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वीरभद्र के खिलाफ मामला रद्द करने से उच्च न्यायालय का इनकार

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नई दिल्ली, 3 जुलाई (आईएएनएस)| दिल्ली उच्च न्यायालय ने सोमवार को हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह व अन्य की उस याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा उनके खिलाफ दर्ज धनशोधन के मामले को समाप्त करने की मांग की गई थी। ईडी ने यह मामला धनशोधन रोकथाम अधिनियम (पीएमएलए) के तहत इनके खिलाफ दर्ज किया है। न्यायमूर्ति आर. के. गाबा ने मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह, उनकी पत्नी प्रतिभा सिंह व बेटे विक्रमादित्य सिंह व दो अन्य की याचिका को यह कहते हुए खारिज कर दिया कि संभावित गिरफ्तारी और जब्ती के खिलाफ याचिका को अनुमति नहीं दी जा सकती।

अदालत ने कहा, प्रवर्तन अधिकारियों को पूर्ण व प्रभावी जांच के उद्देश्य से दी गई शक्तियों में किसी व्यक्ति को बुलाने व जांच करने की शक्ति शामिल है।

इससे पहले ईडी ने वीरभद्र सिंह से पूछताछ के लिए सम्मन भेजा था।

अदालत ने कहा कि कानून कहता है कि सम्मन किया गया हर व्यक्ति सच बोलने के लिए बाध्य है और इस तरह की जांच प्रक्रिया के समय समन किया गया व्यक्ति आरोपी नहीं होता है।

आदेश में कहा गया है, कोई भी व्यक्ति इस आधार पर पीएमएलए की धारा 50 के तहत जारी सम्मन के आदेश से बचने का कानून में हकदार नहीं है, कि भविष्य में उसके खिलाफ कार्रवाई की संभावना हो सकती है।

ईडी ने सितंबर 2015 में 83 वर्षीय वीरभद्र सिह व अन्य पर पीएमएलए के तहत मामला दर्ज किया था। ईडी ने केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की एक आपराधिक शिकायत के संज्ञान में आने पर इस मामले को दर्ज किया।

सीबीआई ने 31 मार्च को आरोपपत्र दाखिल किया था, जब उच्च न्यायालय ने वीरभद्र सिंह व उनकी पत्नी पर बेहिसाबी संपत्ति के मामले में प्राथमिकी रद्द करने से इनकार कर दिया था।

वीरभद्र सिंह ने दावा किया था कि प्राथमिकी दर्ज करना बदले की राजनीति का नतीजा है।

हालांकि, अदालत ने कहा कि बदले की राजनीति का समर्थन कोई भी सामग्री नहीं कर रही।

अदालत ने कहा, जो भी सार्वजनिक जीवन में हैं, उससे ईमानदारी की उम्मीद की जाती है। जीवन में (या राजनीति) उच्च पद पर होने पर जिम्मेदारी व (यदि कानूनी नहीं, तो नैतिक) जवाबदेही भी होती है। अपने मामलों में कानून प्रवर्तन एजेंसियों की जांच रोकने के प्रयास खास तौर से तकनीकी तौर पर इस बात की संभावना को दिखाते हैं कि छुपाने के लिए कुछ है।

ईडी वीरभद्र सिंह व उनके परिवार के सदस्यों के खिलाफ 2009 व 2011 के बीच उनकी आय के ज्ञात स्रोतों की तुलना में 6.1 करोड़ रुपये की अधिक संपत्ति जुटाने के आरोपों की जांच कर रहा है। इस दौरान वीरभद्र सिंह केंद्रीय इस्पात मंत्री थे।

इस मामले में पीएमएलए के तहत 14 करोड़ रुपये की संपत्ति भी जब्त की गई है।

ईडी ने जुलाई 2016 में आनंद चौहान नामक एक एलआईसी एजेंट को भी पीएमएल के तहत गिरफ्तार किया, क्योंकि वह कथित तौर पर जांच कर रहे अधिकारियों से सहयोग नहीं कर रहा था।

ईडी ने आरोप लगाया है कि वीरभद्र सिंह ने केंद्रीय मंत्री रहते हुए चौहान के माध्यम से अपने व अपने परिवार के सदस्यों के नाम पर एलआईसी पॉलिसी खरीदने में भारी रकम निवेश की है।

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नेशनल

चौथी बार आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री बने चंद्रबाबू नायडू, पवन कल्याण डिप्टी सीएम

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नई दिल्ली। चंद्रबाबू नायडू ने बुधवार को चौथी बार आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ले ली। विजयवाड़ा में केसरपल्ली आईटी पार्क में आयोजित शपथ ग्रहण समारोह में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और केंद्रीय मंत्री जेपी नड्डा और बंडी संजय कुमार शामिल रहे। इनके अलावा पूर्व उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू, भारत के पूर्व प्रधान न्यायाधीश एन वी रमण और अभिनेता रजनीकांत और चिरंजीवी भी शपथ ग्रहण में मौजूद रहे।

चंद्रबाबू नायडू के बाद जनसेना प्रमुख और एक्टर पवन कल्याण ने डिप्टी सीएम पद की शपथ ली​​​। चंद्रबाबू नायडू के बेटे नारा लोकेश ने भी मंत्री पद की शपथ ली।

आंध्र कैबिनट के इन विधायकों ने ली मंत्री पद की शपथ
पवन कल्याण- जनसेना पार्टी
लोकेश नायडू- टीडीपी
किंजरपु अत्चेन्नायुडू – बीजेपी
कोल्लु रवींद्रन – तेलुगु देशम पार्टी
नदेंडला मनोहर – जनसेना पार्टी
पोन्गुरु नारायण – तेलुगु देशम पार्टी
अनिता वंगलापुड़ी – तेलुगु देशम पार्टी
सत्य कुमार यादव – भारतीय जनता पार्टी
डॉ. निम्मला रमानायडू – तेलुगु देशम पार्टी
एन मोहम्मद फ़ारूक़ – तेलुगु देशम पार्टी
आनंद रमानारायण रेड्डी – तेलुगु देशम पार्टी
पय्यवुला केशव – तेलुगु देशम पार्टी
अनगनि सत्य प्रसाद – तेलुगु देशम पार्टी
कोलुसु पार्थसारधि – तेलुगु देशम पार्टी
डॉ. डी बाला वीरांजनेय स्वामी – तेलुगु देशम पार्टी
गोट्टिपट्टी रवि कुमार – तेलुगु देशम पार्टी
कांडुला दुर्गेश – जनसेना पार्टी
गुम्माड़ि संध्या रानी – तेलुगु देशम पार्टी
बी सी जनारधन रेड्डी – तेलुगु देशम पार्टी
टी जी भरत – तेलुगु देशम पार्टी
एस साविता – तेलुगु देशम पार्टी
वसम्सेट्टी सुभाष – तेलुगु देशम पार्टी
कोंडापल्लि श्रीनिवास – तेलुगु देशम पार्टी
मंडपल्लि राम प्रसाद रेड्डी – तेलुगु देशम पार्टी

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