Connect with us
https://www.aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

अन्तर्राष्ट्रीय

60 अमेरिकी महापौरों का पेरिस समझौते को स्वीकारने का संकल्प

Published

on

Loading

वाशिंगटन, 2 जून (आईएएनएस)| लॉस एंजेलिस के महापौर एरिक गारसेटी ने गुरुवार को घोषणा की कि उन्हें 60 साथी महापौरों के साथ पेरिस समझौते के लक्ष्यों को मंजूरी देने पर गर्व है। उन्होंने कहा कि ये सभी महापौर राष्ट्रीय जलवायु कार्य एजेंडा (एमएनसीएए) के प्रति बचनबद्ध हैं। समाचार एजेंसी सिन्हुआ के मुताबिक, यह एजेंडा क्लाइमेट मेयर्स के रूप में भी जाना जाता है और 4.3 करोड़ से अधिक अमेरिकियों का प्रतिनिधित्व करने वाले 88 अमेरिकी महापौरों का नेटवर्क है।

वे ग्रीन हाउस गैस उत्सर्जन को कम करने और संघीय व वैश्विक स्तर की बाध्यकारी नीति बनाने के लिए स्थानीय प्रयासों को मजबूत करने के लिए साथ मिलकर काम करते हैं।

गौरतलब है कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पेरिस जलवायु समझौते को मंजूरी देने के फैसले को रद्द कर दिया है, जिसकी प्रतिक्रिया में गारसेटी के नेतृत्व वाले संगठन ने कहा है कि वह इस समझौते के लक्ष्यों को मंजूरी देंगे, इसका सम्मान करेंगे और इसके प्रति बचनबद्ध रहेंगे।

संगठन के मुताबिक, हम अपने हर शहर के मौजूदा जलवायु परिवर्तन संबंधी लक्ष्य को पूरा करने का प्रयास तेज करेंगे, और 1.5 डिग्री सेल्सियस के लक्ष्य को पूरा करने के लिए नए कदम उठाएंगे और 21वीं सदी का परिष्कृत ऊर्जा अर्थव्यवस्था बनाने के लिए मिलकर काम करेंगे।

उन्होंने नवीनीकरण ऊर्जा में निवेश बढ़ाने और इलेक्ट्रिक कारें, ट्रकों को खरीदने और इनकी मांग बढ़ाने के प्रयास करने की भी बात कही।

महापौरों ने कहा कि अगर राष्ट्रपति सहयोगियों के साथ किए वादे और ऐतिहासिक पेरिस समझौते के करार को खत्म करना चाहते हैं तो वे विनाशकारी पर्यावरण से इस ग्रह को बचाने के लिए दुनियाभर में अपने सहयोगियों के साथ संबंधों को और मजबूत करेंगे।

इस बयान पर गुरुवार अपराह्न तक 61 महापौरों ने हस्ताक्षर किए, जिनमें कई बड़े अमेरिकी शहरों जैसे न्यूयॉर्क, लॉस एंजेलिस, सैन फ्रांस्किो, सिएटल, फीनिक्स आदि के महापौर भी शामिल हैं।

Continue Reading

अन्तर्राष्ट्रीय

कुवैत में संसद भंग, सभी कानून और संविधान के कुछ अनुच्छेद निलंबित

Published

on

Loading

नई दिल्ली। कुवैत के अमीर शेख मिशाल ने संसद को भंग कर दिया है। अमीर ने शुक्रवार को सरकारी टीवी पर एक संबोधन में इसकी घोषणा की। इसके अलावा अमीर ने देश के सभी कानूनों के साथ संविधान के कुछ अनुच्छेदों को चार साल तक के लिए निलंबित कर दिया है। इस दौरान देश में लोकतांत्रिक प्रक्रिया के सभी पहलुओं का अध्ययन किया जाएगा। सरकारी टीवी के मुताबिक, इस दौरान नेशनल असेंबली की सभी शक्तियां अमीर और देश की कैबिनेट के पास होंगी।

एमीर ने सरकारी टीवी पर दिए अपने संबोधन में संसद भंग करने की घोषणा करते हुए कहा, “कुवैत हाल ही में बुरे वक्त से गुजर रहा है, जिसकी वजह से किंगडम को बचाने और देश के हितों को सुरक्षित करने के लिए कड़े फैसले लेने में झिझक या देरी करने के लिए कोई गुंजाइश नहीं है। उन्होंने आगे कहा कि पिछले कुछ सालों में देश के कई डिपार्टमेंट्स में भ्रष्टाचार बढ़ गया है। भ्रष्टाचार की वजह से देश का महौल खराब हो रहा है। अफसोस की बात ये है कि भ्रष्टाचार सुरक्षा और आर्थिक संस्थानों तक फैल गया है। साथ ही अमीर ने न्याय प्रणाली में भ्रष्टाचार होने की बात कही है।

कुवैत पिछले कुछ सालों से घरेलू राजनीतिक विवादों से घिरा रहा है। देश का वेल्फेयर सिस्टम इस संकट का एक प्रमुख मुद्दा रहा है और इसने सरकार को कर्ज लेने से रोका है। इसकी वजह से अपने तेल भंडार से भारी मुनाफे के बावजूद सरकारी खजाने में पब्लिक सेक्टर के कर्मचारियों को वेतन देने के लिए बहुत कम पैसे बचे हैं। कुवैत में भी दूसरे अरब देशों की तरह शेख वाली राजशाही सिस्टम है लेकिन यहां की विधायिका पड़ोसी देशों से ज्यादा पावरफुल मानी जाती है।

Continue Reading

Trending