Connect with us
https://www.aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

अन्तर्राष्ट्रीय

संयुक्त राष्ट्र शांति मिशन के लिए चीन भेजेगा पैदल सेना

Published

on

Loading

बीजिंग| संयुक्त राष्ट्र के शांति मिशन के तहत चीन का पैदल बटालियन दक्षिण सूडान रवाना होने के लिए तैयार है। संयुक्त राष्ट्र के शांति मिशन में पहली बार चीनी सैनिकों का जत्था भागीदारी कर रहा है। समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रपट के मुताबिक, चीन के शैनडोंग प्रांत स्थित लेयांग में सोमवार को एक रैली आयोजित की गई। इस दौरान केंद्रीय सैन्य आयोग तथा उसके अध्यक्ष शी जिनपिंग ने सैन्य जत्थे को रवानगी की मंजूरी दे दी।

इससे पहले, चीन के शांति सैनिकों में खासकर इंजीनियरिंग, परिवहन, चिकित्सा सेवाएं तथा सुरक्षा कर्मी होते थे। 700 की क्षमता वाले पैदल बटालियन में 121 अधिकारी तथा 579 सैनिक हैं। इनके 43 सदस्य पहले ही शांति मिशनों में हिस्सा ले चुके हैं। 13 महिला सैनिकों का एक सैन्य दस्ता पहली बार मिशन में हिस्सा ले रहा है।

180 सैनिकों का पहला जत्था जनवरी 2015 में दक्षिण सूडान के लिए उड़ान भरेगा, इसके बाद बचे सैनिक मार्च में हवाई तथा समुद्री मार्गो से रवाना होंगे। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के पांचों सदस्यों में चीन, शांति सैनिक उपलब्ध कराने के मामले में शीर्ष पर है। दुनिया भर में वह 27 हजार कर्मियों को सितंबर से अब तक तैनात कर चुका है। संघर्ष वाले विभिन्न इलाकों में कुल 2,027 चीनी शांति सैनिक वर्तमान में तैनात हैं।

अन्तर्राष्ट्रीय

कुवैत में संसद भंग, सभी कानून और संविधान के कुछ अनुच्छेद निलंबित

Published

on

Loading

नई दिल्ली। कुवैत के अमीर शेख मिशाल ने संसद को भंग कर दिया है। अमीर ने शुक्रवार को सरकारी टीवी पर एक संबोधन में इसकी घोषणा की। इसके अलावा अमीर ने देश के सभी कानूनों के साथ संविधान के कुछ अनुच्छेदों को चार साल तक के लिए निलंबित कर दिया है। इस दौरान देश में लोकतांत्रिक प्रक्रिया के सभी पहलुओं का अध्ययन किया जाएगा। सरकारी टीवी के मुताबिक, इस दौरान नेशनल असेंबली की सभी शक्तियां अमीर और देश की कैबिनेट के पास होंगी।

एमीर ने सरकारी टीवी पर दिए अपने संबोधन में संसद भंग करने की घोषणा करते हुए कहा, “कुवैत हाल ही में बुरे वक्त से गुजर रहा है, जिसकी वजह से किंगडम को बचाने और देश के हितों को सुरक्षित करने के लिए कड़े फैसले लेने में झिझक या देरी करने के लिए कोई गुंजाइश नहीं है। उन्होंने आगे कहा कि पिछले कुछ सालों में देश के कई डिपार्टमेंट्स में भ्रष्टाचार बढ़ गया है। भ्रष्टाचार की वजह से देश का महौल खराब हो रहा है। अफसोस की बात ये है कि भ्रष्टाचार सुरक्षा और आर्थिक संस्थानों तक फैल गया है। साथ ही अमीर ने न्याय प्रणाली में भ्रष्टाचार होने की बात कही है।

कुवैत पिछले कुछ सालों से घरेलू राजनीतिक विवादों से घिरा रहा है। देश का वेल्फेयर सिस्टम इस संकट का एक प्रमुख मुद्दा रहा है और इसने सरकार को कर्ज लेने से रोका है। इसकी वजह से अपने तेल भंडार से भारी मुनाफे के बावजूद सरकारी खजाने में पब्लिक सेक्टर के कर्मचारियों को वेतन देने के लिए बहुत कम पैसे बचे हैं। कुवैत में भी दूसरे अरब देशों की तरह शेख वाली राजशाही सिस्टम है लेकिन यहां की विधायिका पड़ोसी देशों से ज्यादा पावरफुल मानी जाती है।

Continue Reading

Trending