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मुख्य समाचार

मणिपुर: भाजपा ने बीरेन सिंह को मुख्यमंत्री के लिए चुना

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इंफाल। मणिपुर में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने मुख्यमंत्री पद के लिए एन. बीरेन सिंह को चुना है। वह जल्द ही राज्यपाल नजमा हेपतुल्ला से मिलकर सरकार बनाने का दावा पेश करेंगे। राज्य के पूर्व मंत्री बीरेन सिंह को भाजपा विधायक दल का नेता चुना गया है।

पार्टी के इस फैसले का ऐलान यहां दो केंद्रीय मंत्रियों पीयूष गोयल और प्रकाश जावड़ेकर की मौजूदगी में किया गया। बीरेन सिह ने इस मौके पर कहा, “मैंने कांग्रेस को इसके कुशासन के कारण छोड़ा था। मैं आपको आश्वस्त करता हूं कि भाजपा निश्चित ही अच्छी सरकार देगी।”

बीरेन सिंह ने बीते साल अक्टूबर में कांग्रेस सरकार और कांग्रेस पार्टी छोड़ दी थी, तथा भाजपा का दामन थाम लिया था। बीरेन सिंह हीनगैंग विधानसभा क्षेत्र से विधायक हैं। वह राज्य में भाजपा के पहले मुख्यमंत्री होंगे। उन्होंने निकटतम प्रतिद्वंद्वी तृणमूल कांग्रेस के पांगीजम सरतचंद्र सिंह को हराया था।

फुटबाल खिलाड़ी से पत्रकार और फिर राजनेता बने बीरेन सिह एक समय निवर्तमान मुख्यमंत्री इबोबी सिंह के खास सहयोगी थे। मुख्यमंत्री पद के एक अन्य दावेदार भाजपा विधायक थोंगम विश्वजीत भी थे।

60 सदस्यीय मणिपुर विधानसभा में कांग्रेस ने 28 और भाजपा ने 21 सीटें जीती हैं। दोनों बहुमत से दूर हैं। लेकिन अन्य छोटे दलों, एक निर्दलीय और कांग्रेस के एक विधायक के समर्थन से भाजपा ने 32 विधायकों का समर्थन जुटा लिया है, जो सरकार गठन के लिए पर्याप्त है।

अन्य दलों में नागा पीपुल्स फ्रंट और नेशनल पीपुल्स पार्टी को चुनाव में चार-चार सीटें हासिल हुईं। ऑल इंडिया तृणमूल कांग्रेस और लोक जनशक्ति पार्टी के हिस्से एक-एक सीटें आई, वहीं एक सीट पर निर्दलीय उम्मीदवार की जीत हुई थी।

नेशनल

कोर्ट ने बृजभूषण से पूछा- आप गलती मानते हैं, बोले- सवाल ही उठता, मेरे पास बेगुनाही के सारे सबूत

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नई दिल्ली। महिला पहलवानों से यौन शोषण मामले में भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह मंगलवार को दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट में पेश हुए। कोर्ट ने उन्हें उनके खिलाफ तय किए आरोप पढ़कर सुनाए। इसके बाद कोर्ट ने बृजभूषण से पूछा कि आप अपने ऊपर लगाए गए आरोप स्वीकार करते हैं? इस पर बृजभूषण ने कहा कि गलती की ही नहीं मानने का सवाल ही नहीं उठता। इस दौरान कुश्ती संघ के पूर्व सहायक सचिव विनोद तोमर ने भी स्वयं को बेकसूर बताया। तोमर ने कहा कि हमनें कभी भी किसी पहलवान को घर पर बुलाकर न तो डांटा है और न ही धमकाया है। सभी आरोप झूठे हैं।

मीडिया द्वारा यह पूछे जाने पर कि क्या आरोपों के कारण उन्हें चुनावी टिकट की कीमत चुकानी पड़ी, इस पर बृजभूषण सिंह ने मुस्कुराते हुए जवाब दिया, “मेरे बेटे को टिकट मिला है।” बता दें कि उत्तर प्रदेश से छह बार सांसद रहे बृजभूषण शरण सिंह को इस बार भाजपा ने टिकट नहीं दिया है। पार्टी उनकी बजाय, उनके बेटे करण भूषण सिंह को कैसरगंज सीट से टिकट दिया है, जिसका बृजभूषण तीन बार प्रतिनिधित्व कर चुके हैं।

बृजभूषण सिंह ने सीसीटीवी रिकाॅर्ड और दस्तावेजों से जुड़े अन्य विवरण मांगने के लिए बृजभूषण सिंह ने आवेदन दायर किया है। उनके वकील ने कहा कि उनके दौरे आधिकारिक थे। मैं विदेश में उसी होटल में कभी नहीं ठहरा जहां खिलाड़ी स्टे करते थे। वहीं दिल्ली कार्यालय की घटनाओं के दौरान भी मैं दिल्ली में नहीं था। बता दें कि कोर्ट इस मामले में जल्द ही अपना फैसला सुना सकता है। कोर्ट ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट का आदेश है कि एमपी-एमएलए मामलों में लंबी तारीखें नहीं दी जाएं। हम 10 दिन से अधिक की तारीख नहीं दे सकते।

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