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मप्र : 10 साल से बंद कैदियों के मामलों की सुनवाई को विशेष पीठ गठित

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जबलपुर, 7 सितंबर (आईएएनएस)| मध्य प्रदेश की विभिन्न जेलों में 10 वर्ष या उससे अधिक समय से बंद कैदियों के आपराधिक मामलों की सुनवाई के लिए उच्च न्यायालय जबलपुर ने विशेष पीठों का गठन किया है, जो इस माह के दूसरे शनिवार को ऐसे मामलों की सुनवाई कर निराकरण करेगी।

उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश हेमंत गुप्ता के दिशानिर्देश पर प्रिंसिपल रजिस्ट्रार ज्यूडिशियल ए. के. शुक्ला ने दूसरे शनिवार यानी नौ सितंबर को राज्य की जेलों में 10 वर्ष या उससे अधिक समय से बंद कैदियों की अपीलों की सुनवाई का आदेश जारी किया है। उच्च न्यायालय में हालांकि माह के दूसरे शनिवार को अवकाश रहता है, मगर इस दिन विशेष पीठ जेल में बंद कैदियों के मामलों की सुनवाई करेगी। जबलपुर के अलावा ग्वालियर व इंदौर खंडपीठ के लिए भी विशेष पीठ गठित की गई है, जो मामलों की सुनवाई करेगी।

बताया गया है कि जबलपुर मुख्यपीठ में न्यायाधीश एस. के. गंगेले व न्यायाधीश अनुराग श्रीवास्तव, एस. के. पालो व न्यायाधीश नंदिता दुबे व न्यायाधीश अतुल श्रीधरन व जे.पी. गुप्ता की पीठ का गठन किया गया है। इसी तरह इंदौर में न्यायाधीश एस.सी. शर्मा व न्यायाधीश आलोक वर्मा एवं ग्वालियर में न्यायाधीश शील नागू व न्यायाधीश जी.एस. अहलूवालिया की पीठ आपराधिक मामलों की अपीलों पर सुनवाई करेंगे।

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नेशनल

राहुल गांधी ने फिर उठाए ईवीएम पर सवाल, कहा- ये एक ब्लैक बाॅक्स है, किसी को इसकी जांच की इजाजत नहीं

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नई दिल्ली। लोकसभा चुनावों के दौरान विपक्ष ने ईवीएम का मुद्दा जमकर उठाया था। हालांकि चुनावी नतीजे आने के बाद ये मुद्दा गायब सा हो गया था। अब एक बार फिर राहुल गाँधी ने ईवीएम का मुद्दा उठाया है। राहुल गांधी ने बिजनेसमैन एलन मस्क की पोस्ट को रिट्वीट करते हुए लिखा कि भारत में ईवीएम एक ब्लैक बाॅक्स है और किसी को इसकी जांच की इजाजत नहीं है। हमारी चुनावी प्रकिया में पारदर्शिता को लेकर गंभीर सवाल उठाए जा रहे हैं। जब संस्थाओं में जवाबदेही की कमी होती है तो लोकतंत्र एक दिखावा बन जाता है।

राहुल गांधी ने अपनी पोस्ट में हाल में संपन्न लोकसभा चुनाव से जुड़ी एक घटना का जिक्र किया है। राहुल ने इससे जुड़ी खबर को शेयर किया है। इस मामले में ईवीएम को लेकर सवाल उठाए गए हैं। मुंबई पुलिस ने शिवसेना शिंदे गुट के सांसद रविंद्र वायकर के साले मंगेश पांडिलकर के खिलाफ केस दर्ज किया है। मंगेश पांडिलकर पर यह आरोप है कि उसने मुंबई के गोरेगांव चुनाव केंद्र के अंदर पाबंदी के बावजूद मोबाइल का इस्तेमाल किया था।

मुंबई पुलिस ने पांडिलकर को मोबाइल देने के आरोप में चुनाव आयोग के एक कर्मचारी के खिलाफ भी मामला दर्ज किया है। दरअसल, इस मामले में मुंबई की नॉर्थ पश्चिम सीट से चुनाव लड़नेवाले कई उम्मीदवारों की तरफ से भी शिकायतें मिली थीं। जिसके बाद मामला दर्ज किया गया। बता दें कि शिवसेना शिंदे के उम्मीदवार रविंद्र वायकर दोबारा काउंटिंग होने के बाद केवल 48 वोटों से चुनाव जीतने में सफल रहे थे। इस पर काफी विवाद भी हुआ था।

 

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