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मनोरंजन

मनीषा की सफाई, नहीं बनने जा रहीं साध्वी

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मुंबई। फिल्म अभिनेत्री मनीषा कोईराला का कहना है कि वह भले ही कई अवसरों पर भगवा रंग के परिधान पहने देखी जाती हैं, लेकिन उनका विचार साध्वी बनने का नहीं है। मनीषा ने कहा कि संन्यासी बनने और अध्यात्म का जीवन जीने से पहले अभी उन्हें काफी कुछ करना बाकी है।

मनीषा हाल ही में कैंसर जैसी जानलेवा बीमारी से उबरी हैं। 44 वर्षीया अभिनेत्री ने सोशल नेटवर्किंग वेबसाइट फेसबुक पर अपने विचार साझा किए। उन्होंने लिखा, “शुभ प्रभात। मैं कहना चाहती हूं कि मुझे साधु और साध्वियों की संगति में रहने का सौभाग्य जरूर मिला है, लेकिन मैं अभी साध्वी नहीं बनने जा रही।” मनीषा ने हालांकि स्वीकार किया कि उन्होंने संन्यासी बनने के बारे में सोच-विचार जरूर किया था।

उन्होंने कहा कि हां मेरे दिमाग में सन्यासी बनने की बात चल रही थी, लेकिन वह इसलिए कि मैं इसे लेकर काफी जिज्ञासु थी। उन्होंने कहा कि साध्वी बनने के सही मायने भगवा कपड़े पहनने से कहीं ज्यादा हैं। इसलिए मुझे पता है कि साध्वी बनने की काबिलियत मुझमें नहीं है।

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हाईकोर्ट पहुंचे जैकी श्रॉफ, बिना इजाजत ‘भ‍िडू’ बोला तो देना होगा 2 करोड़ जुर्माना

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मुंबई। बॉलीवुड के दिग्गज एक्‍टर जैकी श्रॉफ को आपने अक्सर ‘भ‍िडू’ शब्द का प्रयोग करते सुना होगा। कई बार उनसे मुलाकात के दौरान उनके फैंस भी इस शब्द का इस्तेमाल करते हैं, लेकिन अब अगर आपने आगे से ऐसा किया तो आपको 2 करोड़ रु का जुर्माना देना पड़ सकता है। एक्‍टर ने ‘व्यक्तित्व और प्रचार अधिकारों की सुरक्षा’ के तहत ‘भ‍िडू’ शब्‍द के इस्‍तेमाल पर दिल्‍ली हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है और कई संस्‍थानों के ख‍िलाफ केस किया है।

यह मामला उन संगठनों के खिलाफ दायर किया गया है जो जैकी श्रॉफ का इस्तेमाल उनकी अनुमति के बिना व्यावसायिक लाभ के लिए कर रहे हैं। उम्मीद है कि कोर्ट इस मामले में जल्द ही अपना फैसला सुनाएगा ताकि अभिनेता के प्रचार अधिकारों की रक्षा की जा सके। मामले को कल 14 मई को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया गया है।

यह पहली बार नहीं है कि किसी बॉलीवुड अभिनेता ने गोपनीयता और प्रचार अधिकार के लिए अदालत से मदद मांगी है। इससे पहले दिग्गज अभिनेता अमिताभ बच्चन ने लोगों को अभिनेता की नकल करने और उनकी सहमति के बिना उनकी आवाज का इस्तेमाल करने से रोकने के लिए मुंबई उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था।

दूसरी ओर पिछले साल अनिल कपूर ने भी अपने व्यक्तित्व अधिकारों की रक्षा के लिए दिल्ली उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था। इसके अलावा, इस साल जनवरी में अनिल कपूर ने केस जीत लिया। इसमें उन्होंने ‘झकास’ शब्द वाला तकिया कलाम, अपने नाम, आवाज, बोलने के तरीके, छवि, समानता और हावभाव की सुरक्षा की मांग की थी। उनका कहना था कि इसका प्रयोग न किया जाए।

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