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नेशनल

मप्र में पाकिस्तान को खुफिया जानकारी देने के 11 आरोपी हिरासत में

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भोपाल | मध्यप्रदेश में आतंकवाद निरोधक दस्ते (एटीएस) ने भारतीय सामरिक महत्व की जानकारियां पाकिस्तानी को देने के आरोप में 11 संदिग्धों को हिरासत में लिया है। यह सभी आरोपी निजी टेलीफोन केंद्र चलाते थे। आईजी (एटीएस) संजीव शमी ने गुरुवार को बताया कि जिला जम्मू के थाना आरएसपुरा से सतविंदर एवं दादू को नवंबर 2016 में गिरफ्तार किया गया था। सतविंदर पाकिस्तान के हैंडलर्स के कहने पर सामरिक महत्व की सैन्य सूचनाएं एकत्रित कर रहा था।

शमी के मुताबिक, जम्मू में पकड़े गए दोनों व्यक्ति सामरिक महत्व के पुलों व कैंपों की तस्वीरें, जानकारियां और सेना एवं केंद्रीय सुरक्षा बलों के वाहनों की जानकारियां पाकिस्तान भेजते थे।

शमी ने आगे बताया कि सतविंदर को इस काम के लिए पैसा सतना के बलराम नामक व्यक्ति के जरिए दिया जा रहा था। बलराम कई बैंक खातों को अलग-अलग नामों से संचालित कर रहा था और पाकिस्तान के हैंडलरों के संपर्क में था। बलराम के बैंक खातों में पैसा फर्जी टेलीफोन एक्सचेंजों के माध्यम से आ रहा था और ये कई स्थानों पर संचालित किए जा रहे थे। इन एक्सचेजों की खूबी यह है कि इनके माध्यम से फोन करने वाले (कॉलर) की पहचान छिप जाती है।

शमी ने आगे बताया कि अवैध तरीके से चल रहे टेलीफोन एक्सचेंजों की आड़ में न सिर्फ हवाला और लॉटरी फ्रॉड जैसे कामों को अंजाम दिया जा रहा था, बल्कि पाकिस्तान के हैंडलर भी इसके द्वारा भारत में संपर्क कर रहे थे।

एटीएस को जांच में पता चला कि इन कॉल सेंटरों के माध्यम से हवाला एवं ठगी की कुछ धनराशि बलराम के खातों में भी आती थी। इस कार्य में कुछ टेलीफोन कंपनियों के लोगों की सक्रिय संलिप्तता भी प्रकाश में आई है। खुफिया जानकारी पाकिस्तान को उपलब्ध कराने के मामले में 11 व्यक्तियों को हिरासत में लिया गया है और कई एक्सचेंज पकड़े गए हैं। कई सिम भी बरामद हुई हैं। पुलिस कई स्थानों पर छापेमारी कर रही है।

शमी ने बताया कि अब तक इस काम से जुड़े पांच संदिग्धों को ग्वालियर, तीन को भोपाल, दो को जबलपुर एवं सतना से एक व्यक्ति को हिरासत में लिया गया है। एटीएस केंद्रीय एजेंसियों व जम्मू एवं कश्मीर और उत्तर प्रदेश के खुफिया एजेंसियों के साथ मिलकर कार्रवाई कर रही है।

नेशनल

दिल्ली के स्कूलों की जांच में कुछ नहीं मिला, पुलिस बोली- ई-मेल्स और कॉल्स फर्जी

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नई दिल्ली। दिल्ली के स्कूलों में बम होने के धमकी भरे ईमेल के बाद जांच की गई तो वहां कुछ नहीं मिला। पुलिस अधिकारियों ने भी इसे होक्स ईमेल बताया है, लेकिन उन्होंने कहा कि चेकिंग जारी रहेगी। गृह मंत्रालय ने कहा कि घबराने की जरूरत नहीं है। ऐसा प्रतीत होता है कि यह फर्जी कॉल है। दिल्ली पुलिस और सुरक्षा एजेंसियां प्रोटोकॉल के मुताबिक जरूरी कदम उठा रही हैं।

वहीं दिल्ली पुलिस ने कहा कि दिल्ली के कुछ स्कूलों को बम की धमकी वाले ई-मेल मिले। दिल्ली पुलिस ने प्रोटोकॉल के तहत ऐसे सभी स्कूलों की गहन जांच की। कुछ भी आपत्तिजनक नहीं मिल। ऐसा प्रतीत होता है कि ये कॉल्स फर्जी हैं। हम जनता से अनुरोध करते हैं कि वे घबराएं नहीं और शांति बनाए रखें।

स्कूल में आए इस धमकी भरे ईमेल के बाद कई स्कूलों ने बच्चों की जल्द छुट्टी का मैसेज पेरेंट्स को भेज दिया, तो कुछ पेरेंट्स अपने बच्चों को स्कूल जाकर पहले ही ले आए। इसके अलावा कई स्कूल के प्रिंसिपल ने पेरेंट्स को मैसेज भेज कर कहा कि घबराने की बात नहीं है।

नोएडा में इंद्रप्रस्थ ग्लोबल स्कूल (आईपीजीएस) की प्रिंसिपल निकिता तोमर मान ने बताया, “मैं लोगों से आग्रह करूंगी कि वे अनावश्यक घबराहट पैदा न करें और इस स्थिति को एक परिपक्व वयस्क के रूप में लें। दिल्ली-एनसीआर के जिन स्कूलों को धमकियां मिलीं, उन्हें खाली करा लिया गया है और हमारे सहित बाकी स्कूल सामान्य रूप से काम कर रहे हैं। कोई धमकी भरा संदेश प्राप्त नहीं हुआ है।”

 

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