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लवली का दिल कांग्रेस पर फिर आया, हुई घर वापसी
दिल्ली के पूर्व मंत्री अरविंद सिंह लवली की शनिवार को कांग्रेस पार्टी में घर वापसी हो गई। वह पिछले साल अप्रैल में भाजपा में शामिल हो गए थे। लवली यहां कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की मौजूदगी में कांग्रेस में दोबारा शामिल हो गए। कांग्रेस पार्टी में दोबारा शामिल होने से पहले लवली ने राहुल गांधी से उनके निवास स्थान पर मुलाकात की। इस दौरान दिल्ली कांग्रेस प्रमुख अजय माकन, दिल्ली के पूर्व मंत्री हारून यूसुफ और पार्टी प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला भी उनके साथ थे।
माकन ने लवली की वापसी का ऐलान करते हुए मीडियाकर्मियों को बताया, “हमें यह बताते हुए खुशी हो रही है कि लवली वापस कांग्रेस में शामिल हो गए हैं। हम उनका पार्टी में दोबारा स्वागत करते हैं।” उन्होंने कहा, “उनकी दोबारा मौजूदगी से कांग्रेस मजबूत होगी और हम दिल्ली के लोगों की सेवा करेंगे।” पूर्व केंद्रीय मंत्री ने लवली और उनके परिवार की कई पीढ़ियों तक पार्टी की सेवा करने के लिए सराहना की। माकन ने कहा, “लवली और उनके परिवार ने लंबे समय तक कांग्रेस पार्टी की सेवा की है। वह दिल्ली की प्रदेश इकाई के अध्यक्ष और दिल्ली सरकार में मंत्री रह चुके हैं।”लवली दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) चुनाव से पहले अप्रैल 2017 में भाजपा में शामिल हो गए थे।
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जानिए कौन हैं वो चार लोग, जिन्हें पीएम मोदी ने नामांकन के लिए अपना प्रस्तावक चुना
वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी के काल भैरव मंदिर में दर्शन करने के बाद अपना नामांकन दाखिल कर दिया। पीएम मोदी ने वाराणसी से तीसरी बार अपना नामांकन दाखिल किया है। पीएम मोदी के नामांकन में गृह मंत्री अमित शाह और राजनाथ सिंह समेत 20 केंद्रीय मंत्री मौजूद रहे। इसके अलावा 12 राज्यों के सीएम भी शामिल हुए। पीएम मोदी के नामांकन के दौरान उनके साथ चार प्रस्तावक भी कलेक्ट्रेट में मौजूद रहे।
इनमें एक पुजारी, दो ओबीसी और एक दलित समुदाय के व्यक्ति का नाम है। दरअसल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान चार प्रस्तावक मौजूद रहे। इनमें पहला नाम आचार्य गणेश्वर शास्त्री का है, जो कि पुजारी हैं। इसके बाद बैजनाथ पटेल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान प्रस्तावक बने, जो ओबीसी समुदाय से आते हैं। वहीं लालचंद कुशवाहा भी पीएम के नामांकन में प्रस्तावक के तौर पर शामिल हुए। ये भी ओबीसी समाज से आते हैं। पीएम मोदी के प्रस्तावकों में आखिरी नाम संजय सोनकर का भी है, जो कि दलित समुदाय से हैं।
चुनाव में प्रस्तावक की भूमिका अहम होती है। ये ही वे लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार के नाम का प्रस्ताव रखते हैं। निर्वाचन आयोग के मुताबिक, प्रस्तावक वे स्थानीय लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार को चुनाव लड़ने के लिए अपनी ओर से प्रस्तावित करते हैं। आमतौर पर नामांकन के लिए किसी महत्वपूर्ण दल के वीआईपी कैंडिडेट के लिए पांच और आम उम्मीदवार के लिए दस प्रस्तावकों की जरूरत होती है।
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