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नेशनल

भोपाल गैस हादसे में जान गंवाने वालों को श्रद्धांजलि

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भोपाल| मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में हुए गैस हादसे की गुरुवार को 31वीं बरसी मनाई जा रही है। इस मौके पर एक सर्वधर्म प्रार्थनासभा का आयोजन किया गया, जिसमें हादसे में जान गंवाने वालों को श्रद्धांजलि दी गई। दूसरी ओर इस हादसे से प्रभावित परिवार यूनियन कार्बाइड और डाओ केमिकल के साथ-साथ केंद्र सरकार तथा राज्य सरकार के खिलाफ भी अपने गुस्से का इजहार कर रहे हैं।

गैस हादसे की 31वीं बरसी पर बरकतउल्ला भवन के केंद्रीय पुस्तकालय में सर्वधर्म प्रार्थनासभा हुई। विभिन्न धर्मगुरुओं ने धार्मिक पाठ कर मृतकों को श्रद्धांजलि दी और प्रभावित लोगों के सुखमय जीवन की कामना की। दो मिनट का मौन भी रखा गया। इस मौके पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चैहान, गैस राहत मंत्री नरोत्तम मिश्रा, गृह मंत्री बाबूलाल गौर सहित अन्य लोग भी मौजूद थे।

उल्लेखनीय है कि दो-तीन दिसंबर, 1984 की रात को यूनियन कार्बाइड संयंत्र से जहरीली गैस रिसी थी। इस हादसे में एक रात में तीन हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो गई। मौतों का यह सिलसिला अब भी जारी है। मृतकों की याद में तीन दिसंबर को श्रद्धांजलि सभा, प्रार्थना सभा का आयोजन और गैस पीड़ितों का प्रदर्शन वर्षो से होता आ रहा है।

भोपाल गैस पीड़ितों के लिए काम करने वाले संगठन अपने-अपने तरह से रैली व जुलूस निकालकर अपने गुस्से का इजहार कर कर रहे हैं। भोपाल ग्रुप ऑफ इंफॉर्मेशन और एक्शन के सतीनाथ षड्ंगी ने भोपाल टॉकीज से यूनियन कार्बाइड संयंत्र तक रैली निकालने की बात कही है, जबकि भोपाल गैस पीड़ित महिला उद्योग संगठन ने भी प्रदर्शन की बात कही है।

इसी तरह भोपाल गैस पीड़ित सहयोग संघर्ष संगठन की संयोजक साधना कार्णिक ने अपने संगठन की ओर से यूनियन कार्बाइड संयंत्र के सामने श्रद्धांजलि सभा का आयोजन करने की बात कही।

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जानिए कौन हैं वो चार लोग, जिन्हें पीएम मोदी ने नामांकन के लिए अपना प्रस्तावक चुना

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वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी के काल भैरव मंदिर में दर्शन करने के बाद अपना नामांकन दाखिल कर दिया। पीएम मोदी ने वाराणसी से तीसरी बार अपना नामांकन दाखिल किया है। पीएम मोदी के नामांकन में गृह मंत्री अमित शाह और राजनाथ सिंह समेत 20 केंद्रीय मंत्री मौजूद रहे। इसके अलावा 12 राज्यों के सीएम भी शामिल हुए। पीएम मोदी के नामांकन के दौरान उनके साथ चार प्रस्तावक भी कलेक्ट्रेट में मौजूद रहे।

इनमें एक पुजारी, दो ओबीसी और एक दलित समुदाय के व्यक्ति का नाम है। दरअसल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान चार प्रस्तावक मौजूद रहे। इनमें पहला नाम आचार्य गणेश्वर शास्त्री का है, जो कि पुजारी हैं। इसके बाद बैजनाथ पटेल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान प्रस्तावक बने, जो ओबीसी समुदाय से आते हैं। वहीं लालचंद कुशवाहा भी पीएम के नामांकन में प्रस्तावक के तौर पर शामिल हुए। ये भी ओबीसी समाज से आते हैं। पीएम मोदी के प्रस्तावकों में आखिरी नाम संजय सोनकर का भी है, जो कि दलित समुदाय से हैं।

चुनाव में प्रस्तावक की भूमिका अहम होती है। ये ही वे लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार के नाम का प्रस्ताव रखते हैं। निर्वाचन आयोग के मुताबिक, प्रस्तावक वे स्‍थानीय लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार को चुनाव लड़ने के लिए अपनी ओर से प्रस्तावित करते हैं। आमतौर पर नामांकन के लिए किसी महत्वपूर्ण दल के वीआईपी कैंडिडेट के लिए पांच और आम उम्मीदवार के लिए दस प्रस्तावकों की जरूरत होती है।

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