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मेघालय में नए पशु नियमों पर मचा बवाल, भाजपा नेताओं ने दी इस्तीफे की धमकी

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शिलांग। मेघालय में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेताओं ने मंगलवार को केंद्र सरकार को चेतावनी दी कि यदि पशुओं की खरीद-फरोख्त पर नए नियम वापस नहीं लिए गए तो वे पार्टी से इस्तीफा दे देंगे।

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भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष जॉन एंटोनियस लिंगदोह ने कहा, “मेघालय में पार्टी के अधिकतर नेता नए नियम से खुश नहीं है, क्योंकि यह लोगों की सामाजिक-आर्थिक स्थिति को प्रभावित करेगा।” लिंगदोह ने कहा कि पार्टी सदस्यों ने मामले पर सोमवार को गहन विचार-विमर्श किया।

पूर्व खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री लिंगदोह ने कहा, “हम पशुओं की खरीद-फरोख्त और उनके वध को लेकर जारी किए गए नए आदेश को स्वीकार नहीं कर सकते। हम अपनी खाने-पीने की आदतों के खिलाफ नहीं जा सकते और न ही पशु खरीद-फरोख्त और पशु वध के कारोबार से जुड़े लोगों के आर्थिक हितों को अधर में डाल सकते है।”

उन्होंने कहा, “पार्टी प्रत्याशियों के लिए चुनाव प्रचार करना बेहद मुश्किल हो जाएगा, क्योंकि मतदाता ऐसी पार्टी का समर्थन नहीं करेंगे, जो जनहित के खिलाफ हो।”प्रदेश पार्टी अध्यक्ष शिबुन लिंगदोह ने हालांकि उपाध्यक्ष की चेतावनी खारिज कर दी है।

उन्होंने कहा, “मैं नए नियम पर कोई टिप्पणी नहीं करना चाहूंगा, क्योंकि यह एक कानूनी मामला है। जो पार्टी छोड़कर जाना चाहते हैं, जा सकते हैं।”सोमवार को भाजपा नेता बर्नार्ड मरक ने कहा था कि उनकी पार्टी गोमांस पर प्रतिबंध नहीं लगाएगी, बल्कि अगर भाजपा राज्य में सत्ता में आती है तो बूचड़खानों को कानून-व्यवस्था के अनुरूप बनाएगी।

मरक ने कहा था, “मेघालय में अधिकतर भाजपा नेता गोमांस खाते हैं। मेघालय जैसे राज्य में गोमांस पर प्रतिबंध लगाने का सवाल ही नहीं उठता।”

नेशनल

जेल से बाहर आएंगे अरविंद केजरीवाल, 1 जून तक के लिए मिली अंतरिम जमानत

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नई दिल्ली। दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। कोर्ट ने अरविंद केजरीवाल को 1 जून तक के लिए अंतरिम जमानत दे दी है। 2 जून को केजरीवाल को सरेंडर करना होगा। केजरीवाल आज ही तिहाड़ से बाहर आएंगे। साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि केजरीवाल पर चुनाव प्रचार को लेकर कोई पाबंदी नहीं है। न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और दीपांकर दत्ता की पीठ ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद ये आदेश पारित किया है। केजरीवाल को जमानत लोकसभा चुनाव के चलते दी गई है। हालांकि कोर्ट में ईडी ने इसका विरोध किया और कहा कि ये संवैधानिक अधिकार नहीं है।

अरविंद केजरीवाल के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कोर्ट से 5 जून तक की जमानत की मांग की थी। हालांकि, कोर्ट ने कहा- “हमें कोई समान लाइन नहीं खींचनी चाहिए। केजरीवाल को मार्च में गिरफ़्तार किया गया था और गिरफ़्तारी पहले या बाद में भी हो सकती थी। अब 21 दिन इधर-उधर से कोई फर्क नहीं पड़ेगा। 2 जून को अरविंद केजरीवाल सरेंडर करेंगे।”

बीते गुरुवार को प्रवर्तन निदेशालय यानी ED ने केजरीवाल की जमानत अर्जी का विरोध करते हुए सुप्रीम कोर्ट में एक हलफनामा दायर किया था। ईडी ने हलफनामे में कहा था कि चुनाव प्रचार करना कोई मौलिक अधिकार नहीं है। वहीं, दूसरी ओर ईडी के हलफनामे पर केजरीवाल की लीगल टीम ने कड़ी आपत्ति जताई थी। हालांकि, ईडी की सभी दलीलों को दरकिनार करते हुए अदालत ने केजरीवाल को अंतरिम जमानत दे दी है।

 

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