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अन्तर्राष्ट्रीय

वेनेजुएला में सैन्य विकल्प से इनकार नहीं : ट्रंप

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वाशिंगटन, 12 अगस्त (आईएएनएस)| अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि वह वेनेजुएला में जारी ‘राजनीतिक अराजकता’ की स्थिति के बीच सैन्य हस्तक्षेप की संभावना से इनकार नहीं कर सकते।

समाचार पत्र वाशिंगटन पोस्ट के मुताबिक, न्यू जर्सी राज्य के बेडमिंस्टर स्थित गोल्फ क्लब में शुक्रवार को संवाददाताओं से बातचीत में ट्रंप ने वेनेजुएला में बढ़ते ‘मानवीय संकट’ की निंदा की और कहा कि सभी विकल्प मौजूद हैं, जिसमें सैन्य हस्तक्षेप भी शामिल है।

ट्रंप ने कहा, वेनेजुएला में हमारे पास कई विकल्प है और मैं सैन्य विकल्प से इनकार नहीं कर रहा।

उन्होंने कहा कि ‘हम सैन्य विकल्प को अंजाम दे सकते हैं।’

राष्ट्रपति के अनुसार, यह हमारा पड़ोसी है। आप जानते हैं, हम पूरी दुनिया में हैं और हमारे सैनिक पूरी दुनिया में बहुत दूर-दूर की जगहों पर भी हैं। वेनेजुएला ज्यादा दूर नहीं है, जहां लोग परेशान हैं और मर रहे हैं। हमारे पास वेनेजुएला के लिए कई विकल्प हैं, जिसमें जरूरत पड़ने पर सैन्य विकल्प की संभावना भी शामिल है।

सीएनएन की रिपोर्ट के मुताबिक, ट्रंप प्रशासन ने वेनेजुएला में 30 जुलाई को हुए चुनाव के बाद वहां के राष्ट्रपति निकोलस मडुरो पर कई प्रतिबंध लगा दिए हैं। इस मतदान के जरिये मडुरो को विपक्षी सदस्यों की पकड़ वाली नेशनल एसेम्बली के स्थान पर 545 सदस्यीय नई कॉन्सिट्युएंट एसेम्बली को अस्तित्व में लाने में कामयाबी मिल गई, जिसमें उनके समर्थक भरे पड़े हैं। इसके बाद आशंका जताई जाने लगी है कि देश में तानाशाही शासन की स्थापना हो सकती है।

वहीं, ट्रंप की टिप्पणी के जवाब में वेनेजुएला के रक्षा मंत्री जनरल व्लादिजर पैदरिनो ने अमेरिका की ओर से सैन्य हस्तक्षेप की बात को ‘पागलपन’ और ‘चरमपंथ’ करार दिया।

इस बीच व्हाइट हाउस ने शुक्रवार रात को एक बयान जारी कर कहा कि उसने मडुरो की ओर से ट्रंप पर फोन पर बातचीत का अनुरोध खारिज कर दिया।

व्हाइट हाउस की ओर से जारी बयान में कहा गया है, अमेरिका मडुरो प्रशासन द्वारा वेनेजुएला के लोगों के लगातार दमन में देश के लोगों के साथ खड़ा है।

बयान में यह भी कहा गया है कि वेनेजुएला में लोकतंत्र की स्थापना के साथ ही ट्रंप खुशी-खुशी देश के नेता से बात करेंगे।

वेनेजुएला गंभीर आर्थिक व राजनीतिक संकट से जूझ रहा है। अप्रैल में मडुरो द्वारा कॉस्टिट्युएंट एसेम्बली के गठन की घोषणा के साथ ही देश में हिंसक विरोध-प्रदर्शन शुरू हो गए, जिसमें अब तक 100 से अधिक लोगों की मौत हो गई।

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अन्तर्राष्ट्रीय

भारत में अवसरों की भरमार, पीएम मोदी के नेतृत्व में 10 सालों में देश ने अच्छी प्रगति की : वॉरेन बफे

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नई दिल्ली। बर्कशायर हैथवे के चेयरमैन और सीईओ वॉरेन बफे भारत की निवेश की संभावनाओं को लेकर काफी उत्साहित हैं। उन्होंने रविवार को कंपनी की सालाना बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि भारत में अवसरों की भरमार हैं। उन्होंने कहा कि भारत अब 5 ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी और दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की राह पर है। बीते दस सालों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में देश ने सभी आर्थिक मानदंडों में अच्छी प्रगति की है। अब लगभग 3.7 ट्रिलियन डॉलर (अनुमान वित्त वर्ष 2023-24) की जीडीपी के साथ भारत आर्थिक रूप से पांचवां सबसे बड़ा देश है। एक दशक पहले देश 1.9 ट्रिलियन डॉलर (मौजूदा बाजार मूल्य) की जीडीपी के साथ भारत 10वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था था। वित्त मंत्रालय के अनुसार, इस 10 साल की यात्रा में कई रिफॉर्म हुए जिसने देश को आर्थिक रूप से आगे बढ़ाया है।

रविवार को अपनी कंपनी की वार्षिक बैठक में वॉरेन बफेट ने कहा, भारत में नई संभावनाओं का पता लगाएं। यहां ऐसे क्षेत्र हो सकते हैं जिनको सर्च नहीं किया गया है या यहां मौजूद अवसरों पर ध्यान नहीं दिया गया है। उन्होंने कहा, मुझे यकीन है कि भारत में बहुत सारे अवसर हैं। सवाल यह है कि क्या हमें उनके बारे में जानकारी है, जिसमें हम भाग लेना चाहेंगे। बफेट देश में संभावित प्रवेश की तलाश में हैं। भारत की जीडीपी ग्रोथ एक नए शिखर पर पहुंचने के लिए तैयार है। विनिर्माण और ऑटोमोबाइल जैसे सेक्टरों ने फिर से सुधार देखना शुरू कर दिया है और जीएसटी कलेक्शन नई ऊंचाई हासिल कर रहा है।

आरबीआई के लेटेस्ट आंकड़ों के अनुसार, भारत की जीडीपी ग्रोथ महामारी से पहले 2020 के दौरान दर्ज की गई 7 प्रतिशत से ऊपर बढ़ने के संकेत हैं। आईएमएफ के लेटेस्ट आंकड़ों के अनुसार, 2004 में भारत की प्रति व्यक्ति जीडीपी 635 डॉलर थी। 2024 में देश की प्रति व्यक्ति जीडीपी बढ़कर 2,850 डॉलर हो गई है, जो इसके समकक्ष देशों के लिए 6,770 डॉलर का 42 प्रतिशत है। इस महीने की शुरुआत में जारी एचएसबीसी सर्वे के अनुसार, मजबूत मांग के कारण भारत का विनिर्माण सेक्टर अप्रैल में मजबूत गति से बढ़ा। इसके अलावा विश्व चुनौतियों के बावजूद, एक लाख से अधिक स्टार्टअप और 100 से ज्यादा यूनिकॉर्न के साथ देश ग्लोबल स्तर पर तीसरा सबसे बड़ा टेक स्टार्टअप इकोसिस्टम बना हुआ है।

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