मनोरंजन
मिलिंद सोमन को पिंकॉथन का इंतजार
नई दिल्ली, 19 जुलाई (आईएएनएस)| महिलाओं के लिए एक स्वस्थ जीवनशैली के महत्व और स्तन कैंसर जैसे मुद्दों के बारे में जागरूकता बढ़ाने के उद्देश्य से होने वाली महिला मैराथन पिंकॉथन का पांचवां संस्करण 17 सितंबर को राजधानी में आयोजित होगा। कार्यक्रम के आयोजक पूर्व सुपरमॉडल मिलिंद सोमन ने कहा कि वह इसका बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। सोमन ने संवाददाताओं से कहा, हम दिल्ली में एक बार फिर पिंकॉथन को लाने के लिए उत्साहित हैं। हमें पूरा भरोसा है कि शहर और उसके लोग हमारी सहायता करेंगे और इसे सफल बनाने में मदद करेंगे। पिंकॉथन एक मैराथन से अधिक परिवर्तन का बीज और एक आंदोलन की शुरुआत है, जिसे पूरे भारत की सशक्त महिलाओं के बढ़ते समुदाय द्वारा आगे बढ़ाया गया है।
उन्होंने कहा, स्वास्थ्य एक स्वतंत्रता की तरह है। अगर नियमित व्यायाम और स्वस्थ शरीर की संस्कृति भारत की जड़ में बसती है तो हमारी महिलाओं को इसके लाभों के बारे में जागरूक होना चाहिए। उन्हें बाहर निकलने और दौड़ने में सक्षम होना चाहिए, जो विभिन्न सांस्कृतिक कारणों से संभव नहीं हो पाता है।
मनोरंजन
नहीं रहे दंगल गर्ल जायरा वसीम के पिता, सोशल मीडिया पर लिखा भावुक पोस्ट
मुंबई। दंगल गर्ल जायरा वसीम पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है। उनके पिता अब इस दुनिया मन नहीं रहे। इसकी जानकारी उन्होंने खुद सोशल मीडिया पर दी और लोगों से उन्हें अपनी दुआओं में याद करने की अपील भी की। पूर्व एक्ट्रेस ने इंस्टाग्राम स्टोरी में एक नोट शेयर किया है जिसमें वह पिता के साथ नजर आ रही हैं।
इंस्टाग्राम स्टोरीज पर जायरा वसीम ने नोट में लिखा था, ‘मेरे पिता जाहिद वसीम का निधन हो गया है। मैं सभी से अनुरोध करती हूं कि वो अपनी प्रार्थनाओं में उन्हें याद रखें और उनके लिए अल्लाह से क्षमा मांगें। कृपया प्रार्थना करें कि अल्लाह उनकी कमियों को माफ कर दे, उनकी कब्र को आराम की जगह बनाए, उन्हें किसी भी सजा से बचाए, उन्हें परलोक में आसानी प्रदान करे और उन्हें जन्नत का सबसे ऊंचा स्थान प्रदान करे और उन्हें मगफिरत दे।’
उन्होंने अपने पिता के साथ एक प्यारी-सी तस्वीर भी शेयर की और उनके निधन पर एक भावुक नोट लिखा। जायरा ने लिखा, ‘वास्तव में आंखें आँसू बहाती हैं और दिल दुखी होता है, लेकिन हम वही नहीं कहेंगे जो हमारे भगवान को पसंद हो। मेरे पिता जाहिद वसीम का निधन हो गया है। कृपया उन्हें अपनी दुआओं में याद रखें और अल्लाह से उनकी कमियों को माफ करने, उनकी कब्र को शांतिपूर्ण बनाने, उन्हें इसके अजाब से बचाने और आगे की उनकी यात्रा को आसान बनाने के लिए कहें। उन्हें आसानी से हिसाब दिया जाए और उन्हें जन्नत और मगरिरा का ऊंचा दर्जा दिया जाए। वास्तव में, हम अल्लाह के हैं और हम उनके ही पास जाएंगे।’
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