाब के मुख्यमंत्री शहबाज शरीफ ने की थी। प्रतिनिधिमंडल में प्रधानमंत्री के विदेश नीति सलाहकार सरताज अजीज और विदेश सचिव ऐजाज अहमद चौधरी शामिल थे।
अन्तर्राष्ट्रीय
पाकिस्तान के रक्षा मंत्री का बयान, ‘पाकिस्तान के इस सैन्य तानाशाह को कब्र से निकालकर फांसी पर लटकाना चाहिए’
नई दिल्ली। पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने नेशनल असेंबली में एक बहस के दौरान कहा कि संविधान को निरस्त करने के लिए अयूब खान के शव को कब्र से निकालकर उसको फांसी पर लटका दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि अयूब खान ने संविधान को रद्द करने का जो काम किया था, उसके लिए उनको कभी माफ नहीं किया जा सकता है। आसिफ ने ये कमेंट असेंबली में विपक्ष के नेता और अयूब खान के पोते उमर अयूब खान से बहस के दौरान किया। उमर ने सेना की पिछले सप्ताह की प्रेस कॉन्फ्रेंस पर सवाल उठाते हुए फौज के राजनीति में हस्तक्षेप पर एतराज जताया था। इसके बाद जवाब में ख्वाजा ने कड़ी प्रतिक्रिया दी।
इससे पहले उमर अयूब खान ने कहा कि संविधान के अनुसार सुरक्षा एजेंसियां राजनीति में शामिल नहीं हो सकती हैं। उन्होंने संविधान के विभिन्न अनुच्छेदों का हवाला देते हुए कहा कि सैन्य अधिकारियों की शपथ उन्हें राजनीति में हस्तक्षेप करने की इजाजत नहीं देती। उन्होंने कहा ‘‘सुरक्षा संस्थानों को संविधान के अनुसार, राजनीति में शामिल नहीं होना चाहिए। यह संवाददाता सम्मेलन नहीं होना चाहिए था।’’ उन्होंने अनुच्छेद छह का हवाला देते हुआ कहा कि संविधान को निरस्त करना दंडनीय देशद्रोह है जिसके लिए मौत की सजा तय है। उन्होंने आग्रह किया कि सभी संस्थानों को संवैधानिक सीमाओं के भीतर रहना चाहिए।
रक्षा मंत्री आसिफ ने कहा कि अयूब खान संविधान का उल्लंघन करने वाले पहले व्यक्ति थे और उन्हें अनुच्छेद छह का सामना करने वाला भी पहला व्यक्ति होना चाहिए। रक्षा मंत्री आसिफ ने कहा, “देश में पहला मार्शल लॉ लागू करने वाले झूठे फील्ड मार्शल अयूब खान के शरीर को भी (अनुच्छेद 6 के अनुसार) खोदकर निकाला जाना चाहिए और फांसी दी जानी चाहिए।”
-
लाइफ स्टाइल8 hours ago
गर्मियों में रोजाना मूली खाने से होंगे कई फायदे, आज ही करें डाइट में शामिल
-
नेशनल2 days ago
केजरीवाल ने किया 10 गारंटियों का एलान- 24 घंटे मुफ्त बिजली, सभी बच्चों को मुफ्त शिक्षा का वादा
-
नेशनल2 days ago
तृणमूल कांग्रेस ने पश्चिम बंगाल में बम बनाने को एक कुटीर उद्योग बना दिया है : पीएम मोदी
-
नेशनल1 day ago
बाराबंकी के हैदरगढ़ में बोले CM योगी- ये चुनाव रामभक्तों और रामद्रोहियों के बीच
-
मनोरंजन2 days ago
आ गई ‘बॉर्डर 2’ की रिलीज डेट, सनी देओल के साथ आयुष्मान खुराना भी आएंगे नजर
-
नेशनल2 days ago
अखिलेश यादव ने दी बीजेपी को चेतावनी, कहा- वोट डालने से किसी को रोका तो
-
उत्तर प्रदेश2 days ago
पीएम मोदी के नामांकन से पहले अमित शाह और सीएम योगी पहुंचे वाराणसी, तैयारियों का लिया जायजा
-
नेशनल2 days ago
पीएम मोदी केवल धर्म के नाम पर वोट मांगते हैं : प्रियंका गांधी