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मोदी विष्णु के अवतार : राम जेठमलानी
नई दिल्ली| राज्यसभा सदस्य और देश के जानेमाने अधिवक्ता राम जेठमलानी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को विष्णु का अवतार बताया है। पेंगुइन इंडिया की ओर से आयोजित नौ दिवसीय साहित्य महोत्सव ‘स्प्रिंग फीवर’ के दूसरे दिन के कार्यक्रम में शामिल हुए जेठमलानी ने टीवी पत्रकार राजदीप सरदेसाई के एक सवाल के जवाब में मोदी को अवतार घोषित किया। रविवार की देर शाम आयोजित कार्यक्रम की शुरुआत जानीमानी लेखिका शोभा डे ने राम जेठमलानी की पुस्तक ‘द रिबील’ पर चर्चा से की। इस दौरान राजदीप सरदेसाई ने राम जेठमलानी से कई सवाल पूछे।
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से जुड़ने संबंधी सवाल का सीधा जवाब न देते हुए उन्होंने कहा, “आप सभी नेताओं को एक तरफ करके सबकी तुलना अगर मुझे से करेंगे तो मैं बेहतर नेता साबित होऊंगा।” जेठमलानी ने नरेंद्र मोदी को अपने से ऊपर रखते हुए कहा, “मोदी विष्णु का अवतार हैं। भ्रष्टाचार और विदेश नीति पर मोदी का कामकाज बेहतरीन है। वह ईमानदार हैं और खूब मेहनत करते हैं।” वरिष्ठ अधिवक्ता कालाधन के मुद्दे पर हालांकि केंद्र की मोदी सरकार से असंतुष्ट नजर आए। उन्होंने कहा, “कालाधन मुद्दे पर मोदी सरकार की ओर से अब तक उठाए गए कदमों से मैं निराश हूं। वित्तमंत्री अरुण जेटली ने विदेशी बैंकों में जमा कालाधन लाने के लिए पर्याप्त काम नहीं किया। मैं चाहता हूं कि उन्हें इस मंत्रालय से हटा दिया जाए।”
राज्यसभा सदस्य जेठमलानी ने कहा कि इस संबंध में उन्होंने प्रधानमंत्री को पत्र लिखा है, लेकिन उन्हें अभी तक अपनी शिकायत का कोई जवाब नहीं मिला है। साहित्य महोत्सव का आयोजन प्रकाशक पेंगुइन रैंडम हाउस इंडिया व विजुअल आर्ट गैलरी के संयुक्त तत्वावधान में इंडिया हैबिटेट सेंटर में किया जा रहा है। इस वर्ष यह सातवां आयोजन है। इस वर्ष वक्ताओं की सूची में अमिताभ घोष, राम जेठमलानी, शोभा डे, गुलजार, आर्य बब्बर, टी.एन. निनान, मिहिर शर्मा, राघव बहल, शशि थरूर, गुरचरण दास, सुधीर कक्कड़, रविंदर सिंह, दुजरेय दत्ता, सुदीप नागरकर भी हैं।
नेशनल
जानिए कौन हैं वो चार लोग, जिन्हें पीएम मोदी ने नामांकन के लिए अपना प्रस्तावक चुना
वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी के काल भैरव मंदिर में दर्शन करने के बाद अपना नामांकन दाखिल कर दिया। पीएम मोदी ने वाराणसी से तीसरी बार अपना नामांकन दाखिल किया है। पीएम मोदी के नामांकन में गृह मंत्री अमित शाह और राजनाथ सिंह समेत 20 केंद्रीय मंत्री मौजूद रहे। इसके अलावा 12 राज्यों के सीएम भी शामिल हुए। पीएम मोदी के नामांकन के दौरान उनके साथ चार प्रस्तावक भी कलेक्ट्रेट में मौजूद रहे।
इनमें एक पुजारी, दो ओबीसी और एक दलित समुदाय के व्यक्ति का नाम है। दरअसल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान चार प्रस्तावक मौजूद रहे। इनमें पहला नाम आचार्य गणेश्वर शास्त्री का है, जो कि पुजारी हैं। इसके बाद बैजनाथ पटेल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान प्रस्तावक बने, जो ओबीसी समुदाय से आते हैं। वहीं लालचंद कुशवाहा भी पीएम के नामांकन में प्रस्तावक के तौर पर शामिल हुए। ये भी ओबीसी समाज से आते हैं। पीएम मोदी के प्रस्तावकों में आखिरी नाम संजय सोनकर का भी है, जो कि दलित समुदाय से हैं।
चुनाव में प्रस्तावक की भूमिका अहम होती है। ये ही वे लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार के नाम का प्रस्ताव रखते हैं। निर्वाचन आयोग के मुताबिक, प्रस्तावक वे स्थानीय लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार को चुनाव लड़ने के लिए अपनी ओर से प्रस्तावित करते हैं। आमतौर पर नामांकन के लिए किसी महत्वपूर्ण दल के वीआईपी कैंडिडेट के लिए पांच और आम उम्मीदवार के लिए दस प्रस्तावकों की जरूरत होती है।
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