अन्तर्राष्ट्रीय
महबूबा खीर भवानी मंदिर पहुंचीं, श्रद्धालुओं से मिलीं
श्रीनगर, 2 जून (आईएएनएस)| जम्मू एवं कश्मीर की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने शुक्रवार को तुलामुला मंदिर का दौरा किया और खीर भवानी मेला में शिरकत कर रहे श्रद्धालुओं से बातचीत की। कश्मीरी पंडित श्रद्धालु जब तुलामुला मंदिर पहुंचे, तो वहां स्थानीय मुस्लिमों ने उनका दूध के साथ स्वागत किया।
महबूबा ने सालाना उत्सव में श्रद्धालुओं के लिए किए गए इंतजाम का जायजा लिया। हालांकि इस साल पर्व में हिस्सा लेने के लिए लगभग 300 श्रद्धालु ही पहुंचे हैं।
तुलामुला मंदिर हिंदू देवी माता रज्ञा को समर्पित है।
कश्मीरी पंडितों का मानना है कि मंदिर में मौजूद कुंड के पानी का रंग कश्मीर के साल भर के भविष्य की भविष्यवाणी करता है।
गांदरबल जिले से 29 किलोमीटर की दूरी पर स्थित तुलामुला गांव में स्थानीय मुस्लिम उत्सव के दौरान अपने पंडित भाइयों का दूध के साथ पारंपरिक तौैर पर स्वागत करते आ रहे हैं।
इस साल श्रद्धालुओं की संख्या में रिकॉर्ड कमी के बावजूद स्थानीय मुस्लिमों ने पंडित भाइयों का दूध के साथ स्वागत किया, जो यह दर्शाता है कि राज्य में सुरक्षा व राजनीति की चाहे जो भी परिस्थितियां हों, हिंदुओं-मुसलमानों के बीच भाईचारा बरकरार है।
अधिकारियों का मानना है कि बदमाशों ने सोशल नेटवर्किं ग साइटों पर इस संबंध में दुष्प्रचार किया, जिसके कारण इस साल काफी कम संख्या में श्रद्धालु उत्सव में शिरकत करने पहुंचे।
सन् 1990 की शुरुआत में यहां भड़की हिंसा के बाद स्थानीय पंडितों के घाटी छोड़ने के बाद देश के विभिन्न हिस्सों से भारी तादाद में लोग उत्सव में हिस्सा लेने और माता के मंदिर में प्रार्थन करने के लिए तुलामुला आते रहे हैं।
अन्तर्राष्ट्रीय
पाकिस्तान के रक्षा मंत्री का बयान, ‘पाकिस्तान के इस सैन्य तानाशाह को कब्र से निकालकर फांसी पर लटकाना चाहिए’
नई दिल्ली। पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने नेशनल असेंबली में एक बहस के दौरान कहा कि संविधान को निरस्त करने के लिए अयूब खान के शव को कब्र से निकालकर उसको फांसी पर लटका दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि अयूब खान ने संविधान को रद्द करने का जो काम किया था, उसके लिए उनको कभी माफ नहीं किया जा सकता है। आसिफ ने ये कमेंट असेंबली में विपक्ष के नेता और अयूब खान के पोते उमर अयूब खान से बहस के दौरान किया। उमर ने सेना की पिछले सप्ताह की प्रेस कॉन्फ्रेंस पर सवाल उठाते हुए फौज के राजनीति में हस्तक्षेप पर एतराज जताया था। इसके बाद जवाब में ख्वाजा ने कड़ी प्रतिक्रिया दी।
इससे पहले उमर अयूब खान ने कहा कि संविधान के अनुसार सुरक्षा एजेंसियां राजनीति में शामिल नहीं हो सकती हैं। उन्होंने संविधान के विभिन्न अनुच्छेदों का हवाला देते हुए कहा कि सैन्य अधिकारियों की शपथ उन्हें राजनीति में हस्तक्षेप करने की इजाजत नहीं देती। उन्होंने कहा ‘‘सुरक्षा संस्थानों को संविधान के अनुसार, राजनीति में शामिल नहीं होना चाहिए। यह संवाददाता सम्मेलन नहीं होना चाहिए था।’’ उन्होंने अनुच्छेद छह का हवाला देते हुआ कहा कि संविधान को निरस्त करना दंडनीय देशद्रोह है जिसके लिए मौत की सजा तय है। उन्होंने आग्रह किया कि सभी संस्थानों को संवैधानिक सीमाओं के भीतर रहना चाहिए।
रक्षा मंत्री आसिफ ने कहा कि अयूब खान संविधान का उल्लंघन करने वाले पहले व्यक्ति थे और उन्हें अनुच्छेद छह का सामना करने वाला भी पहला व्यक्ति होना चाहिए। रक्षा मंत्री आसिफ ने कहा, “देश में पहला मार्शल लॉ लागू करने वाले झूठे फील्ड मार्शल अयूब खान के शरीर को भी (अनुच्छेद 6 के अनुसार) खोदकर निकाला जाना चाहिए और फांसी दी जानी चाहिए।”
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