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प्रादेशिक

यूपी में दोपहर 1 बजे तक 38 फीसदी मतदान

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विधानसभा चुनाव, विधानसभा, उत्तर प्रदेश, वोट, राज्यपाल

लखनऊ | उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के चौथे चरण के तहत गुरुवार को 12 जिलों की 53 विधानसभा सीटों पर वोट डाले जा रहे हैं। मतदान सुबह सात बजे शुरू हुआ और शुरुआती छह घंटों यानी सुबह दोपहर एक बजे तक 38.14 फीसदी मतदान होने की सूचना है। राज्य निर्वाचन विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि सुबह नौ बजे तक इलाहाबाद में 32.92 फीसदी, बांदा में 40.50 प्रतिशत, चित्रकूट में 43.25 प्रतिशत, फतेहपुर में 37.92 प्रतिशत, हमीरपुर में 44 प्रतिशत, झांसी में 41.75 प्रतिशत, जालौन में 35.87 प्रतिशत, कौशाम्बी में 37.67 प्रतिशत, प्रतापगढ़ में 36.07 प्रतिशत, रायबरेली में 41.58 प्रतिशत और महोबा में 41 प्रतिशत मतदान होने की सूचना है।

कुछ स्थानों से ईवीएम में गड़बड़ी की शिकायतें मिलीं, जिन्हें निर्वाचन आयोग ने तुरंत दूर कर लेने का दावा किया। पश्चिम बंगाल के राज्यपाल केशरीनाथ त्रिपाठी व इलाहाबाद उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति डी. वी. भोसले सुबह पहले मतदान करने वालों में शामिल रहे।

गौरतलब है कि 53 विधानसभा सीटों पर कुल 680 प्रत्याशी मैदान में हैं, जिनमें 61 महिला उम्मीदवार हैं। निर्वाचन अधिकारी के अनुसार, मतदान सुबह सात बजे शुरू हो गया, जो सायं पांच बजे तक चलेगा। सबसे ज्यादा मतदाता ललितपुर विधानसभा क्षेत्र में हैं। इस क्षेत्र में मतदाताओं की संख्या 4,53,162 है, जबकि सबसे कम मतदाता अयाहशाह (फतेहपुर) विधानसभा क्षेत्र में 2,60,439 हैं।

राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी टी. वेंकटेश ने बताया कि चौथे चरण में दिव्यांग मतदाताओं की संख्या 91,507 है। मतदान केन्द्रों की संख्या 12,492 है, जबकि 19,487 मतदेय स्थल बनाए गए हैं। उन्होंने बताया कि इस चरण में कुल 680 प्रत्याशी मैदान में हैं, जिनमें महिला प्रत्याशियों की संख्या 61 है। सबसे अधिक 26 प्रत्याशी इलाहाबाद उत्तरी सीट पर हैं। सबसे कम छह प्रत्याशी खागा विधानसभा (फतेहपुर), कुंडा (प्रतापगढ) और मंझनपुर (कौशाम्बी) में है।

निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि इस चरण में 3,26,473 (18-19 वर्ष) युवा मतदाता पहली बार अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे। चौथे चरण में मतदेय स्थलों पर 1308 डिजिटल कैमरा तथा 991 वीडियो कैमरा की व्यवस्था की गई है।

 

प्रादेशिक

बेंगलुरु इस्कॉन मंदिर में मनाया जा रहा है 25वीं रजत जयंती का ब्रम्ह महोत्सव

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लखनऊ। बेंगलुरु “इस्कॉन मंदिर” में भगवान और समाज की सेवा की “25वीं रजत जयंती” के वर्षों को 21 अप्रैल से 03 मई तक चिह्नित करते हुए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि का अविस्मरणीय अलौकिक दिव्य-भव्य “ब्रम्ह महोत्सव” पूजा-अर्चना समारोह आयोजित* हुआ है।

इस दरम्यान *प्रभु मधु पंडित व प्रभु चंचल पति , प्रभु लक्ष्मीपति और प्रभु अनंतवीर्य ने अपने-अपने विचारों से अवगत कराया।

सभी भक्तों को बताया कि *प्रभु पाद जी के त्याग और समर्पण भाव से प्रेरणा* लेनी चाहिए। उन्होंने साथ ही यह भी बताया गृहस्थ जीवन में भी सभी को नियमित ब्रम्हमुहूर्त में महामंत्र का जाप करना चाहिए। श्रीकृष्ण जी की गीता वाणी का अध्ययन करके अपने जीवन में आत्मसात करना चाहिए। इस्कॉन मंदिर में काफी संख्या में भक्तगण राधा कृष्ण का दर्शन करके प्रसादम् और आशीर्वाद लेते हैं। संध्या काल में राधा-कृष्ण पर आधारित सांस्कृतिक कार्यक्रम होते हैं। मंदिर में अन्य दिनों की अपेक्षा प्रत्येक शनिवार और रविवार को सभी आयु वर्गों के भक्तों की अत्यधिक उपस्थिति रहती है।

*बेंगलुरु में इस्कॉन मंदिर श्री कृष्ण भगवान और समाज की सेवा के 25वीं रजत जयंती के वर्षों को चिह्नित करते हुए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि का “ब्रम्ह महोत्सव का उत्सव” 21 अप्रैल से 03 मई तक मनाया* जा रहा है। इसमें भाग लेने के लिए संपूर्ण भारत के विभिन्न राज्यों से भक्तजन आते हैं।

*इस्कॉन का हरे कृष्ण मंदिर*
इस्कॉन मंदिर (*International Society for Krishna Consciousness) बेंगलुरु की खूबसूरत इमारतों में से एक है*। इस इमारत में कई अत्याधुनिक सुविधाओं में *मल्टी-विजन सिनेमा थियेटर, कम्प्यूटर सहायता प्रस्तुतिकरण थियेटर एवं वैदिक पुस्तकालय और उपदेशात्मक पुस्तकालय* है। इस *मंदिर के अनुयाई सदस्यों व गैर-सदस्यों* के लिए यहां रहने की भी काफी उत्तम सुविधा उपलब्ध है। मालूम हो कि अपनी विशाल सरंचना के कारण *इस्कॉन मंदिर बेंगलुरु में बहुत प्रसिद्ध* है और इसीलिए *बेंगलुरु का सबसे मुख्य पर्यटन स्थान* भी है। इस मंदिर में आधुनिक और *वास्तुकला का दक्षिण भरतीय मिश्रण परंपरागत रूप से पाया जाता* है। मंदिर में अन्य संरचनाएं *बहु दृष्टि सिनेमा थिएटर और वैदिक पुस्तकालय*। मंदिर में भक्तों के लिए रहने कि सुविधाएं भी उपलब्ध है।

*इस्कॉन मंदिर के बैंगलुरु में छ: मंदिर हैं*

*राधा-कृष्ण मंदिर (मुख्य मंदिर)*
*कृष्ण-बलराम मंदिर,*
*निताई गौरंगा मंदिर (चैतन्य महाप्रभु और नित्यानन्दा),*
*श्रीनिवास गोविंदा (वेंकटेश्वरा)*
*प्रहलाद-नरसिंह मंदिर एवं श्रीला प्रभुपादा मंदिर*
*बैकुंठ हिल में तिरुपति बालाजी मंदिर और योग व भोग नरसिम्हा मंदिर*
उत्तर बेंगलुरु के राजाजीनगर में स्थित *राधा-कृष्ण का मंदिर दुनिया का सबसे बड़ा इस्कॉन मंदिर है*। इस *मंदिर का शंकर दयाल शर्मा ने सन् 1997 में उद्घाटन* किया था।

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