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बैंकों में जमा पुराने नोटों की बारीकी से छानबीन होगी

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अरुण जेटली, नोटबंदी, रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया, संवाददाता

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अरुण जेटली, नोटबंदी, रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया, संवाददाता

                                 arun jaitley

नई दिल्ली  | वित्त मंत्री अरुण जेटली ने गुरुवार को कहा कि नोटबंदी के बाद बैंकों में जमा किए गए पुराने नोटों की बारीकी से जांच की जाएगी और कोई अनियमितता पाए जाने पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी। जेटली में बैंकों में बड़े पैमाने पर जमा हुए बड़ी रकम का हवाला देते हुए संवाददाता सम्मेलन में कहा, “केवल बैंक में पैसा जमा कर देने का मतलब यह नहीं है कि इसका रंग काला से सफेद हो जाएगा।”

बुधवार को रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने कहा था कि नोटबंदी के बाद 6 दिसंबर तक लोग 11.55 लाख करोड़ रुपये बैंकों में जमा कर चुके हैं।

जेटली ने कहा, “कर देनदारी अभी भी बनी रहेगी और जमा रकम की बारीकी से जांच की जाएगी।”

वित्त मंत्री ने कहा कि कितना काला धन जमा हुआ है, यह तो खातों को देखने-परखने के बाद ही पता चल सकेगा।

उन्होंने कहा, “कितना काला धन जमा हुआ है। यह इस पर निर्भर करता है कि कितने की सफाई दे दी गई है और कितने की नहीं दी गई है।”

 

नेशनल

जानिए कौन हैं वो चार लोग, जिन्हें पीएम मोदी ने नामांकन के लिए अपना प्रस्तावक चुना

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वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी के काल भैरव मंदिर में दर्शन करने के बाद अपना नामांकन दाखिल कर दिया। पीएम मोदी ने वाराणसी से तीसरी बार अपना नामांकन दाखिल किया है। पीएम मोदी के नामांकन में गृह मंत्री अमित शाह और राजनाथ सिंह समेत 20 केंद्रीय मंत्री मौजूद रहे। इसके अलावा 12 राज्यों के सीएम भी शामिल हुए। पीएम मोदी के नामांकन के दौरान उनके साथ चार प्रस्तावक भी कलेक्ट्रेट में मौजूद रहे।

इनमें एक पुजारी, दो ओबीसी और एक दलित समुदाय के व्यक्ति का नाम है। दरअसल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान चार प्रस्तावक मौजूद रहे। इनमें पहला नाम आचार्य गणेश्वर शास्त्री का है, जो कि पुजारी हैं। इसके बाद बैजनाथ पटेल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान प्रस्तावक बने, जो ओबीसी समुदाय से आते हैं। वहीं लालचंद कुशवाहा भी पीएम के नामांकन में प्रस्तावक के तौर पर शामिल हुए। ये भी ओबीसी समाज से आते हैं। पीएम मोदी के प्रस्तावकों में आखिरी नाम संजय सोनकर का भी है, जो कि दलित समुदाय से हैं।

चुनाव में प्रस्तावक की भूमिका अहम होती है। ये ही वे लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार के नाम का प्रस्ताव रखते हैं। निर्वाचन आयोग के मुताबिक, प्रस्तावक वे स्‍थानीय लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार को चुनाव लड़ने के लिए अपनी ओर से प्रस्तावित करते हैं। आमतौर पर नामांकन के लिए किसी महत्वपूर्ण दल के वीआईपी कैंडिडेट के लिए पांच और आम उम्मीदवार के लिए दस प्रस्तावकों की जरूरत होती है।

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