मुख्य समाचार
‘मेक इन इंडिया’ शब्दावली भ्रामक : कांग्रेस सांसद
पणजी| एक वरिष्ठ अधिकारी ने एक संसदीय समिति से कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ‘मेक इन इंडिया’ पहल के लिए किसी नीति की जरूरत नहीं है। यह बात समिति के सदस्य और कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य शांताराम नायक ने कही। यहां कांग्रेस के राज्य मुख्यालय में संवाददाताओं को संबोधित करते हुए नायक ने कहा कि वाणिज्य मंत्रालय की एक संसदीय समिति की एक बैठक में सोमवार को सचिव राजीव खेर सहित मंत्रालय वरिष्ठ अधिकारी ‘मेक इन इंडिया’ पहल की रूपरेखा पर भ्रमित दिखे। नायक ने कहा, “मेक इन इंडिया के तहत क्या क्या किया जाना है, इस पर काफी भ्रम है। सचिव ने तो यहां तक कह दिया कि इस पर विशेष नीति की जरूरत नहीं है, लेकिन एक सांसद के रूप में हमें पता है कि मेक इन इंडिया पर एक मसौदा नीति पर काम चल रहा है।”
नायक ने कहा कि मेक इन इंडिया पर अलग-अलग विभाग अपने तरीके से काम कर रहे हैं और उनके बीच कोई तालमेल नहीं है। नायक ने कहा, “मेक इन इंडिया के तहत क्या-क्या आएंगे, इस पर अलग-अलग विभागों की अलग-अलग राय है। इसके कारण भारतीय अर्थव्यवस्था को अनर्थ का सामना करना पड़ सकता है।” नायक ने कहा, “बिना किसी वैधानिक दस्तावेज के अभियान को आगे बढ़ाने से सरकार को भारतीय और अंतर्राष्ट्रीय कंपनियों के मुकदमे का सामना करना पड़ सकता है।” उन्होंने साथ ही कहा, “सरकारी अधिकारी और निजी कारोबारी मेक इन इंडिया पर बिना कोई दस्तावेज पढ़े ही मोदी की प्रशंसा करने लगे हैं, जबकि इस पर कोई दस्तावेज भी नहीं है।”
नेशनल
जानिए कौन हैं वो चार लोग, जिन्हें पीएम मोदी ने नामांकन के लिए अपना प्रस्तावक चुना
वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी के काल भैरव मंदिर में दर्शन करने के बाद अपना नामांकन दाखिल कर दिया। पीएम मोदी ने वाराणसी से तीसरी बार अपना नामांकन दाखिल किया है। पीएम मोदी के नामांकन में गृह मंत्री अमित शाह और राजनाथ सिंह समेत 20 केंद्रीय मंत्री मौजूद रहे। इसके अलावा 12 राज्यों के सीएम भी शामिल हुए। पीएम मोदी के नामांकन के दौरान उनके साथ चार प्रस्तावक भी कलेक्ट्रेट में मौजूद रहे।
इनमें एक पुजारी, दो ओबीसी और एक दलित समुदाय के व्यक्ति का नाम है। दरअसल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान चार प्रस्तावक मौजूद रहे। इनमें पहला नाम आचार्य गणेश्वर शास्त्री का है, जो कि पुजारी हैं। इसके बाद बैजनाथ पटेल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान प्रस्तावक बने, जो ओबीसी समुदाय से आते हैं। वहीं लालचंद कुशवाहा भी पीएम के नामांकन में प्रस्तावक के तौर पर शामिल हुए। ये भी ओबीसी समाज से आते हैं। पीएम मोदी के प्रस्तावकों में आखिरी नाम संजय सोनकर का भी है, जो कि दलित समुदाय से हैं।
चुनाव में प्रस्तावक की भूमिका अहम होती है। ये ही वे लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार के नाम का प्रस्ताव रखते हैं। निर्वाचन आयोग के मुताबिक, प्रस्तावक वे स्थानीय लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार को चुनाव लड़ने के लिए अपनी ओर से प्रस्तावित करते हैं। आमतौर पर नामांकन के लिए किसी महत्वपूर्ण दल के वीआईपी कैंडिडेट के लिए पांच और आम उम्मीदवार के लिए दस प्रस्तावकों की जरूरत होती है।
-
लाइफ स्टाइल18 hours ago
गर्मियों में रोजाना मूली खाने से होंगे कई फायदे, आज ही करें डाइट में शामिल
-
नेशनल3 days ago
केजरीवाल ने किया 10 गारंटियों का एलान- 24 घंटे मुफ्त बिजली, सभी बच्चों को मुफ्त शिक्षा का वादा
-
नेशनल2 days ago
बाराबंकी के हैदरगढ़ में बोले CM योगी- ये चुनाव रामभक्तों और रामद्रोहियों के बीच
-
नेशनल3 days ago
तृणमूल कांग्रेस ने पश्चिम बंगाल में बम बनाने को एक कुटीर उद्योग बना दिया है : पीएम मोदी
-
मनोरंजन3 days ago
आ गई ‘बॉर्डर 2’ की रिलीज डेट, सनी देओल के साथ आयुष्मान खुराना भी आएंगे नजर
-
नेशनल2 days ago
अखिलेश यादव ने दी बीजेपी को चेतावनी, कहा- वोट डालने से किसी को रोका तो
-
नेशनल2 days ago
‘जल्द करनी पड़ेगी शादी’, राहुल गांधी ने मंच से किया एलान
-
नेशनल2 days ago
लोकसभा चुनाव: यूपी की 13 सीटों पर वोटिंग जारी, इन दिग्गजों की किस्मत दांव पर