Connect with us
https://www.aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

मुख्य समाचार

विपक्ष के हंगामे के बीच लोकसभा की कार्यवाही बाधित

Published

on

Loading

विपक्ष के हंगामे के बीच लोकसभा की कार्यवाही बाधित

नई दिल्ली | संसद के निचले सदन लोकसभा में सोमवार को विपक्षी दलों ने केरल के सांसद और केंद्रीय मंत्री ई.अहमद के निधन पर संसद की कार्यवाही बाधित की। विपक्ष के हंगामे के बीच लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने सदन की कार्यवाही दोपहर तक स्थगित कर दी थी।

अहमद के पोस्टर लिए विपक्षी दलों के सदस्यों ने अहमद के निधन की खबर जानबूझकर देरी से ऐलान करने का आरोप लगाया। विपक्षियों का कहना है कि ऐसा बजट को एक फरवरी को ही पेश करने के इरादे से किया गया।

केरल के मल्लपुरम से लोकसभा सांसद अहमद को 31 जनवरी को राष्ट्रपति के अभिभाषण के दौरान दिल का दौरा पड़ा था।

विपक्षियों का कहना है कि अहमद के निधन की खबर जानबूझकर दबाई गई। उन्होंने दावा किया कि अहमद का निधन मंगलवार को पहले ही हो गया था, जबकि उनके निधन की घोषणा देर रात की गई।

राम मनोहर लोहिया अस्पताल ने इन आरोपों से इनकार करते हुए कहा कि अहमद को जब अस्पताल लाया गया तो वह जिंदा थे और उनका मंगलवार देर रात निधन हुआ।

नेशनल

जानिए कौन हैं वो चार लोग, जिन्हें पीएम मोदी ने नामांकन के लिए अपना प्रस्तावक चुना

Published

on

Loading

वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी के काल भैरव मंदिर में दर्शन करने के बाद अपना नामांकन दाखिल कर दिया। पीएम मोदी ने वाराणसी से तीसरी बार अपना नामांकन दाखिल किया है। पीएम मोदी के नामांकन में गृह मंत्री अमित शाह और राजनाथ सिंह समेत 20 केंद्रीय मंत्री मौजूद रहे। इसके अलावा 12 राज्यों के सीएम भी शामिल हुए। पीएम मोदी के नामांकन के दौरान उनके साथ चार प्रस्तावक भी कलेक्ट्रेट में मौजूद रहे।

इनमें एक पुजारी, दो ओबीसी और एक दलित समुदाय के व्यक्ति का नाम है। दरअसल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान चार प्रस्तावक मौजूद रहे। इनमें पहला नाम आचार्य गणेश्वर शास्त्री का है, जो कि पुजारी हैं। इसके बाद बैजनाथ पटेल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान प्रस्तावक बने, जो ओबीसी समुदाय से आते हैं। वहीं लालचंद कुशवाहा भी पीएम के नामांकन में प्रस्तावक के तौर पर शामिल हुए। ये भी ओबीसी समाज से आते हैं। पीएम मोदी के प्रस्तावकों में आखिरी नाम संजय सोनकर का भी है, जो कि दलित समुदाय से हैं।

चुनाव में प्रस्तावक की भूमिका अहम होती है। ये ही वे लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार के नाम का प्रस्ताव रखते हैं। निर्वाचन आयोग के मुताबिक, प्रस्तावक वे स्‍थानीय लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार को चुनाव लड़ने के लिए अपनी ओर से प्रस्तावित करते हैं। आमतौर पर नामांकन के लिए किसी महत्वपूर्ण दल के वीआईपी कैंडिडेट के लिए पांच और आम उम्मीदवार के लिए दस प्रस्तावकों की जरूरत होती है।

Continue Reading

Trending