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मनोरंजन

वाईआरएफ के साथ तीन फिल्मों का अनुबंध है : मनीष

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आने वाली फिल्म ‘दम लगा के हईशा’ के निर्माता मनीष शर्मा ने कहा कि उन्होंने यश राज फिल्म्स (वाईआरएफ) के साथ तीन फिल्मों के लिए अनुबंध किया है। मनीष इस समय ‘दम लगा के हईशा’ के प्रचार में जुटे हैं।

खबर है कि मनीष शाहरुख खान की मुख्य भूमिका वाली फिल्म ‘फैन’ के सहनिर्माता होंगे। लेकिन उनका कुछ और ही कहना है।

मनीष ने कहा, “फिल्म ‘फैन’ सहनिर्माण वाली फिल्म नहीं है। मैंने निर्माता के रूप में वाईआरएफ के साथ तीन फिल्मों के लिए अनुबंध किया है। यदि आदित्य चाहें तो, दूसरे रचनात्मक फिल्म निर्माता भी वाईआरएफ के साथ जुड़ेंगे।”

शरत कटारिया निर्देशित ‘दम लगा के हईशा’ में अभिनेता आयुष्मान खुराना और अभिनेत्री भूमि पेडनेकर ने मुख्य भूमिकाएं निभाई हैं।

मनीष का कहना है कि फिल्म की कहानी बड़ी दिलचस्प है।

उन्होंने कहा, “यह एक सशक्त पटकथा वाली दिलचस्प कहानी है। मुझे लगता है कि इस कहानी से हर उम्र का दर्शक खुद को जोड़ पाएगा। लंबे समय बाद कोई फिल्म आई है, जो हर उम्र वर्ग के दर्शकों के लिए है।”

प्रादेशिक

सीएम सुक्खू के मंत्री का विवादित बयान, कहा- कंगना को कोई बिना मेकअप देख ले तो दूसरी बार नहीं देखेगा

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नई दिल्ली। हिमाचल प्रदेश सरकार में राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी ने कंगना रनौत के चेहरे को लेकर आपत्तिजनक टिप्पणी की है, जिसके बाद उनका काफी विरोध हो रहा है। उन्होंने कहा कि कंगना रनौत अपने कार्यक्रमों में मेकअप करके आती है। मेकअप वाली टीम भी हमेशा उनके साथ रहती है। मेकअप को देख ही लोगों की भीड़ उन्हें देखने आती है। अगर सुबह के समय कोई व्यक्ति कंगना को बिना मेकअप देख लें तो दूसरी बार नहीं देखेगा।

उधर कंगना ने भी नेगी केइस बयान पर पलटवार किया है। कंगना ने कहा कि उन्होंने फिल्मों में बिना मेकअप के भी रोल निभाए हैं। आज अगर वह अच्छे कपड़े पहनकर और पाउडर-लिपस्टिक लगाकर जनता से मिलना चाहती हैं तो उसमें भी यह आपत्ति जताते हैं। कंगना ने आगे कहा कि उन्हें समझ नहीं आता कि शक्ल से उनको क्या परेशानी हो गई। क्या इनके खूबसूरत चेहरों पर वोट दिए हैं। सुक्खू जी को लगता है उनकी खूबसूरत शक्ल पर वोट मिले हैं।

कंगना ने आगे कहा कि राजनीति में एक भाव है और यह भाव किसी में भी आ सकता है। किसी का चेहरा कैसा है या आपकी उम्र और लिंग क्या है यह देश इस सबसे बाहर निकलकर काफी आगे जाना चाहता है। ये देश की बहनों को काली-पीली और उनकी शक्ल को लेकर बातें करते हैं। उन्हें मेरी शक्ल से क्या लेना-देना। मेरी शक्ल चाहे जैसी भी हो जब तक मैं बुजुर्गों भाइयों, माता-बहनों और बच्चों की सेवा में तत्पर हूं तो मेरी शक्ल से तुम्हें क्या लेना-देना। आपको बता दें कि कंगना अलग-अलग इलाकों में जाकर वहां की वेशभूषा पहन रही हैं।

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