बिजनेस
मुंबई : रिलायंस जियो गार्डन में भूमिगत पार्किंग शुरू
मुंबई| मुंबई के बांद्रा-कुर्ला कॉम्प्लेक्स में भूतल में दोमंजिला आधुनिक कार पार्किं ग व्यवस्था शुरू की गई है। इसके ऊपर 13,000 वर्गमीटर में फैला बगीचा भी है। रिलायंस इंडस्ट्रीज और मुंबई महानगर क्षेत्र विकास प्राधिकरण की संयुक्त पहल से बनाए गए इस पार्किं ग बगीचे को ‘जियो गार्डन’ का नाम दिया गया है।
जियो गार्डन के उद्घाटन के अवसर पर बुधवार शाम महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन मुकेश अंबानी, रिलायंस फाउंडेशन की संस्थापक-चेयरपर्सन नीता अंबानी, अभिनेता अमिताभ बच्चन और क्रिकेट दिग्गज सचिन तेंदुलकर शामिल थे।
नीता अंबानी ने कहा, “जियो गार्डन तेजी से विकसित हो रहे भारत के लिए विश्वस्तरीय, बहुउद्देश्यीय और तकनीक युक्त सार्वजनिक स्थलों के प्रति हमारी प्रतिबद्धता का उदाहरण हैं।”
इस पार्किं ग क्षेत्र में प्रत्येक 33,546 वर्गमीटर के दो भूमिगत स्तर हैं। यहां 2000 वाहनों को खड़ा करने की सुविधा है।
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Whatsapp ने दी भारत छोड़ने की धमकी, कहा- अगर सरकार ने मजबूर किया तो
नई दिल्ली। व्हाट्सएप ने गुरुवार को दिल्ली हाईकोर्ट में कहा कि अगर उसे उसे संदेशों के एन्क्रिप्शन को तोड़ने के लिए मजबूर किया गया तो वह भारत में अपनी सेवाएं बंद कर देगा। मैसेजिंग प्लेटफॉर्म की ओर से पेश एक वकील ने कहा कि लोग गोपनीयता के लिए व्हाट्सएप का उपयोग करते हैं और सभी संदेश एंड-टू-एंड एन्क्रिप्टेड हैं।
व्हाट्सऐप का कहना है कि WhatsApp End-To-End Encryption फीचर यूजर्स की प्राइवेसी को सिक्योर रखने का काम करता है। इस फीचर की वजह से ही मैसेज भेजने वाले और रिसीव करने वाले ही इस बात को जान सकते हैं कि आखिर मैसेज में क्या लिखा है। व्हाट्सऐप की तरफ से पेश हुए वकील तेजस करिया ने अदालत में बताया कि हम एक प्लेटफॉर्म के तौर पर भारत में काम कर रहे हैं। अगर हमें एन्क्रिप्शन सिक्योरिटी फीचर को तोड़ने के लिए मजबूर किया जाता है तो व्हाट्सऐप भारत छोड़कर चला जाएगा।
तेजस करिया का कहना है कि करोड़ों यूजर्स व्हाट्सऐप को इसके एन्क्रिप्शन सिक्योरिटी फीचर की वजह से इस्तेमाल करते हैं। इस वक्त भारत में 40 करोड़ से ज्यादा व्हाट्सऐप यूजर्स हैं। यही नहीं उन्होंने ये भी तर्क दिया है कि नियम न सिर्फ एन्क्रिप्शन बल्कि यूजर्स की प्राइवेसी को भी कमजोर बनाने का काम कर रहे हैं।
व्हाट्सऐप के वकील ने बताया कि भारत के अलावा दुनिया में कहीं भी ऐसा कोई नियम नहीं है। वहीं सरकार का पक्ष रखने वाले वकील कीर्तिमान सिंह ने नियमों का बचाव करते हुए कहा कि आज जैसा माहौल है उसे देखते हुए मैसेज भेजने वाले का पता लगाने की जरूरत पर जोर दिया है। कोर्ट इस मामले पर अगली सुनवाई अब 14 अगस्त को करेगा।
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