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प्रादेशिक

वाराणसी में मौतों के लिए सरकार व प्रशासन जिम्मेदार : मौर्य

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keshav prasd mauryaलखनऊ। वाराणसी में भगदड़ में हुई मौतों पर भारतीय जनता पार्टी ने शोक व्यक्त किया है। पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष केशव प्रसाद मौर्य ने वाराणसी में हुई मौतों के लिए प्रदेश सरकार और स्थानीय प्रशासन को जिम्मेदार ठहराया।

उन्होंने अपने शोक संदेश में कहा है कि ईश्वर मृत आत्माओं को शांति तथा परिवारीजनों को धैर्य प्रदान करें। मौर्य ने कहा कि इस समय प्रदेश की सपा सरकार आपसी कलह व फूट का शिकार है। प्रदेश सरकार निर्णयहीनता की शिकार है। इसी कारण प्रदेश की प्रशासनिक मशीनरी भी दिग्भ्रमित है। प्रदेश का प्रशासन भी सरकार की ही तरह निर्णयहीनता का शिकार है। प्रदेश की सरकार और प्रशासन दोनों के अनिर्णय के कारण प्रदेश की जनता बेसहारा है।

मौर्य ने आरोप लगाया कि इतनी बड़ी भीड़ के जुटने के कारण भीड़ को व्यस्थित करने की कोई समुचित व्यवस्था नहीं की गई थी। खुफिया सूचना तंत्र भी कोई जानकारी नहीं जुटा पाया। परिणाम स्वरूप अराजकता, अव्यवस्था हुई और भगदड़ मच गई, जिससे मौतें हुई। इन मौतों के लिए प्रशासन और सरकार जिम्मेदार है।

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जबलपुर में रेलवे कर्मचारी ने पत्नी और दो बेटियों के साथ ट्रेन से कटकर की आत्महत्या

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जबलपुर। मध्य प्रदेश के जबलपुर में एक रेलवे कर्मचारी ने अपनी पत्नी और दो बेटियों के साथ ट्रेन से कटकर आत्महत्या कर ली। फिलहाल आत्महत्या की वजहों का खुलासा नहीं हो पाया है। पुलिस ने चारों शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है।

घटना भेड़ाघाट थाने के सिहोदा की है। जानकारी के मुताबिक, नरेंद्र चढ़ार (32) रेलवे में ग्रुप-डी कर्मचारी थे। पत्नी रीना चढ़ार (26) के साथ उन्होंने बेटी सानवी (6) और मानवी (3 महीने) के साथ आत्महत्या कर ली। जीआरपी और भेड़ाघाट थाने की पुलिस मौके पर है।

पुलिस ने मर्ग कायम कर चारों के शव को पोस्टमार्टम के लिए मेडिकल कॉलेज भेज दिया है। फिलहाल मृतकों से जुड़े हुए अन्य तथ्यों की जांच की जा रही है कि आखिर रेलकर्मी किस परेशानी में था, जिसकी वजह से उसने परिवार को साछ इतना बड़ा आत्मघाती कदम उठा लिया।

सिहोदा गांव के रहने वाले मृतक रेलकर्मी के परिजन ने पुलिस को बताया कि कभी नरेंद्र और रीना चढ़ार के बीच कभी लड़ाई-झगड़े जैसी स्थिति नहीं बनी। नरेंद्र के चेहरे पर कभी परेशानी और शिकन नहीं देखी। दोनों पति-पत्नी अच्छे से रहते थे। 3 जून को ही गांव आरछा आया था। दिनभर रहा, शाम को जबलपुर लौटा था। बुधवार को नरेंद्र, उनकी पत्नी और दोनों बच्चों के शव कटे हुए मिले।

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