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लालू प्रसाद ने जेपी सम्मान पेंशन के लिए दी अर्जी

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लालू ने जेपी सम्मान पेंशन के लिए अर्जी दीपटना | बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के अध्यक्ष लालू प्रसाद ने जयप्रकाश (जेपी) सेनानी सम्मान योजना के तहत पेंशन के लिए आवेदन पत्र जमा किया है। यह आवेदन बिहार के गृह विभाग को भेजा गया है।

पूर्व केंद्रीय मंत्री लालू प्रसाद के नजदीकी और बहादुरपुर विधानसभा क्षेत्र से राजद विधायक भोला यादव ने बुधवार को आईएएनएस से कहा कि सारी प्रक्रियाओं को पूरा करने के बाद लालू प्रसाद के आवेदन को पेंशन भुगतान के लिए गृह विभाग में भेजा गया है।

उन्होंने बताया कि जेपी सेनानी सम्मान योजना के तहत लालू प्रसाद को प्रतिमाह 10 हजार रुपये की राशि पेंशन के रूप में मिलेगी, क्योंकि उन्होंने जेपी आंदोलन के दौरान छह से अधिक माह जेल में गुजारा था।

जेपी सम्मान पेंशन राशि की दो श्रेणियां है। जेपी आंदोलन के दौरान छह माह से कम जेल में रहने वालों को राज्य सरकार पांच हजार रुपये पेंशन के रूप में देती है, जबकि छह माह से ज्यादा जेल में रहने वाले व्यक्तियों के लिए पेंशन की राशि 10 हजार रुपये प्रतिमाह है।

बिहार में वर्ष 2009 से लागू इस योजना में वर्तमान समय में 2,500 से ज्यादा व्यक्तियों को लाभ मिल रहा है।

उल्लेखनीय है कि वर्ष 1974 में जयप्रकाश नारायण ने ‘संपूर्ण क्रांति’ का नारा दिया था। उन्होंने इंदिरा गांधी की सरकार को उखाड़ फेंकने के लिए यह आह्वान किया था।

लोकनायक ने कहा था कि संपूर्ण क्रांति में सात क्रांतियां- राजनीतिक, आर्थिक, सामाजिक, सांस्कृतिक, बौद्धिक, शैक्षणिक व आध्यात्मिक क्रांति शामिल हैं। इन सातों क्रांतियों का समग्र रूप ‘संपूर्ण क्रांति’ है।

नेशनल

जानिए कौन हैं वो चार लोग, जिन्हें पीएम मोदी ने नामांकन के लिए अपना प्रस्तावक चुना

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वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी के काल भैरव मंदिर में दर्शन करने के बाद अपना नामांकन दाखिल कर दिया। पीएम मोदी ने वाराणसी से तीसरी बार अपना नामांकन दाखिल किया है। पीएम मोदी के नामांकन में गृह मंत्री अमित शाह और राजनाथ सिंह समेत 20 केंद्रीय मंत्री मौजूद रहे। इसके अलावा 12 राज्यों के सीएम भी शामिल हुए। पीएम मोदी के नामांकन के दौरान उनके साथ चार प्रस्तावक भी कलेक्ट्रेट में मौजूद रहे।

इनमें एक पुजारी, दो ओबीसी और एक दलित समुदाय के व्यक्ति का नाम है। दरअसल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान चार प्रस्तावक मौजूद रहे। इनमें पहला नाम आचार्य गणेश्वर शास्त्री का है, जो कि पुजारी हैं। इसके बाद बैजनाथ पटेल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान प्रस्तावक बने, जो ओबीसी समुदाय से आते हैं। वहीं लालचंद कुशवाहा भी पीएम के नामांकन में प्रस्तावक के तौर पर शामिल हुए। ये भी ओबीसी समाज से आते हैं। पीएम मोदी के प्रस्तावकों में आखिरी नाम संजय सोनकर का भी है, जो कि दलित समुदाय से हैं।

चुनाव में प्रस्तावक की भूमिका अहम होती है। ये ही वे लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार के नाम का प्रस्ताव रखते हैं। निर्वाचन आयोग के मुताबिक, प्रस्तावक वे स्‍थानीय लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार को चुनाव लड़ने के लिए अपनी ओर से प्रस्तावित करते हैं। आमतौर पर नामांकन के लिए किसी महत्वपूर्ण दल के वीआईपी कैंडिडेट के लिए पांच और आम उम्मीदवार के लिए दस प्रस्तावकों की जरूरत होती है।

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