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वैवाहिक दुष्कर्म : कोई क्यों सहे दर्द चुपचाप?

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नई दिल्ली, 14 सितंबर (आईएएनएस)| विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के पति स्वराज कौशल ने एक बार कहा था कि वैवाहिक दुष्कर्म जैसी कोई चीज नहीं होती, अगर ऐसा हुआ तो हमारे घर पुलिस थानों में तब्दील हो जाएंगे। उनकी बात मानना मीरा (बदला हुआ नाम) जैसी उन महिलाओं के घाव पर नमक छिड़कने जैसा होगा, जो शादी की आड़ में अपने साथ हो रहे दुष्कर्म की आदी हो चुकी हैं।

यह सिर्फ मीरा की कहानी नहीं है, बल्कि हमारे समाज में ऐसी लाखों मीरा हैं जो इस दर्द को चुपचाप पीए जा रही हैं। दिल्ली के पॉश इलाके में रहने वाली मीरा नाम उजागर न होने के आश्वासन पर बताती हैं, शादी के 18 साल बाद भी पति की देह की भूख शांत करने का जरिया बनी हुई हूं। मुझसे पूछना तो दूर, मेरी भावनाओं तक का ध्यान नहीं रखा जाता। लेकिन कर क्या सकती हूं, मेरे पति हैं।

‘मैरिटल रेप’ को कानून के दायरे में लाकर इसे अपराध घोषित करने के सवाल पर मीरा कहती हैं, पति को जेल भेज दूंगी तो जिंदगी किसके सहारे कटेगी? इसके बाद क्या मेरा परिवार मुझे शांति से जीने देगा? मेरे बच्चों का भविष्य क्या होगा?

मीरा की बातें भारतीय समाज की हकीकत बयां करती हैं। एक ऐसे समाज की हकीकत, जहां महिला के लिए शादी अच्छा जीवन जीने की गारंटी है और उसका पति ‘परमेश्वर’ होता है, लेकिन सर्वोच्च न्यायालय की वरिष्ठ अधिवक्ता गीता लूथरा कहती हैं, यदि दुष्कर्म अपराध है तो वैवाहिक दुष्कर्म भी अपराध है। अंतर बस यही है कि यह घर के भीतर होता है। यह दो लोगों के बीच बंद कमरे में हुआ कृत्य है, जिसकी पुष्टि करना बहुत मुश्किल है।

यहां सवाल यह उठता है कि क्या इसे अपराध की श्रेणी में लाने पर महिलाएं अपना मुंह खोलेंगी? इस पर गीता कहती हैं कि आज किसी महिला के लिए उसका पति परमेश्वर नहीं रह गया, वे दिन लद चुके हैं। समय के साथ-साथ महिलाओं की सोच भी बदल रही हैं। ग्रामीण पृष्ठभूमि की महिलाएं भी अपने खिलाफ हो रहे अन्याय को लेकर आवाज उठा रही हैं। 498ए के तहत महिलाएं पतियों के खिलाफ बाहर आई हैं। इस कानून में मुश्किल यही होगा कि अपराध का सत्यापन कराना मुश्किल होगा।

गीता कहती हैं कि हर कानून का दुरुपयोग होता है, तो इस वजह से कानून बनना बंद तो नहीं हो सकता।

वैवाहिक दुष्कर्म 80 देशों में अपराध है। इसे सबसे पहले 1932 में पोलैंड में अपराध की श्रेणी में लाया गया था, लेकिन भारत जैसे रूढ़िवादी देश में यह लोगों के गले के नीचे उतरेगा क्या?

सामाजिक कार्यकर्ता कमला भसीन कहती हैं, शादीशुदा महिलाओं का भी अपने शरीर पर उतना ही हक है, जितना कुंवारी लड़कियों का। शादी होने से पुरुषों को रेप करने का सर्टिफिकेट नहीं मिल जाता। निर्भया कांड के बाद गठित की गई जस्टिस वर्मा कमेटी की रिपार्टों की समीक्षा करने की जरूरत है कि आखिर कानून बनने से कितना बदलाव आया है और कितना दुरुपयोग हुआ है।

इस मुद्दे पर चल रही सुनवाई में दिल्ली उच्च न्यायालय ने कहा है कि पश्चिमी देशों में वैवाहिक दुष्कर्म को अपराध माना गया है, इसका यह मतलब नहीं है कि भारत भी आंख मूंदकर वही करे। केंद्र सरकार ने वैवाहिक दुष्कर्म को अपराध घोषित किए जाने का विरोध किया है। सरकार ने अदालत में अर्जी दाखिल कर कहा है कि वैवाहिक दुष्कर्म को अपराध नहीं माना जा सकता, क्योंकि यह वैवाहिक संस्था के लिए खतरनाक साबित होगा। यह एक ऐसा चलन बन सकता है, जो पतियों को प्रताड़ित करने का आसान जरिया बन सकता है।

हमारे देश में दिक्कत यही है कि कानून में वैवाहिक दुष्कर्म परिभाषित नहीं है। हिंदू विवाह अधिनियम को खंगालें तो पता चलेगा कि विवाह के समय पति और पत्नी, दोनों की कुछ जिम्मेदारियां तय की गई हैं, जिसमें से एक सहवास का अधिकार भी है और सेक्स से इनकार करना क्रूरता माना गया है और इस आधार पर पति-पत्नी तलाक भी ले सकते हैं।

दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल कहती हैं, वैवाहिक दुष्कर्म एक अपराध है, इसे जितनी जल्दी समाज स्वीकार करे, उतना बेहतर होगा। उच्च न्यायालय का फैसला आने के बाद ही स्थिति स्पष्ट हो पाएगी।

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नेशनल

Modi 3.0: बंटे विभाग, टॉप 4 में कोई परिवर्तन नहीं, जानें किसे कौन सा मंत्रालय मिला

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नई दिल्ली। देश में तीसरी बार मोदी सरकार बन चुकी है। नई सरकार में पीएम मोदी समेत कुल 72 मंत्रियों ने रविवार को मंत्री पद की शपथ ली। आज मंत्रियों को उनके विभागों का बंटवारा भी कर दिया गया है। राजनाथ सिंह, अमित शाह, नितिन गडकरी, निर्मला सीतारमण, एस जयशंकर के मंत्रालय में कोई बदलाव नहीं किया गया है। ये नेता वही मंत्रालय संभालेंगे, जिसे वह मोदी सरकार 2.0 में संभाल रहे थे।

मंत्रियों और उनके मंत्रालय की पूरी लिस्ट

मोदी कैबिनेट 3.0 

1. नितिन गडकरी को सड़क परिवहन मंत्रालय
2. अजय टम्टा और हर्ष मल्होत्रा सड़क परिवहन राज्यमंत्री
3. एस जयशंकर को विदेश मंत्रालय,
4.अश्विनी वैष्णव को रेल मंत्रालय
5. राजनाथ सिंह को रक्षा मंत्रालय,
6अमित शाह को गृह मंत्रालय
7. निर्मला सीतारमण को वित्त मंत्रालय
8. मनोहर लाल को ऊर्जा मंत्रालय, शहरी विकास मंत्रालय
9. तोखन साहू शहरी विकास मंत्रालय में राज्यमंत्री
10. श्रीपद नाइक ऊर्जा मंत्रालय में राज्यमंत्री
11. वित्त मंत्री बनी रहेंगी निर्मला सीतारमण
12. हरदीप सिंह पुरी पेट्रोलियम मंत्री बने रहेंगे
13. पीयूष गोयल को वाणिज्य मंत्रालय
14. अश्विनी वैष्णव को रेल मंत्रालय, सूचना प्रसारण मंत्रालय
15. शिवराज सिंह चौहान को कृषि मंत्रालय
16. धर्मेंद्र प्रधान को HRD मंत्रालय का प्रभार
17. शोभा करंदलाजे लघु उद्योग राज्यमंत्री
18. जीतनराम मांझी लघु उद्योग मंत्री बने
19. किरेन रिजिजू संसदीय कार्य मंत्री बने
20. सीआर पाटिल को जलशक्ति मंत्रालय
21. राम मोहन नायडू को नागरिक उड्डयन
22. गजेंद्र शेखावत संस्कृति और पर्यटन मंत्री
23. सुरेश गोपी राज्यमंत्री संस्कृति और पर्यटन
24. भूपेंद्र यादव को पर्यावरण मंत्रालय
25. जेपी नड्डा को स्वास्थ्य मंत्रालय
26. चिराग पासवान को खेल और युवा कल्याण मंत्रालय
27. सर्बानंद सोनोवाल को पोर्ट शिपिंग मंत्रालय
28. शांतनु ठाकुर पोर्ट शिपिंग राज्यमंत्री
29-एच डी कुमारस्वामी- भारी उद्योग मंत्रालय
30-हरदीप सिंह पूरी को पेट्रोलियम मंत्रालय
31-गिरिराज सिंह बने कपड़ा मंत्री
32-ज्योतिरादित्य सिंधिया टेलीकॉम मंत्रालय
33-अन्नपूर्णा देवी को महिला बाल विकास मंत्रालय की ज़िम्मेदारी

ये बनाए गए राज्यमंत्री – जितिन प्रसाद, श्रीपद नाईक, पंकज चौधरी, कृष्णपाल गुर्जर, रामदास अठावले, रामनाथ ठाकुर, नित्यानंद राय, अनुप्रिया पटेल, वी सोमन्ना, पी चंद्रशेखर, एसपी सिंह बघेल, शोभा करंदलाजे, बीएल वर्मा, कीर्ति वर्धन सिंह, शांतनु ठाकुर, सुरेश गोपी, एल मुरुगन, अजय टम्टा, बंदी संजय कुमार, कमलेश पासवान, भागीरथ चौधरी, सतीश चंद्र दुबे, संजय सेठ, रवनीत सिंह बिट्टू, दुर्गादास उड़के, रक्षा खडसे, सुकांत मजूमदार, सावित्री ठाकुर, टोकन साहू, राजभूषण चौधरी, श्रीनिवास वर्मा, नीमूबेन बामणिया, मुरलीधर मोहोल, जॉर्ज कुरियन, पबित्रा मार्गेरिटा

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