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अन्तर्राष्ट्रीय

गायिका मैडोना ने रखा पूर्व पति और अभिनेता सीएन पेन से पुनर्विवाह प्रस्ताव

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मैडोना, सीएन पेन, पुनर्विवाह

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मैडोना, सीएन पेन, पुनर्विवाहगायिका मैडोना ने एक परोपकारी संगठन को 1,50,000 डॉलर की राशि दान में देने की ऐवज में अपने पूर्व पति और अभिनेता सीएन पेन से विवाह का प्रस्ताव रखा है।

मैडोना और सीएन मियामी के आर्ट बेसल में हिस्सा ले रहे थे, जहां वे गायिका के परोपकारी संगठन ‘मालावी’ के लिए धन जुटाने में मदद कर रहे थे।

वेबसाइट ‘फीमेल फर्स्ट डॉट को डॉट यूके’ की रिपोर्ट के मुताबिक, मैडोना ने जब अपने पूर्व पति के लिए प्यार दर्शाते हुए परोपकारी संगठन को 1,50,000 डॉलर की राशि दान में दिए जाने की ऐवज में उनसे विवाह का प्रस्ताव रखा तो वहां मौजूद लोग हैरान रह गए।

मैडोना ने वहां अपने वॉर्डरोब में शामिल कई परिधान, एक कस्टम मेड कार और अपना एक डिजाइनर नेकलेस बेचने के दौरान यह घोषणा की।

पेन यह राशि देने ही जा रहे थे कि वहां मौजूद एक अन्य मेहमान ने उनसे अधिक की बोली लगा दी।

दोनों ने 1985 में हुई अपनी शादी की कुछ अनदेखी तस्वीरें भी नीलाम कीं।

अन्तर्राष्ट्रीय

कुवैत में संसद भंग, सभी कानून और संविधान के कुछ अनुच्छेद निलंबित

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नई दिल्ली। कुवैत के अमीर शेख मिशाल ने संसद को भंग कर दिया है। अमीर ने शुक्रवार को सरकारी टीवी पर एक संबोधन में इसकी घोषणा की। इसके अलावा अमीर ने देश के सभी कानूनों के साथ संविधान के कुछ अनुच्छेदों को चार साल तक के लिए निलंबित कर दिया है। इस दौरान देश में लोकतांत्रिक प्रक्रिया के सभी पहलुओं का अध्ययन किया जाएगा। सरकारी टीवी के मुताबिक, इस दौरान नेशनल असेंबली की सभी शक्तियां अमीर और देश की कैबिनेट के पास होंगी।

एमीर ने सरकारी टीवी पर दिए अपने संबोधन में संसद भंग करने की घोषणा करते हुए कहा, “कुवैत हाल ही में बुरे वक्त से गुजर रहा है, जिसकी वजह से किंगडम को बचाने और देश के हितों को सुरक्षित करने के लिए कड़े फैसले लेने में झिझक या देरी करने के लिए कोई गुंजाइश नहीं है। उन्होंने आगे कहा कि पिछले कुछ सालों में देश के कई डिपार्टमेंट्स में भ्रष्टाचार बढ़ गया है। भ्रष्टाचार की वजह से देश का महौल खराब हो रहा है। अफसोस की बात ये है कि भ्रष्टाचार सुरक्षा और आर्थिक संस्थानों तक फैल गया है। साथ ही अमीर ने न्याय प्रणाली में भ्रष्टाचार होने की बात कही है।

कुवैत पिछले कुछ सालों से घरेलू राजनीतिक विवादों से घिरा रहा है। देश का वेल्फेयर सिस्टम इस संकट का एक प्रमुख मुद्दा रहा है और इसने सरकार को कर्ज लेने से रोका है। इसकी वजह से अपने तेल भंडार से भारी मुनाफे के बावजूद सरकारी खजाने में पब्लिक सेक्टर के कर्मचारियों को वेतन देने के लिए बहुत कम पैसे बचे हैं। कुवैत में भी दूसरे अरब देशों की तरह शेख वाली राजशाही सिस्टम है लेकिन यहां की विधायिका पड़ोसी देशों से ज्यादा पावरफुल मानी जाती है।

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