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मुख्य समाचार

मणिपुर में भाजपा की सरकार, बीरेन सिंह मुख्यमंत्री बने

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भारतीय जनता पार्टी, मणिपुर, बीरेन सिंह, राज्यपाल नजमा हेपतुल्ला

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इंफाल | मणिपुर में बुधवार को पहली बार भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की अगुवाई में सरकार का गठन हुआ। बीएसएफ जवान से पत्रकार और फिर नेता बने एन. बीरेन सिंह ने राज्य के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली। राज्यपाल नजमा हेपतुल्ला ने बीरेन सिंह और आठ दूसरे मंत्रियों को पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई।

भारतीय जनता पार्टी, मणिपुर, बीरेन सिंह, राज्यपाल नजमा हेपतुल्ला

उप मुख्यमंत्री का पद नहीं रहने की बात कहे जाने के चंद घंटों बाद नेशनल पीपुल्स पार्टी (एनपीपी) के वाई. जॉयकुमार को उप मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाई गई। अन्य कैबिनेट मंत्रियों में थोंगम बिश्वजीत, एल. जयंताकुमार, करम श्याम, एल. हाओकिप, एल. किसी, टी. श्यामकुमार और एल. डिक्को शामिल हैं।

श्यामकुमार तृणमूल कांग्रेस के टिकट पर चुने गए हैं। उन्होंने बीरेन सिंह को राज्यपाल के सामने समर्थन दिया। सरकार में भाजपा, एनपीपी, नागा पीपुल्स फ्रंट, तृणमूल कांग्रेस और लोक जनशक्ति पार्टी का प्रतिनिधित्व है। एकमात्र निर्दलीय विधायक असबुद्दीन को मंत्रिमंडल में शामिल नहीं किया गया है। बीरेन सिंह ने मंत्रिमंडल के अगले विस्तार का कोई संकेत नहीं दिया है।

भाजपा अध्यक्ष अमित शाह और केंद्रीय मंत्री एम. वैंकेया नायडू को समारोह में भाग लेने के लिए पहुंचना था। लेकिन, उनके हेलीकॉप्टर को तकनीकी दिक्कत की वजह से आगरा में उतरने को मजबूर होना पड़ा। समारोह में पूर्व मुख्यमंत्री ओकराम इबोबी सिंह भी अतिथियों में शामिल थे।

 

नेशनल

कोर्ट ने बृजभूषण से पूछा- आप गलती मानते हैं, बोले- सवाल ही उठता, मेरे पास बेगुनाही के सारे सबूत

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नई दिल्ली। महिला पहलवानों से यौन शोषण मामले में भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह मंगलवार को दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट में पेश हुए। कोर्ट ने उन्हें उनके खिलाफ तय किए आरोप पढ़कर सुनाए। इसके बाद कोर्ट ने बृजभूषण से पूछा कि आप अपने ऊपर लगाए गए आरोप स्वीकार करते हैं? इस पर बृजभूषण ने कहा कि गलती की ही नहीं मानने का सवाल ही नहीं उठता। इस दौरान कुश्ती संघ के पूर्व सहायक सचिव विनोद तोमर ने भी स्वयं को बेकसूर बताया। तोमर ने कहा कि हमनें कभी भी किसी पहलवान को घर पर बुलाकर न तो डांटा है और न ही धमकाया है। सभी आरोप झूठे हैं।

मीडिया द्वारा यह पूछे जाने पर कि क्या आरोपों के कारण उन्हें चुनावी टिकट की कीमत चुकानी पड़ी, इस पर बृजभूषण सिंह ने मुस्कुराते हुए जवाब दिया, “मेरे बेटे को टिकट मिला है।” बता दें कि उत्तर प्रदेश से छह बार सांसद रहे बृजभूषण शरण सिंह को इस बार भाजपा ने टिकट नहीं दिया है। पार्टी उनकी बजाय, उनके बेटे करण भूषण सिंह को कैसरगंज सीट से टिकट दिया है, जिसका बृजभूषण तीन बार प्रतिनिधित्व कर चुके हैं।

बृजभूषण सिंह ने सीसीटीवी रिकाॅर्ड और दस्तावेजों से जुड़े अन्य विवरण मांगने के लिए बृजभूषण सिंह ने आवेदन दायर किया है। उनके वकील ने कहा कि उनके दौरे आधिकारिक थे। मैं विदेश में उसी होटल में कभी नहीं ठहरा जहां खिलाड़ी स्टे करते थे। वहीं दिल्ली कार्यालय की घटनाओं के दौरान भी मैं दिल्ली में नहीं था। बता दें कि कोर्ट इस मामले में जल्द ही अपना फैसला सुना सकता है। कोर्ट ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट का आदेश है कि एमपी-एमएलए मामलों में लंबी तारीखें नहीं दी जाएं। हम 10 दिन से अधिक की तारीख नहीं दे सकते।

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