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यूपी में हो रहा है सरेआम लूट और बलात्कार: एमएस बिट्टा
मथुरा पहुंचे एआईएटीएफ अध्यक्ष एमएस बिट्टा का बड़ा बयान
मथुरा। आल इंडिया एंटी टैरिरिस्ट फ्रंट (एआईएटीएफ) के चेयरमैन एमएस बिट्टा ने कहा कि कि यूपी का सत्यानाश हो चुका है, जात-पात ने यूपी को बर्बाद कर दिया है। सरेआम लूट, कत्लेआम और बलात्कार की घटना है देखने हैं व सुनने को मिल रही है।
एआईएटीएफ चीफ एमएस बिट्टा वृंदावन स्थित मां वैष्णो देवी मंदिर दर्शन करने पहुंचे थे, दर्शन करने के बाद पत्रकारों से मुखातिब बिट्टा ने सूबे की सरकार को नसीहत देते हुए कहा कि यूपी में हो रहे क्राइम पर लगाम तभी लग सकती है या ऐसे अपराधियों की सजा सिर्फ सजा-ए-मौत हो।
द्वारकेश बर्मन/जहीर आलम की रिपोर्ट
उन्होंने कहा कि अपराधी भी किसी आतंकवादी से कम नहीं होते हैं, जैसे पंजाब में एनकाउंटर हुए और गोली का जवाब गोली से दिया गया। बिट्टा ने कहा कि ऐसे अपराधियों को श्मशान में चिता और कब्रिस्तान में दो गज की जगह भी नसीब नहीं होने देनी चाहिए।
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उन्होंने कहा कि इन अपराधियों से यह अधिकार भी छीन लेना चाहिए कि मरणोपरांत इनकी राख हमारे देश की पवित्र नदियों में भी प्रवाहित की जा सके, मरने के बाद अपराधियों की राख को गंदे नालों में प्रवाहित करना चाहिए।
उन्होंने कहा कि इससे ख़ौफ़ स्थापित होगा, इस समस्या का यही एक मात्र हल होगा। जेल भेजना और फिर छोड़ देना हमारी इस लचर कानून व्यवस्था से अब अपराधियों में ख़ौफ़ खत्म हो चुका है, इसी के चलते अपराधी खौफमुक्त होकर अपराधों को अंजाम देते हैं।
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जानिए कौन हैं वो चार लोग, जिन्हें पीएम मोदी ने नामांकन के लिए अपना प्रस्तावक चुना
वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी के काल भैरव मंदिर में दर्शन करने के बाद अपना नामांकन दाखिल कर दिया। पीएम मोदी ने वाराणसी से तीसरी बार अपना नामांकन दाखिल किया है। पीएम मोदी के नामांकन में गृह मंत्री अमित शाह और राजनाथ सिंह समेत 20 केंद्रीय मंत्री मौजूद रहे। इसके अलावा 12 राज्यों के सीएम भी शामिल हुए। पीएम मोदी के नामांकन के दौरान उनके साथ चार प्रस्तावक भी कलेक्ट्रेट में मौजूद रहे।
इनमें एक पुजारी, दो ओबीसी और एक दलित समुदाय के व्यक्ति का नाम है। दरअसल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान चार प्रस्तावक मौजूद रहे। इनमें पहला नाम आचार्य गणेश्वर शास्त्री का है, जो कि पुजारी हैं। इसके बाद बैजनाथ पटेल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान प्रस्तावक बने, जो ओबीसी समुदाय से आते हैं। वहीं लालचंद कुशवाहा भी पीएम के नामांकन में प्रस्तावक के तौर पर शामिल हुए। ये भी ओबीसी समाज से आते हैं। पीएम मोदी के प्रस्तावकों में आखिरी नाम संजय सोनकर का भी है, जो कि दलित समुदाय से हैं।
चुनाव में प्रस्तावक की भूमिका अहम होती है। ये ही वे लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार के नाम का प्रस्ताव रखते हैं। निर्वाचन आयोग के मुताबिक, प्रस्तावक वे स्थानीय लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार को चुनाव लड़ने के लिए अपनी ओर से प्रस्तावित करते हैं। आमतौर पर नामांकन के लिए किसी महत्वपूर्ण दल के वीआईपी कैंडिडेट के लिए पांच और आम उम्मीदवार के लिए दस प्रस्तावकों की जरूरत होती है।
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