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प्रादेशिक

मीडिया की आजादी बरकरार रखना जरूरी : अखिलेश

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लखनऊ| उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा कि मीडिया को लोकतंत्र के चौथे स्तम्भ का दर्जा दिया गया है, इसलिए यदि लोकतंत्र को मजबूत बनाना है तो मीडिया की आजादी को बनाए रखना होगा। मुख्यमंत्री सोमवार को विश्वेश्वरैया हॉल में इंडियन फेडरेशन ऑफ वर्किंग जर्नलिस्ट (आईएफडब्लूजे) की दो दिवसीय 68वीं राष्ट्रीय समिति के उद्घाटन के बाद अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। समिति का आयोजन उत्तर प्रदेश श्रमजीवी पत्रकार यूनियन के तत्वावधान में किया गया।

उन्होंने लखनऊ की गंगा-जमुनी तहजीब का उल्लेख करते हुए कहा कि यहां हमेशा विभिन्न धर्मो के लोग आपसी भाइचारे एवं सहिष्णुता के साथ रहने के हिमायती रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने श्रमजीवी कलमकार पत्रिका का लोकार्पण करते हुए कहा कि मीडिया कर्मियों की कठिन भूमिका को देखते हुए एसजीपीजीआई में इलाज की व्यवस्था की गई है। उन्होंने आश्वस्त किया कि शीघ्र ही इस प्रकार की व्यवस्था डॉ. राम मनोहर लोहिया संयुक्त चिकित्सालय में भी कर दी जाएगी।

कार्यक्रम की शुरुआत में आईएफडब्लूजे के कर्नाटक, केरल, राजस्थान, असम, झारखंड, तेलंगाना, तमिलनाडु, उड़ीसा, गुजरात, दिल्ली तथा लखनऊ की इकाइयों तथा श्रीलंका के पत्रकारों ने मुख्यमंत्री का स्वागत किया। आईएफडब्लूजे के अध्यक्ष वरिष्ठ पत्रकार क़े विक्रम राव ने कहा कि 1988 के बाद इस प्रकार का आयोजन लखनऊ में किया जा रहा है, जिसमें 26 राज्यों के 500 प्रतिनिधि भाग ले रहे हैं। इस कार्यक्रम में श्रीलंका से आए पत्रकारों का दल भी शामिल है। उन्होंने कहा कि दो दिवसीय इस कार्यक्रम में मीडिया एवं जनता से जुड़े तमाम विषयों पर गहराई से विचार-विमर्श किया जाएगा।

प्रादेशिक

बेंगलुरु इस्कॉन मंदिर में मनाया जा रहा है 25वीं रजत जयंती का ब्रम्ह महोत्सव

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लखनऊ। बेंगलुरु “इस्कॉन मंदिर” में भगवान और समाज की सेवा की “25वीं रजत जयंती” के वर्षों को 21 अप्रैल से 03 मई तक चिह्नित करते हुए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि का अविस्मरणीय अलौकिक दिव्य-भव्य “ब्रम्ह महोत्सव” पूजा-अर्चना समारोह आयोजित* हुआ है।

इस दरम्यान *प्रभु मधु पंडित व प्रभु चंचल पति , प्रभु लक्ष्मीपति और प्रभु अनंतवीर्य ने अपने-अपने विचारों से अवगत कराया।

सभी भक्तों को बताया कि *प्रभु पाद जी के त्याग और समर्पण भाव से प्रेरणा* लेनी चाहिए। उन्होंने साथ ही यह भी बताया गृहस्थ जीवन में भी सभी को नियमित ब्रम्हमुहूर्त में महामंत्र का जाप करना चाहिए। श्रीकृष्ण जी की गीता वाणी का अध्ययन करके अपने जीवन में आत्मसात करना चाहिए। इस्कॉन मंदिर में काफी संख्या में भक्तगण राधा कृष्ण का दर्शन करके प्रसादम् और आशीर्वाद लेते हैं। संध्या काल में राधा-कृष्ण पर आधारित सांस्कृतिक कार्यक्रम होते हैं। मंदिर में अन्य दिनों की अपेक्षा प्रत्येक शनिवार और रविवार को सभी आयु वर्गों के भक्तों की अत्यधिक उपस्थिति रहती है।

*बेंगलुरु में इस्कॉन मंदिर श्री कृष्ण भगवान और समाज की सेवा के 25वीं रजत जयंती के वर्षों को चिह्नित करते हुए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि का “ब्रम्ह महोत्सव का उत्सव” 21 अप्रैल से 03 मई तक मनाया* जा रहा है। इसमें भाग लेने के लिए संपूर्ण भारत के विभिन्न राज्यों से भक्तजन आते हैं।

*इस्कॉन का हरे कृष्ण मंदिर*
इस्कॉन मंदिर (*International Society for Krishna Consciousness) बेंगलुरु की खूबसूरत इमारतों में से एक है*। इस इमारत में कई अत्याधुनिक सुविधाओं में *मल्टी-विजन सिनेमा थियेटर, कम्प्यूटर सहायता प्रस्तुतिकरण थियेटर एवं वैदिक पुस्तकालय और उपदेशात्मक पुस्तकालय* है। इस *मंदिर के अनुयाई सदस्यों व गैर-सदस्यों* के लिए यहां रहने की भी काफी उत्तम सुविधा उपलब्ध है। मालूम हो कि अपनी विशाल सरंचना के कारण *इस्कॉन मंदिर बेंगलुरु में बहुत प्रसिद्ध* है और इसीलिए *बेंगलुरु का सबसे मुख्य पर्यटन स्थान* भी है। इस मंदिर में आधुनिक और *वास्तुकला का दक्षिण भरतीय मिश्रण परंपरागत रूप से पाया जाता* है। मंदिर में अन्य संरचनाएं *बहु दृष्टि सिनेमा थिएटर और वैदिक पुस्तकालय*। मंदिर में भक्तों के लिए रहने कि सुविधाएं भी उपलब्ध है।

*इस्कॉन मंदिर के बैंगलुरु में छ: मंदिर हैं*

*राधा-कृष्ण मंदिर (मुख्य मंदिर)*
*कृष्ण-बलराम मंदिर,*
*निताई गौरंगा मंदिर (चैतन्य महाप्रभु और नित्यानन्दा),*
*श्रीनिवास गोविंदा (वेंकटेश्वरा)*
*प्रहलाद-नरसिंह मंदिर एवं श्रीला प्रभुपादा मंदिर*
*बैकुंठ हिल में तिरुपति बालाजी मंदिर और योग व भोग नरसिम्हा मंदिर*
उत्तर बेंगलुरु के राजाजीनगर में स्थित *राधा-कृष्ण का मंदिर दुनिया का सबसे बड़ा इस्कॉन मंदिर है*। इस *मंदिर का शंकर दयाल शर्मा ने सन् 1997 में उद्घाटन* किया था।

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