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रेप पीड़िता की चुप्पी को बलात्कारी न बनाएं अपने बचाव का हथकंडा: हाईकोर्ट

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नई दिल्ली। दिल्ली हाईकोर्ट ने गर्भवती महिला के साथ किए गए रेप के जुर्म में आरोपी को 10 साल की सजा को बरकरार रखा है। अपने फैसले को बरकरार रखते हुए कहा कि पीड़िता की चुप्पी को यौन संबंध बनाने की सहमति का सबूत नहीं माना जा सकता।

न्यायमूर्ति संगीता ढींगरा सहगल ने बलात्कारी दोषी व्यक्ति के बचाव पक्ष की इस दलील को खारिज कर दिया कि घटना के बारे में पीड़िता की चुप्पी यौन संबंध बनाने के लिए उसकी सहमति का सबूत है।

हाई कोर्ट ने कहा कि घटना के बारे में उसकी चुप्पी से पीड़िता ने उसके साथ यौन संबंध बनाने की सहमति दी थी। आरोपी के इस बचाव की दलील का कोई आधार नहीं है।

पीड़िता का आरोप था कि आरोपी ने उसे शांत रहने की धमकी दी थी। अदालत ने कहा कि इसलिए सहमति के बिना यौन संबंध बनाना बलात्कार माना जाएगा।

इसी के साथ हाई कोर्ट ने मुन्ना को दोषी करार देने और 10 साल जेल की सजा सुनाने के निचली अदालत के साल 2015 के फैसले को बरकरार रखा। उस समय मुन्ना 28 साल का था और उसने बार- बार 19 साल की महिला के साथ बलात्कार किया था।

हाई कोर्ट ने अपहरण के अपराध में मुन्ना को बरी करने के निचली अदालत के फैसले को भी बरकरार रखते हुए कहा कि महिला के इस बयान को लेकर विसंगतियां हैं कि वह कैसे दिल्ली पहुंचीं।

महिला ने आरोपियों पर यह आरोप लगाया था कि आरोपियों ने उसे देह व्यापार के धंधे में धकेलने की कोशिश की लेकिन हाई कार्ट ने मुन्ना और उसके सह- आरोपी साथी सुमन कुमार को इस आरोप से भी बरी करने के फैसले को बरकरार रखा।

महिला के अनुसार, वह दिसंबर 2010 में उत्तर प्रदेश से दिल्ली आई थी और उसकी मुलाकात मुन्ना और उसके साथी कुमार से हुई जिन्होंने उसे काम दिलाने का कथित तौर पर झांसा दिया।

उसने आरोप लगाया कि मुन्ना उसे हरियाणा में पानीपत ले गया। जहां उसे करीब दो महीने तक एक फ्लैट में बंद करके रखा गया और बार-बार उसके साथ बलात्कार किया गया। महिला ने यह भी आरोप लगाया कि उसे धमकी दी गई कि अगर उसने भागने की कोशिश की तो उसे मार देंगे।

नेशनल

केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया की मां का निधन, दिल्ली एम्स में ली अंतिम सांस

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नई दिल्ली। केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया की माता व ग्वालियर राज घराने की राजमाता माधवी राजे सिंधिया का निधन हो गया है। उनका इलाज पिछले दो महीनों से दिल्ली के एम्स में चल रहा था। आज सुबह 9.28 बजे उन्होंने दिल्ली के एम्स में आखिरी सांस ली।

हाल ही में ज्योतिरादित्य सिंधिया ने बताया था कि, राजमाता माधवी राजे को सांस लेने में तकलीफ होने पर उन्हें 15 फरवरी को दिल्ली एम्स में भर्ती कराया गया था। इसी साल 6 मार्च को भी उनकी तबीयत अचानक बिगड़ गई थी। उस समय भी उनकी हालत नाजुक थी और उनको लाइफ सपोर्टिंग सिस्टम पर रखा गया था।

पहली बार 15 फरवरी को माधवी राजे की तबीयत बिगड़ी थी, उन्हें सांस लेने में तकलीफ हो रही थी। उसके बाद से ही उनकी हालत नाजुक बनी हुई थे। वे लाइफ सपोर्ट सिस्टम पर थीं। ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कुछ समय पहले यह जानकारी शेयर की थी।

नेपाल राजघराने से माधवीराजे सिंधिया का संबंध है। उनके दादा शमशेर जंग बहादुर राणा नेपाल के प्रधानमंत्री थे। कांग्रेस के दिग्गज नेता माधवराव सिंधिया के साथ माधवी राजे के विवाह से पहले प्रिंसेस किरण राज्यलक्ष्मी देवी उनका नाम था। साल 1966 में माधवराव सिंधिया के साथ उनका विवाह हुआ था। मराठी परंपरा के मुताबिक शादी के बाद उनका नाम बदलकर माधवीराजे सिंधिया रखा गया था। पहले वे महारानी थीं, लेकिन 30 सितंबर 2001 को उनके पति और पूर्व केंद्रीय मंत्री माधवराव सिंधिया के निधन के बाद से उन्हें राजमाता के नाम से संबोधित किया जाने लगा।

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