अन्तर्राष्ट्रीय
शरीफ के खिलाफ याचिका पर सुनवाई 8 दिसंबर को
इस्लामाबाद| पाकिस्तान सर्वोच्च न्यायालय ने प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की अयोग्यता से संबंधित मामले की एक बड़ी पीठ द्वारा सुनवाई किए जाने के लिए शनिवार को आठ दिसंबर की तारीख मुकर्रर की। डॉन ऑनलाइन की रपट के मुताबिक, मुख्य न्यायाधीश नासिर-उल-मुल्क की अध्यक्षता वाली सात सदस्यों की पीठ वकील गौहर नवाज सिंधु, पाकिस्तान मुस्लिम लीग-कायद (पीएमएल-क्यू) के नेता चौधरी शुजात तथा पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) की केंद्रीय कमेटी के नेता इशाक खान खाकवानी द्वारा प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को अयोग्य ठहराए जाने की मांग करने वाली याचिका पर सुनवाई करेगी।
याचिकाकर्ताओं ने दावा किया है कि प्रधानमंत्री नवाज शरीफ अतीत में सदन के पटल पर बेईमान निकले, जिसके कारण वह सादिक तथा अमीन (ईमानदार तथा न्याय परायण) नहीं रह गए हैं। सर्वोच्च न्यायालय ने बुधवार को सात न्यायाधीशों की एक पीठ का गठन किया, जो प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को अयोग्य ठहराने की मांग करने वाली याचिकाओं की सुनवाई करेगी। आरोप है कि शरीफ ने 29 अगस्त को सदन के पटल पर तथ्यों की गलत बयानी की थी।
बड़ी पीठ का गठन 10 नवंबर को क्वेटा में न्यायाधीश जव्वाद एस.ख्वाजा की अध्यक्षता वाली तीन न्यायाधीशों की एक पीठ के उस फैसले के आधार पर किया गया है, जिसमें उन्होंने अदालत से कहा था कि इस मुद्दे को मुख्य न्यायाधीश के समक्ष रखा जाए, अगर वह उचित समझेंगे तो एक बड़ी पीठ का गठन कर सकते हैं।
अन्तर्राष्ट्रीय
कुवैत में संसद भंग, सभी कानून और संविधान के कुछ अनुच्छेद निलंबित
नई दिल्ली। कुवैत के अमीर शेख मिशाल ने संसद को भंग कर दिया है। अमीर ने शुक्रवार को सरकारी टीवी पर एक संबोधन में इसकी घोषणा की। इसके अलावा अमीर ने देश के सभी कानूनों के साथ संविधान के कुछ अनुच्छेदों को चार साल तक के लिए निलंबित कर दिया है। इस दौरान देश में लोकतांत्रिक प्रक्रिया के सभी पहलुओं का अध्ययन किया जाएगा। सरकारी टीवी के मुताबिक, इस दौरान नेशनल असेंबली की सभी शक्तियां अमीर और देश की कैबिनेट के पास होंगी।
एमीर ने सरकारी टीवी पर दिए अपने संबोधन में संसद भंग करने की घोषणा करते हुए कहा, “कुवैत हाल ही में बुरे वक्त से गुजर रहा है, जिसकी वजह से किंगडम को बचाने और देश के हितों को सुरक्षित करने के लिए कड़े फैसले लेने में झिझक या देरी करने के लिए कोई गुंजाइश नहीं है। उन्होंने आगे कहा कि पिछले कुछ सालों में देश के कई डिपार्टमेंट्स में भ्रष्टाचार बढ़ गया है। भ्रष्टाचार की वजह से देश का महौल खराब हो रहा है। अफसोस की बात ये है कि भ्रष्टाचार सुरक्षा और आर्थिक संस्थानों तक फैल गया है। साथ ही अमीर ने न्याय प्रणाली में भ्रष्टाचार होने की बात कही है।
कुवैत पिछले कुछ सालों से घरेलू राजनीतिक विवादों से घिरा रहा है। देश का वेल्फेयर सिस्टम इस संकट का एक प्रमुख मुद्दा रहा है और इसने सरकार को कर्ज लेने से रोका है। इसकी वजह से अपने तेल भंडार से भारी मुनाफे के बावजूद सरकारी खजाने में पब्लिक सेक्टर के कर्मचारियों को वेतन देने के लिए बहुत कम पैसे बचे हैं। कुवैत में भी दूसरे अरब देशों की तरह शेख वाली राजशाही सिस्टम है लेकिन यहां की विधायिका पड़ोसी देशों से ज्यादा पावरफुल मानी जाती है।
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