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अन्तर्राष्ट्रीय

‘राष्ट्रपति’ के इस्तीफे की वजह बना यूपी का अजय गुप्ता! ये रहा पूरा मामला

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जोहान्सबर्ग। दक्षिण अफ्रीकी राष्ट्रपति जैकब जुमा ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया। 75 वर्षीय नेता जो 2009 से सत्ता पर काबिज थे, उन पर भ्रष्टाचार के कई आरोप लगे हैं लेकिन इसके पीछे कौन है यह जानकर आप एकदम हैरान हो जाएंगे। दरअसल जैकब जुबा आज अगर भ्रष्टाचार की गिरफ्त में है तो इसके पीछे उत्तर प्रदेश के सहारनपुर के रहने वाले गुप्ता परिवार को बताया जा रहा है। दक्षिण अफ्रीका से मिली जानकारी के अनुसार, गुप्ता परिवार ही इस भ्रष्टाचार के पूरे खेल का जिम्मेदार है।

रिपोर्ट के अनुसार राष्ट्रपति जैकब जुमा की पूरी सरकार उत्तर प्रदेश के रहने वाले गुप्ता बंधु अपनी जेब में रखते थे। इसके बाद से जोहांसबर्ग पुलिस के वह निशाने आ गए थे। इतना ही नहीं गुप्ता से जुप्ता बने तीन गुप्ता बंधुओं ने दक्षिण अफ्रीका में सत्ता की दलाली कर अपनी जेब में अकूत दौलत भरी है।

इस पूरे मामले में मेन आदमी अजय गुप्ता को बताया जा रहा है। इसके बाद अजय गुप्ता को भगोड़ा घोषित कर दिया गया है। बता दें कि गुप्ता बंधु यूपी सहारनपुर के ही रानी बाजार के रहने वाले हैं। इनके नाम हैं- अतुल,अजय और राजेश, इन पर राष्ट्रपति जैकब जुमा की मदद से दक्षिण अफ्रीका की समूची सरकार को अपने इशारों पर नचाने का आरोप है।

अजय के अलावा उनके दो भाइयों, अतुल गुप्ता और राजेश गुप्ता की भी तलाश जारी है। हालांकि उन पर लगे आरोपों का अभी पता नही चल पाया है। राष्ट्रीय जांच प्राधिकार के प्रमुख शौन अब्राहम्स ने कहा है कि उन्होंने अजय गुप्ता को गिरफ्तार करने के निर्देश दिए हैं।

भारत में गुप्ता बंधुओं पर कोई मामला दर्ज नही है। फिर भी मामला दूसरे देश से जुड़ा होने की वजह से सुर्खियों में है। सूत्रों के अनुसार अजय गुप्ता देहरादून में है और अपने आवास से ही दक्षिण अफ्रीका की राजनीतिक हलचल पर नजर बनाए हुए हैं।

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अन्तर्राष्ट्रीय

पाकिस्तान के रक्षा मंत्री का बयान, ‘पाकिस्तान के इस सैन्य तानाशाह को कब्र से निकालकर फांसी पर लटकाना चाहिए’

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नई दिल्ली। पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने नेशनल असेंबली में एक बहस के दौरान कहा कि संविधान को निरस्त करने के लिए अयूब खान के शव को कब्र से निकालकर उसको फांसी पर लटका दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि अयूब खान ने संविधान को रद्द करने का जो काम किया था, उसके लिए उनको कभी माफ नहीं किया जा सकता है। आसिफ ने ये कमेंट असेंबली में विपक्ष के नेता और अयूब खान के पोते उमर अयूब खान से बहस के दौरान किया। उमर ने सेना की पिछले सप्ताह की प्रेस कॉन्फ्रेंस पर सवाल उठाते हुए फौज के राजनीति में हस्तक्षेप पर एतराज जताया था। इसके बाद जवाब में ख्वाजा ने कड़ी प्रतिक्रिया दी।

इससे पहले उमर अयूब खान ने कहा कि संविधान के अनुसार सुरक्षा एजेंसियां राजनीति में शामिल नहीं हो सकती हैं। उन्होंने संविधान के विभिन्न अनुच्छेदों का हवाला देते हुए कहा कि सैन्य अधिकारियों की शपथ उन्हें राजनीति में हस्तक्षेप करने की इजाजत नहीं देती। उन्होंने कहा ‘‘सुरक्षा संस्थानों को संविधान के अनुसार, राजनीति में शामिल नहीं होना चाहिए। यह संवाददाता सम्मेलन नहीं होना चाहिए था।’’ उन्होंने अनुच्छेद छह का हवाला देते हुआ कहा कि संविधान को निरस्त करना दंडनीय देशद्रोह है जिसके लिए मौत की सजा तय है। उन्होंने आग्रह किया कि सभी संस्थानों को संवैधानिक सीमाओं के भीतर रहना चाहिए।

रक्षा मंत्री आसिफ ने कहा कि अयूब खान संविधान का उल्लंघन करने वाले पहले व्यक्ति थे और उन्हें अनुच्छेद छह का सामना करने वाला भी पहला व्यक्ति होना चाहिए। रक्षा मंत्री आसिफ ने कहा, “देश में पहला मार्शल लॉ लागू करने वाले झूठे फील्ड मार्शल अयूब खान के शरीर को भी (अनुच्छेद 6 के अनुसार) खोदकर निकाला जाना चाहिए और फांसी दी जानी चाहिए।”

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