मनोरंजन
मेरे साथ काम करने से इनकार करते हैं लोग : कादर खान
मुंबई| अभिनेता कादर खान ने कहा कि उनके बीमार होने पर निर्माता और निर्देशक फिल्म में उन्हें लेने से इनकार कर देते हैं। कादर खान अपनी आगामी कॉमेडी फिल्म ‘हो गया दिमाग का दही’ के ट्रेलर लांच पर मौजूद थे, जहां उन्होंने साफ कहा कि उन्हें बात करने और चलने में तकलीफ हो रही है। मीडिया को उन्होंने बताया, “कुछ लोग मेरे साथ काम करने से इंकार कर देते है। मैं थोड़ा बीमार था और लोगों ने फिल्म में मुझे वापस लेने से इंकार कर देते हैं।” लेकिन कादर खान निर्देशक फौजिया अर्सी के आचरण से खुश हैं। उन्होंने कहा, “यह सिर्फ फौजिया हैं जिन्होंने मुझे अच्छे से लिया और मुझे प्रेरित किया। वह उत्कृष्ट निर्देशक हैं।”
कादर खान को निर्देशक प्रकाश मेहरा और मनमोहन देसाई जैसे निर्देशको की तरह कई फिल्मों में लेखन के काम से जाना जाता है। उन्हें अमिताभ की फिल्मों के लिए संवाद और पटकथा के लिए जाना जाता है। यहां अलग-अलग स्तर के लेखन हैं। इसके साथ लेखक भी, मैं महसूस करता हूं कि मुझे वापस आ जाना चाहिए। मैं इसे वापस लाने के लिए इससे पहले ‘जुबां’ के लिए कोशिश करूंगा और लोग निश्चित रूप से ‘जुबां’ का आनंद लेंगे। कादर खान ने बताया कि वह अपने प्रोडक्शन से ‘शमा’ का रीमेक करना चाहते हैं और वह ‘परछाई’ की पटकथा लिख रहे हैं।
मनोरंजन
नहीं रहे दंगल गर्ल जायरा वसीम के पिता, सोशल मीडिया पर लिखा भावुक पोस्ट
मुंबई। दंगल गर्ल जायरा वसीम पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है। उनके पिता अब इस दुनिया मन नहीं रहे। इसकी जानकारी उन्होंने खुद सोशल मीडिया पर दी और लोगों से उन्हें अपनी दुआओं में याद करने की अपील भी की। पूर्व एक्ट्रेस ने इंस्टाग्राम स्टोरी में एक नोट शेयर किया है जिसमें वह पिता के साथ नजर आ रही हैं।
इंस्टाग्राम स्टोरीज पर जायरा वसीम ने नोट में लिखा था, ‘मेरे पिता जाहिद वसीम का निधन हो गया है। मैं सभी से अनुरोध करती हूं कि वो अपनी प्रार्थनाओं में उन्हें याद रखें और उनके लिए अल्लाह से क्षमा मांगें। कृपया प्रार्थना करें कि अल्लाह उनकी कमियों को माफ कर दे, उनकी कब्र को आराम की जगह बनाए, उन्हें किसी भी सजा से बचाए, उन्हें परलोक में आसानी प्रदान करे और उन्हें जन्नत का सबसे ऊंचा स्थान प्रदान करे और उन्हें मगफिरत दे।’
उन्होंने अपने पिता के साथ एक प्यारी-सी तस्वीर भी शेयर की और उनके निधन पर एक भावुक नोट लिखा। जायरा ने लिखा, ‘वास्तव में आंखें आँसू बहाती हैं और दिल दुखी होता है, लेकिन हम वही नहीं कहेंगे जो हमारे भगवान को पसंद हो। मेरे पिता जाहिद वसीम का निधन हो गया है। कृपया उन्हें अपनी दुआओं में याद रखें और अल्लाह से उनकी कमियों को माफ करने, उनकी कब्र को शांतिपूर्ण बनाने, उन्हें इसके अजाब से बचाने और आगे की उनकी यात्रा को आसान बनाने के लिए कहें। उन्हें आसानी से हिसाब दिया जाए और उन्हें जन्नत और मगरिरा का ऊंचा दर्जा दिया जाए। वास्तव में, हम अल्लाह के हैं और हम उनके ही पास जाएंगे।’
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