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मनोरंजन

मृणाल ने अपनी ऑन स्क्रीन नायिका को बचाया

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नई दिल्ली | आपने अक्सर फिल्मों में देखा होगा कि बदमाशों के बीच फंसी नायिका को बचाने के लिए अचानक नायक वहां पहुंच जाता है। धारावाहिक ‘बंधन..सारी उम्र हमें संग रहना है’ की शूटिंग के दौरान मुख्य अभिनेत्री छवि पांडेय व मृणाल जैन कुछ ऐसी ही स्थिति से दो-चार हुए। एक सूत्र ने कहा कि धारावाहिक के एक दृश्य की शूटिंग के दौरान प्रशंसकों की भीड़ ने दोनों को घेर लिया। प्रशंसकों ने उनकी ओर बढ़ना शुरू कर दिया, जिससे छवि असहज हो गईं। स्थिति को भांपते हुए मृणाल अपनी ऑन स्क्रीन नायिका को भीड़ के बीच से सुरक्षित निकालकर उनकी वैनिटी वैन तक ले गए।

इस बारे में मृणाल ने कहा, “हम इतने ज्यादा प्रशंसकों को देखकर अभिभूत हो गए, लेकिन दूसरी ओर भीड़ अनियंत्रित हो गई थी। भीड़ से छवि को बचाना मेरा कर्तव्य था और मैंने वही किया।”

मनोरंजन

हाईकोर्ट पहुंचे जैकी श्रॉफ, बिना इजाजत ‘भ‍िडू’ बोला तो देना होगा 2 करोड़ जुर्माना

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मुंबई। बॉलीवुड के दिग्गज एक्‍टर जैकी श्रॉफ को आपने अक्सर ‘भ‍िडू’ शब्द का प्रयोग करते सुना होगा। कई बार उनसे मुलाकात के दौरान उनके फैंस भी इस शब्द का इस्तेमाल करते हैं, लेकिन अब अगर आपने आगे से ऐसा किया तो आपको 2 करोड़ रु का जुर्माना देना पड़ सकता है। एक्‍टर ने ‘व्यक्तित्व और प्रचार अधिकारों की सुरक्षा’ के तहत ‘भ‍िडू’ शब्‍द के इस्‍तेमाल पर दिल्‍ली हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है और कई संस्‍थानों के ख‍िलाफ केस किया है।

यह मामला उन संगठनों के खिलाफ दायर किया गया है जो जैकी श्रॉफ का इस्तेमाल उनकी अनुमति के बिना व्यावसायिक लाभ के लिए कर रहे हैं। उम्मीद है कि कोर्ट इस मामले में जल्द ही अपना फैसला सुनाएगा ताकि अभिनेता के प्रचार अधिकारों की रक्षा की जा सके। मामले को कल 14 मई को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया गया है।

यह पहली बार नहीं है कि किसी बॉलीवुड अभिनेता ने गोपनीयता और प्रचार अधिकार के लिए अदालत से मदद मांगी है। इससे पहले दिग्गज अभिनेता अमिताभ बच्चन ने लोगों को अभिनेता की नकल करने और उनकी सहमति के बिना उनकी आवाज का इस्तेमाल करने से रोकने के लिए मुंबई उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था।

दूसरी ओर पिछले साल अनिल कपूर ने भी अपने व्यक्तित्व अधिकारों की रक्षा के लिए दिल्ली उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था। इसके अलावा, इस साल जनवरी में अनिल कपूर ने केस जीत लिया। इसमें उन्होंने ‘झकास’ शब्द वाला तकिया कलाम, अपने नाम, आवाज, बोलने के तरीके, छवि, समानता और हावभाव की सुरक्षा की मांग की थी। उनका कहना था कि इसका प्रयोग न किया जाए।

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