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प्रादेशिक

यादव सिंह प्रकरण को लेकर सड़क पर भाजपा

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लखनऊ/नोएडा| भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की उप्र इकाई ने अरबों रुपये के घोटाले के आरोप से घिरे नोएडा प्राधिकरण के निलंबित अभियंता यादव सिंह के मामले को लेकर शुक्रवार को नोएडा में प्रदर्शन किया। केंद्रीय राज्य मंत्री व भाजपा के क्षेत्रीय सांसद डॉ़ महेश शर्मा की अगुवाई में यादव सिंह प्रकरण सहित प्राधिकरण में भ्रष्टाचार के मुद्दों को लेकर नोएडा के सेक्टर-6 कार्यालय पर पार्टी ने प्रदर्शन किया है।

सुबह 11 बजे शुरू हुए प्रदर्शन में सूबे के कई विधायकों व सांसदों ने हिस्सा लिया। प्रदर्शन में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मीकांत वाजपेयी ने यादव सिंह मामले में सीबीसीआईडी व प्रदेश सरकार पर सवाल उठाया और पूरे मामले की सीबीआई से जांच कराने की मांग की।

शाम तक चलने वाले इस विरोध प्रदर्शन के कारण गोलचक्कर की तरफ से उद्योग मार्ग पर वाहनों की आवाजाही सुबह से ही रोक दी गई थी।

गौरतलब है कि यादव सिंह प्रकरण के साथ-साथ प्राधिकरण में व्याप्त भ्रष्टाचार के खिलाफ भाजपा ने संघर्ष का एलान किया है।

भाजपा का आरोप है कि उत्तर प्रदेश सरकार ने अरबों रुपये के घोटाले से जुड़े यादव सिंह के खिलाफ अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है, जिसके कारण इसमें उत्तर प्रदेश सरकार की भी मिली भगत होने की गंध आती है।

प्रादेशिक

गुजरात बोर्ड परीक्षा में टॉपर रही छात्रा की ब्रेन हैमरेज से मौत, आए थे 99.70 फीसदी अंक

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अहमदाबाद। गुजरात बोर्ड की टॉपर हीर घेटिया की ब्रेन हैमरेज से मौत हो गई है। 11 मई को गुजरात माध्यमिक और उच्चतर माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (GSEB) के नतीजे आए थे। हीर इसके टॉपर्स में से एक थी। उसके 99.70 फीसदी अंक आये थे। मैथ्स में उसके 100 में से 100 नंबर थे। उसे ब्रेन हैमरेज हुआ था। बीते महीने राजकोट के प्राइवेट अस्पताल में उसका ऑपरेशन हुआ था। ऑपरेशन के बाद उसे छुट्टी दे दी गई। वो घर चली गई, लेकिन क़रीब एक हफ़्ते पहले उसे सांस लेने में फिर दिक़्क़त होने लगी और दिल में भी हल्का दर्द होने लगा।

इसके बाद उसे अस्पताल में ICU में भर्ती कराया गया था। हाॅस्पिटल में एमआरआई कराने पर सामने आया कि हीर के दिमाग का 80 से 90 प्रतिशत हिस्सा काम नहीं कर रहा था। इसके बाद हीर को सीसीयू में भर्ती कराया गया। हालांकि डाॅक्टरों की लाख कोशिशों के बाद ही उसे बचाया नहीं जा सका और 15 मई को हीर ने दम तोड़ दिया। हीर की मौत के बाद परिवार ने मिसाल पेश करते हुए उसकी आंखों और शरीर को डोनेट करने का फैसला किया।

हीर के पिता ने कहा, “हीर एक डॉक्टर बनना चाहती थी। हमने उसका शरीर दान कर दिया ताकि भले ही वह डॉक्टर न बन सके लेकिन दूसरों की जान बचाने में मदद कर सकेगी।

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