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मेलबर्न टेस्ट : कोहली, रहाणे का शतक भारत ने बनाए 8 विकेट पर 462 रन

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मेलबर्न| मेलबर्न क्रिकेट मैदान (एमसीजी) पर रिकार्ड साझेदारी करने वाले विराट कोहली (169) और अजिंक्य रहाणे (147) ने अपने अदम्य साहस और आक्रामक पारियों के दम पर बॉक्सिंग डे टेस्ट के तीसरे दिन रविवार को भारतीय टीम को अच्छी स्थिति में पहुंचाने का काम किया। ऐतिहासिक एमसीजी पर भारत की ओर से हुई किसी भी विकेट के लिए अब तक की सबसे बड़ी साझेदारी के कारण ही भारत तीसरे दिन का खेल खत्म होने तक पहली पारी में आठ विकेट पर 462 रन बनाने में सफल रहा।

चार मैचों की सीरीज के इस तीसरे मैच में आस्ट्रेलिया की पहली पारी के 530 रनों के जवाब में भारत अभी भी 68 रन पीछे है लेकिन अपनी शतकीय पारियों से कोहली और रहाणे ने अपने साथियों को जो आत्मविश्वास दिया है, उसकी बदौलत वे निश्चित तौर पर इस मैच में अपनी छाप छोड़ सकते हैं।

तीसरे दिन के पहले सत्र में सलामी बल्लेबाज मुरली विजय (68) और चेतेश्वर पुजारा (25) के जल्दी-जल्दी आउट होने के बाद कोहली और रहाणे ने चौथे विकेट के लिए रिकार्ड 262 रनों की साझेदारी कर भारत को मजबूत स्थिति में पहुंचाने का काम किया।

कोहली ने जहां इस सीरीज में अपना तीसरा और कुल नौवां शतक लगाया वहीं रहाणे ने अपना तीसरा शतक पूरा किया। रहाणे के तीनों शतक विदेशी धरती पर लगे हैं।

कोहली 462 के कुल योग पर मिशेल जानसन की गेंद पर विकेट के पीछे ब्रैड हेडिन के हाथों लपके गए। कोहली ने 272 गेंदों का सामना करते हुए 18 चौके लगाए। मोहम्मद समी नौ रन पर नाबाद लौटे। कोहली का विकेट गिरने के साथ ही दिन के खेल की समाप्ति की गई। भारत ने अब तक 126.2 ओवर खेले हैं।

रहाणे का विकेट 409 रन के कुल योग पर गिरा था लेकिन उसके बाद भारतीय टीम ने अगले 25 रनों पर तीन विकेट गंवा दिए। कोहली ने अश्विन के आउट होने के बाद समी के साथ आठवें विकेट के लिए 28 रन जोड़े।

आउट होने वाले बल्लेबाजों में अपना पहला टेस्ट खेल रहे लोकेश राहुल (3), कप्तान महेंद्र सिंह धौनी (11) और रविचंद्रन अश्विन (0) शामिल हैं। धौनी और अश्विन को रायन हैरिस ने आउट किया जबकि रहाणे और राहुल का विकेट नेथन लॉयन ने लिया।

तीसरे दिन का खेल पूरी तरह कोहली और रहाणे के नाम रहा। अपनी-अपनी शतकीय पारियों के दौरान कोहली को एक और रहाणे को दो जीवनदान मिले लेकिन वे इससे विचलित नहीं हुए और टीम को मजबूती प्रदान करने का काम जारी रखा।

कोहली और रहाणे ने अपने देश के लिए ऐतिहासिक एमसीजी पर चौथे विकेट के लिए पहली और रिकार्ड शतकीय साझेदारी को अंजाम दिया।

भारत ने इस मैदान पर अब तक कुल 12 टेस्ट मैच खेले हैं लेकिन इससे पहले एक भी मौके पर चौथे विकेट के लिए बल्लेबाज शतकीय साझेदारी नहीं कर सके थे। कोहली और रहाणे ने हालांकि इस मिथक को तोड़ते हुए 262 रनों की साझेदारी को अंजाम दिया है।

खास बात यह है कि मौजूदा चार मैचों की सीरीज में तीसरा शतक लगाने वाले कोहली और इस साल विदेशी धरती पर तीसरा शतक लगाने वाले कोहली के बीच की यह साझेदारी काफी आक्रामक रही क्योंकि दोनों ने चार से अधिक के औसत से रन बटोरे।

इन दोनों ने इस मैदान पर भारत के लिए किसी भी विकेट के लिए सबसे बड़ी साझेदारी को अंजाम दिया है। यही नहीं, दोनों ने एशिया से बाहर भारत के लिए बीते 10 सालों में सबसे बड़ी साझेदारी की है।

एमसीजी में इससे पहले सबसे बड़ी साझेदारी का रिकार्ड चेतन चौहान और सुनील गावस्कर के नाम था, जिन्होंने 1981 में पहले विकेट के लिए 165 रन जोड़े थे। उसी साल भारत इस मैदान पर अंतिम बार जीता था।

एमसीजी पर भारत के लिए तीन मौकों पर पहले विकेट के लिए शतकीय साझेदारी हुई है। इसके अलावा दूसरे और तीसरे विकेट के लिए भी तीन-तीन मौकों पर शतकीय साझेदारियां हुई हैं। इससे पहले इस मैदान पर 2011 में सचिन तेंदुलकर और राहुल द्रविड़ के बीच तीसरे विकेट के लिए 117 रनों की साझेदारी हुई थी।

इससे पहले, दूसरे दिन का खेल खत्म होने तक पुजारा और विजय नाबाद लौटे थे। भारत ने दूसरे दिन स्टम्प्स तक एक विकेट पर 108 रन बनाए थे। पुजारा एक दिन पुराने अपने स्कोर में बिना कोई इजाफा किए हैरिस द्वारा फेंकी गई दिन की दूसरी ही गेंद पर बल्ला लगाते हुए विकेट के पीछे ब्रैड हेडिन के शिकार बने।

हेडिन ने एक शानदार कैच लपकते हुए पुजारा की पारी का अंत किया। पुजारा 108 के कुल योग पर आउट हुए। पुजारा और विजय के बीच 53 रनों की साझेदारी हुई। पुजारा ने 71 गेंदों पर दो चौके लगाए।

इसके बाद विजय ने कोहली के साथ तीसरे विकेट के लिए 39 रनों की साझेदारी की। यह साझेदारी काफी अच्छी दिख रही थी लेकिन विजय ने भी वही गलती दोहराई जो पुजारा ने की थी। शेन वॉटसन की एक बाहर जाती गेंद पर बल्ला लगाते हुए वह शॉन मार्श के हाथों स्लिप में लपके गए। विजय ने 68 रनों की पारी में 135 गेंदों का सामना कर सात चौके लगाए।

आस्ट्रेलिया की ओर से हैरिस ने चार विकेट लिए हैं जबकि लॉयन ने दो सफलता हासिल की है। मिशेल जानसन और वॉटसन को एक-एक विकेट मिला है। चार मैचों की सीरीज में भारत 0-2 से पीछे है। उसे एडिलेड और ब्रिस्बेन में हार मिली थी। मेलबर्न में भारत ने 1981 के बाद से कोई टेस्ट नहीं जीता है।

नेशनल

जेपी नड्डा का ममता पर हमला, कहा- संदेशखाली में जनता की रक्षा के लिए एनएसजी कमांडो को भी उतरना पड़ा

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नई दिल्‍ली। भाजपा के राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष जेपी नड्डा ने मुख्‍यमंत्री ममता बनर्जी पर तगड़ा हमला बोला है। उन्‍होंने कहा कि ममता दीदी ने बंगाल को क्‍या बना दिया है। जेपी नड्डा ने कहा कि संदेशखाली, ममता बनर्जी की निर्ममता और बर्बरता का संदेश चीख-चीख कर दे रहा है। ममता दीदी ने बंगाल को क्या बना दिया है? जहां रवींद्र संगीत गूंजना चाहिए था, वहां बम-पिस्तौल मिल रहे हैं।

संदेशखाली में जनता की रक्षा के लिए एनएसजी कमांडो को भी उतरना पड़ा। इसी से समझ सकते हैं कि पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी की सरकार ने किस तरह अराजकता फैला रखी है। मैं बंगाल के सभी भाजपा कार्यकर्ताओं और जनता से अपील करता हूं कि आप सभी संदेशखाली पर ममता बनर्जी से जवाब मांगे।

प्रधानमंत्री मोदी ने संदेशखाली की पीड़िता को पार्टी का टिकट देकर भाजपा महिला सशक्तिकरण के संदेश को मजबूती दी है। इसके साथ ही पीएम मोदी ने ममता बनर्जी को जवाब दिया है कि ये महिलाएं अकेली नहीं है उनके साथ पूरा समाज, पूरा देश खड़ा है। संदेशखाली में महिलाओं की इज्जत-आबरू और उनकी जमीनें बचाने के लिए वहां गई जांच एजेंसियों के अधिकारियों पर भी घातक हमला किया गया।

जेपी नड्डा ने आगे कहा, “मैं आज समाचार पढ़ रहा था कि संदेशखाली में तलाशी के दौरान सीबीआई ने तीन विदेशी रिवॉल्वर, पुलिस द्वारा इस्तेमाल की जाने वाली एक रिवॉल्वर, बंदूकें, कई गोलियां और कारतूस बरामद किए हैं।” इसी से समझा जा सकता है कि ममता सरकार ने राज्य में किस तरह अराजकता फैला रखी है। उन्होंने पूछा कि क्या ममता बनर्जी जनता को डराकर, उनकी जान लेकर चुनाव जीतेंगी। क्या नेताजी सुभाष चंद्र बोस, रवीन्द्रनाथ टैगोर, स्वामी विवेकानंद और महर्षि अरबिंदो जैसे मनीषियों ने ऐसे बंगाल की कल्पना की थी।

संदेशखाली में जनता की रक्षा के लिए एनएसजी कमांडो को भी उतरना पड़ा। ममता दीदी, यदि आपको ऐसा लगता है कि आप ऐसा करके चुनाव जीत जाएंगी तो ये आपकी भूल है। जनता आपको इसका करारा जवाब देगी। उन्होंने कहा कि हमने देखा कि ममता सरकार में तृणमूल कांग्रेस के शाहजहां शेख जैसे असामाजिक तत्व संदेशखाली में महिलाओं के अस्तित्व पर खतरा बने हुए हैं। महिलाओं के साथ जिस तरह का सलूक हो रहा है वह सच में बहुत ही संवेदनशील और कष्टदायी है।

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